बिहार के गोपालगंज जिले में एक महीने पहले ही जिस पुल का उद्घाटन हुआ था, वह बुधवार को बह गया। यह पुल सोती नदी पर बनाया गया था और 16 जून को इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था। इसकी लागत लगभग 264 करोड़ रुपये बताई गई है।
पुल के बहने की घटना के बाद बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर हमला बोल दिया है। तेजस्वी ने कहा है कि ख़बरदार! अगर किसी ने इसे नीतीश जी का भ्रष्टाचार कहा तो उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘263 करोड़ तो सुशासनी मुँह दिखाई है, इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते हैं।’ नीतीश कुमार ख़ुद को सुशासन बाबू कहलाना पसंद करते हैं।
तेजस्वी यादव ने कहा कि क्या नीतीश कुमार में हिम्मत है कि वह संबंधित विभाग के मंत्री पर कार्रवाई करेंगे। उन्होंने पूछा है कि क्या इसे बनाने वाली कंपनी पर कोई कार्रवाई होगी।
'बिहार में चारों तरफ लूट'
तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा, ‘263 करोड़ से 8 साल में पुल बना लेकिन मात्र 29 दिन में ढह गया। संगठित भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह नीतीश जी इस पर एक शब्द भी नहीं बोलेंगे और ना ही साइकिल से रेंज रोवर की सवारी कराने वाले भ्रष्टाचारी सहपाठी पथ निर्माण मंत्री को बर्खास्त करेंगे। बिहार में चारों तरफ लूट ही लूट मची है।’ उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान कोरोना से लड़ाई में नहीं वर्चुअल रैलियों पर है।
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इस पुल का बह जाना निश्चित रूप से राज्य सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े करता है। इस पुल के बनने में आठ साल का वक्त लगा था और यह पहली बरसात ही नहीं झेल सका और सिर्फ़ एक महीने में बह गया। इससे समझा जा सकता है कि पुल के निर्माण में बेहद ख़राब क्वालिटी के सामान का इस्तेमाल हुआ होगा।
दूसरी ओर, बिहार में कोरोना से निपटने को लेकर भी नीतीश सरकार सवालों के घेरे में है। हालात इस क़दर ख़राब हो चुके हैं कि राज्य में 16 से 31 जुलाई तक फिर से लॉकडाउन लगाना पड़ा है। कोरोना महामारी से निपटने के इंतजामों को लेकर विपक्ष के ढेरों सवालों के बीच इस पुल के बह जाने के बाद उठने वाले सवालों का जवाब देना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए बेहद मुश्किल होगा।