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एयरबस प्रोजेक्ट पर आदित्य की चुनौती स्वीकारेंगे फडणवीस?

एयरबस प्रोजेक्ट पर आदित्य की चुनौती स्वीकारेंगे फडणवीस?

क्या महाराष्ट्र में परिस्थितियाँ माकूल नहीं थीं इस वजह से एयरबस प्रोजेक्ट गुजरात चला गया? देवेंद्र फडणवीस किस आधार पर यह दलील दे रहे हैं और आदित्य ठाकरे ने इसको चुनौती क्यों दे रहे हैं?

शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे ने एयरबस प्रोजेक्ट को लेकर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को चुनौती दी है। उन्होंने फडणवीस को उनके इस दावे पर चुनौती दी कि टाटा के एक अधिकारी ने उनसे कहा है कि राज्य में स्थितियाँ एयरबस परियोजना के लिए उपयुक्त नहीं हैं। आदित्य ने चुनौती दी कि फडणवीस टाटा के उस अधिकारी का नाम बताएँ जिसने महाराष्ट्र में माकूल माहौल नहीं होने की बात कही है। 

आदित्य ने आगे कहा है कि 'हम जो जानते हैं वह यह है कि टाटा ने कहा है कि उन्हें विशेष तौर पर बताया गया है कि केंद्र सरकार गुजरात में परियोजना स्थापित करेगी।' उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को इस मुद्दे पर उनके साथ आमने-सामने बहस करने की चुनौती भी दी।

बता दें कि टाटा-एयरबस का प्रोजेक्ट महाराष्ट्र से निकलकर गुजरात चला गया है। इसका प्लांट अब गुजरात के वडोदरा में लगेगा। यह प्रोजेक्ट 22 हजार करोड़ का है और इसके तहत सी 295 विमान बनाये जाने हैं। ऐसा पहली बार होगा जब निजी कंपनियाँ भारत में सैन्य विमान बनाएंगी। सी 295 को नागरिक और सैन्य उपयोग के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। 

इस प्रोजेक्ट के महाराष्ट्र से निकलकर गुजरात जाने पर पूर्व कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे ने पहले भी नाराज़गी जताई थी। उन्होंने कहा कि वह जुलाई से ही इस बारे में आवाज़ उठा रहे थे। आदित्य ठाकरे ने सवाल उठाया था कि क्या महाराष्ट्र सरकार के उद्योग मंत्री चार प्रोजेक्ट्स के राज्य से बाहर जाने के बाद अपने पद से इस्तीफा देंगे? 

इन हमलों के बाद देवेंद्र फडणवीस ने पूर्ववर्ती उद्धव सरकार पर निशाना साधा था। फडणवीस ने एक दिन पहले सोमवार को कहा था कि परियोजना को महाराष्ट्र से ले जाने का फ़ैसला उस समय लिया गया जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे। महाराष्ट्र में नवंबर 2019 से जून 2022 तक उद्धव सरकार थी।

 - Satya Hindi

उन्होंने कहा था, "मैंने 24 अप्रैल, 2021 को टाटा एयरबस रक्षा परियोजना के प्रमुखों को व्यक्तिगत रूप से मेरे आवास ‘सागर’ पर बुलाया था, जबकि मैं राज्य में विपक्ष का नेता था। मैंने उनसे बात की और उन्हें बताया कि एक वरिष्ठ नेता के रूप में मैं तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से महाराष्ट्र में परियोजना के लिए बात करूंगा।"

फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा था, 

‘हालांकि टाटा एयरबस रक्षा परियोजना से जुड़े लोगों ने मुझसे कहा कि यहाँ का माहौल निवेश जैसा नहीं है।’


देवेंद्र फडणवीस, महाराष्ट्र उपमुख्यमंत्री

फडणवीस के इन दावों के बाद ही अब आदित्य ठाकरे ने कहा है कि शिंदे को महाराष्ट्र में निवेश के मुद्दे पर बात करनी चाहिए थी, न कि उनके डिप्टी को।

उन्होंने कहा, 'हर पैसा महत्वपूर्ण है, इसलिए राज्य में आने वाले हर निवेश का स्वागत किया जाना चाहिए। लेकिन फिर हमने वेदांत-फॉक्सकॉन, चिकित्सा उपकरण पार्क, बल्क ड्रग पार्क, एयरबस परियोजना और बहुत कुछ खो दिया। सरकार ने अब कहा है कि हम बेहतर परियोजनाएँ लाएँगे। लेकिन वे अब जो लाए हैं वह 2000 करोड़ रुपये की परियोजना है जबकि हमें 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुक़सान हुआ है।'

उन्होंने फडणवीस के आरोपों पर भी टिप्पणी की कि फॉक्सकॉन के महाराष्ट्र नहीं आने की घोषणा तत्कालीन उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने पिछले साल सितंबर में की थी। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार ठाकरे ने कहा, 'मैं यह नहीं कह रहा हूँ कि उपमुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं, या वह महाराष्ट्र के लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन यह तय है कि उनके लोगों द्वारा उन्हें ठीक से जानकारी नहीं दी जा रही है।'

उन्होंने कहा, 'अगर उन्हें ठीक से जानकारी दी गई होती, तो वह विवरण पढ़ लेते और जानते कि फॉक्सकॉन और वेदांत फॉक्सकॉन सौदों के बीच अंतर था।'

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