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चिदंबरम को 14 दिन की न्यायिक हिरासत, भेजे गए तिहाड़ जेल

चिदंबरम को 14 दिन की न्यायिक हिरासत, भेजे गए तिहाड़ जेल

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को तिहाड़ जेल भेज दिया गया है। उन्हें वहाँ 19 सितंबर तक रहना होगा। उनके लिए अलग सेल का इंतजाम किया गया है। 

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को ज़बरदस्त झटका लगा है। सीबीआई कस्टडी में 15 दिन गुजारने के बाद अब उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया है। उन्हें वहाँ 19 सितंबर तक रहना होगा। उनके लिए अलग 'सेल' का इंतजाम किया जा रहा है। वहाँ उनके लिए वेस्टर्न कमोड का टॉयलट और दवाओं का इंतजाम किया जाएगा।  

सीबीआई ने विशेष अदालत में पहले ही कहा था कि उसे अब पूर्व वित्त मंत्री को कस्टडी में नहीं रखना है, इसकी ज़रूरत नहीं है। लिहाज़ा, उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया जाए। चिदंबरम ने इसका विरोध किया था और अदालत से अपील की थी कि उन्हें जेल नहीं भेजा जाए। 

विशेष अदालत में सीबीआई ने कहा था कि चिदंबरम को न्यायिक हिरासत यानी ज्यूडिशियल कस्टडी में रखने जाने की ज़रूरत है, लिहाज़ा उन्हें तिहाड़ जेल भेजा जाए।

अलग 'सेल'

इसके तुरन्त बाद पूर्व वित्त मंत्री के वकील कपिल सिब्बल ने माँग की कि चिदंबरम को अलग सेल, वेस्टर्न टॉयलेट, खाट और दवा का इंतजाम किया जाए। अदालत ने ये सारी माँगे मान लीं। अब चिदंबरम को जल्द ही तिहाड़ के जेल नंबर एक भेज दिया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि पी चिदंबरम को 'ज़ेड' कटेगरी की सुरक्षा मिली हुई है। लिहाज़ा, उनको अलग से कमरे में रखने की इजाज़त दिए जाने पर विचार किया जाना चाहिए। इसके बाद सीबीआई कोर्ट ने पी चिदंबरम की अपील मान ली। अब चिदंबरम को तिहाड़ जेल में अलग बैरक में रखा जाएगा और उनको सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।

चिदंबरम ने अदालत से कहा, 'यदि एनफ़ोर्समेंट डाइरेक्टरेट मुझे गिरफ़्तार करना चाहता है तो मैं सीधे उसके कस्टडी में जाने को तैयार हूँ, पर मुझे न्यायिक हिरासत में क्यों भेजा जाना चाहिए?' लेकिन सीबीआई इससे सहमत नहीं हुआ। 

अभियुक्त एक ताक़तवर और प्रभावशाली आदमी हैं, लिहाज़ा उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जाना चाहिए।


सीबीआई का वकील

पी चिदंबरम के बेटे कार्ति ने कहा कि उनके पिता जल्द ही घर लौट आएँगे क्योंकि उस मामले में कोई दम नहीं है। 

तिहाड़ जेल के निदेशक जनरल संदीप गोयल ने कहा कि पी चिदंबरम को जेल नंबर 1 और अलग बैरक में रखा जाएगा। उनको खाने में रोटी, दाल और सब्जी दी जाएगी। साथ ही जरूरी दवाएँ, चश्मा, सुरक्षा और वेस्टर्न टॉयलेट समेत वो सभी सुविधाएं दी जाएँगी, जिनकी कोर्ट ने इजाज़त दी है।

विशेष सुरक्षा

पी. चिदंबरम केंद्रीय गृहमंत्री रह चुके हैं, लिहाज़ा उन्हें विशेष सुरक्षा दी जाएगी। उन्हें दूसरे अंडरट्रायल कैदियों की तरह बर्ताव किया जाएगा। उनको कोर्ट के आदेश और जेल मैनुअल के अलावा कोई विशेष सुविधा नहीं दी जाएगी। जेल मैनुअल के मुताबिक, कैदियों को रात नौ बजे बैरक में बंद कर दिया जाता है। इसके बाद अगले दिन सुबह 6 से 7 बजे उठना होता है। नाश्ते में दलिया, ब्रेड, चाय और बिस्कुट दिया जाता है। नाश्ते के बाद टहलना होगा और व्यायाम करना होगा। इसके बाद खाना में रोटी, दाल और सब्जी दी जाएगी।

क्या हैं आरोप?

पी चिंदबरम पर आरोप है कि उन्होंने आईएनएक्स मीडिया को विदेशी पूंजी निवेश की मंजूरी देने में घपला किया, अपने पद का दुरुपयोग किया और जानबूझ कर नियमों का उल्लंघन कर आईएनएक्स को 300 करोड़ रुपये के निवेश की छूट दिलवाई, जबकि उसे 41 करोड़ रुपये के निवेश की अनुमति मिली थी। कार्ति पर आरोप यह है कि उन्होंने एक बेनामी कंपनी बना कर आईएनएक्स से पैसे लिए और उसे विदेशी निवेश की छूट पिता से कह कर दिलवाई। 

चिदंबरम पर यह भी आरोप है कि उन्होंने इस पैसे का इस्तेमाल विदेशों में जायदाद खरीदने में किया। इसमें उन्होंने नियम क़ानून का उल्लंघन किया और इस तरह मनी लॉन्डरिंग भी की। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी में यह मामला अलग से चल रहा है। 

इसके पहले आज दिन में अदालत ने आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदबंरम की याचिका को खारिज करते हुए उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। अब यह संभावना जताई जा रही है कि प्रवर्तन निदेशालय चिदंबरम को गिरफ़्तार कर सकता है। 

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