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प्रवासी मज़दूरों को गृह राज्य पहुँचाने के लिए 12,000 बसें चलाएगी योगी सरकार

प्रवासी मज़दूरों को गृह राज्य पहुँचाने के लिए 12,000 बसें चलाएगी योगी सरकार

उत्तर प्रदेश सरकार अपने राज्य में फँसे प्रवासी मज़दूरों को उनके गृह राज्य भेजने के लिए 12 हज़ार बसें चलाएगी। 

उत्तर प्रदेश सरकार अपने राज्य में फँसे प्रवासी मज़दूरों को उनके गृह राज्य भेजने के लिए 12 हज़ार बसें चलाएगी। 

एनडीटीवी ने यह ख़बर दी है। उसने यह भी कहा है कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने तमाम राज्य सरकारों से कहा है कि वे अपने उन लोगों की सूची उसे दें, जिन्हें वे पहुँचाना चाहती हैं। 

सरकार ने ऐसे लोगों की यात्रा के लिए हर ज़िला प्रशासन को 200 बसें मुहैया कराई हैं। इससे 75 ज़िलों में 15,000 अतिरिक्त बसों का इंतज़ाम हो जाएगा।

प्रशासन को निर्देश

राज्य सरकार ने हर ज़िला प्रशासन को यह निर्देश भी दिया है कि वह प्रवासी मज़दूरों के अपने ज़िला में प्रवेश करते ही उन्हें खाने-पीने की चीजें दे।

सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि प्रवासी मज़दूर राज्य में कहीं भी पैदल,  मोटरसाइकिल, तिपहिया वाहन या ट्रक में सफर न करें। वे बस या ट्रेन से ही यात्रा करें। उत्तर प्रदेश सरकार ने 590 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए रेलवे से बात की है और ट्रेन बुक कर दी हैं।

प्रियंका की बात मानी

इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी के उस आग्रह को स्वीकार कर लिया है, जिसमें उन्होंने प्रवासी मजदूरों के लिए 1,000 बसें प्रदेश में दाखिल होने की अनुमति माँगी है। सरकार ने प्रियंका गाँधी को ख़त लिख कर उन बसों की डेटेल्स, मसलन, नंबर, ड्राइवर के नाम वगैरह माँगे हैं।

इसके पहले राहुल गाँधी ने प्रवासी मज़दूरों से मुलाक़ात की थी, जिस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ज़ोरदार हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि राहुल गाँधी उन मज़दूरों के साथ बैठ कर उनका समय नष्ट कर रहे हैं और ड्रामेबाजी कर रहे हैं। इतनी ही सहानुभूति है तो वह उनके सूटकेस लेकर कुछ दूर चल सकते थे।

इस पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए पूछा था कि क्या प्रवासी मजदूरों की बात करना ड्रामा है। इसी संदर्भ में प्रियंका गाँधी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी प्रवासी मजदूरों के लिए बस चला सकती है, बस राज्य सरकार इसकी अनुमति दे दे। 

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