पंजाब सरकार ने पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों और एसजीपीसी सदस्यों सहित करीब 185 और पुलिस सुरक्षाकर्मियों की सुरक्षा वापस ले ली। सुरक्षा पाने वालों में पूर्व अकाली मंत्री सुरजीत सिंह रखड़ा, सुच्चा सिंह छोटेपुर, बीबी जागीर कौर और तोता सिंह, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रभारी राजीव शुक्ला और, पूर्व सीएम चन्नी, अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह शामिल हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि इस आदेश से 500 से अधिक पुलिसकर्मियों को वीआईपी ड्यूटी से मुक्त किया गया है। पिछले महीने सत्ता में आने के एक दिन बाद आप सरकार ने 122 पूर्व मंत्रियों और विधायकों की सुरक्षा वापस लेने का आदेश दिया था।
इससे पहले आम आदमी पार्टी ने जब पंजाब में जीत हासिल की और चुनाव नतीजे आ गए तो अफसरशाही ने करीब 122 वीआईपी लोगों की सुरक्षा वापस ले ली थी। हालांकि तब तक भगवंत मान ने बतौर सीएम शपथ नहीं ली थी। उस समय जो सूची आई थी, उससे पता चला कि कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह राजा वारिंग, जो पूर्व परिवहन मंत्री थे, ने अपनी सुरक्षा के लिए आश्चर्यजनक रूप से 21 कमांडो प्राप्त किए थे, जो सूची में शामिल नेताओं में सबसे ज्यादा थे। बठिंडा शहरी सीट से हारने वाले पूर्व मंत्री मनप्रीत सिंह बादल की सुरक्षा 19 सुरक्षाकर्मी कर रहे थे, जबकि एक अन्य पूर्व मंत्री भारतभूषण आशु की सुरक्षा 16 जवान कर रहे थे।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी को पंजाब विधानसभा चुनावों में रिकॉर्ड 92 सीटें मिली थीं और भगवंत मान और उनके मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह 16 मार्च को हुआ था।