कभी मुसलिम महिलाओं से हनुमान चालीसा का पाठ करवाने, कभी मंदिर पर घंटा चढ़ाने तो कभी गौपूजा करवाने की बात कह कर सुर्खियाँ बटोरने वाले योगी सरकार के इकलौते मुसलिम मंत्री मोहसिन रज़ा ने भगवा रंग पर एक बार फिर कुछ ऐसा ही बयान दिया है।
योगी सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, आईटी और मुसलिम वक़्फ व हज मामलों के राज्य मंत्री मोहसिन रज़ा ने मुसलिमों को भगवा रंग से परहेज़ नहीं करने की सलाह दे डाली है। भगवा रंग को योगी से जोड़ने पर उनका कहना है कि यह रंग तो अल्लाह की देन है, इसका मुख्यमंत्री योगी से कोई मतलब नहीं है। इससे पहले भी अपने कई बयानों को लेकर और हनुमान मंदिर में घंटा वगैरह चढ़ाने को लेकर भी मोहसिन रज़ा सुर्खियों में रह चुके हैं। मोहसिन रज़ा मुसलमानों में शिया समुदाय से आते हैं और सरकार बनने से पहले वह प्रदेश बीजेपी में प्रवक्ता भी रह चुके हैं। रणजी ट्रॉफ़ी में क्रिकेट खेल चुके मोहसिन रज़ा प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में खेल कोटे के कर्मचारी रहे हैं।
मुसलमानों को भगवा पहनने की सलाह संबंधी बयान पर सफ़ाई देते हुए मोहसिन रज़ा ने कहा कि उनकी बातों का ग़लत मतलब निकाला गया है। उन्होंने मुसलमानों को भगवा पहनने के लिए नहीं कहा, बल्कि यह कहा कि भगवा रंग अल्लाह ने बनाया है और यह किसी मज़हब का प्रतीक नहीं है। उनका कहना है कि भगवा को अकेले योगी से जोड़ना ग़लत है, बल्कि यह रंग तो प्रकाश का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि अनेक धर्मगुरु भी भगवा पहनते हैं।
मोहसिन के मुताबिक़ मुसलिमों में एक संप्रदाय है चिश्तियाँ जिसमें लोग भगवा पहनते हैं, लिहाज़ा इसे किसी एक मज़हब से जोड़ना ठीक नहीं है। इसी के साथ उन्होंने दावा किया कि मुसलमानों को भगवा पहनना चाहिए ऐसा उन्होंने कहीं नहीं कहा है। मोहसिन रज़ा का कहना है कि उनसे एक टीवी चैनल ने स्वतंत्रता दिवस मनाने को लेकर बात की थी और भगवा रंग को लेकर उन्होंने विवादास्पद बातें नहीं कही थीं।
होड़ लगी रही है रिज़वी और बुक्कल नवाब में!
सपा से इस्तीफ़ा देकर योगी सरकार में शामिल हुए बुक्कल नवाब, शिया वक़्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी से राज्यमंत्री मोहसिन रज़ा में ऐसे बयान देने को लेकर, लगता है कि एक तरह की होड़ लगी रहती है। बुक्कल नवाब विवादास्पद होर्डिंग लगवाने, कार्यक्रम करवाने को लेकर सुर्खियाँ बटोरते रहे हैं और उनसे होड़ में अक्सर मोहसिन रज़ा भी इसी तरह के बयान देते रहे हैं। बुक्कल नवाब ने बीजेपी में शामिल होने के लिए विधान परिषद से इस्तीफ़ा दिया था। हालाँकि बाद में बीजेपी ने उन्हें फिर से परिषद भेज दिया था।
कभी शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद की खुली मुखालफत कर पूर्व मंत्री आज़म खान व सपा सरकार के प्यारे बने रहे शिया वक़्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी भी अपने बयानों के ज़रिए सुर्खियाँ बटोरते रहे हैं। वसीम रिज़वी बाबरी मसजिद-रामजन्म भूमि विवाद को लेकर विवादास्पद फ़िल्म भी बना चुके हैं और अयोध्या की विवादित ज़मीन को हिन्दुओं को देने की वकालत भी कर चुके हैं।
मदरसों में स्वतंत्रता दिवस मनाने, राष्ट्रगान गाने को कहा
योगी सरकार ने बीते साल की तरह इस बार भी एडवाइज़री जारी कर मदरसों में तिरंगा फहराने और स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाने को कहा है। राज्यमंत्री ने अपने एक अन्य बयान में मदरसा बोर्ड की इस एडवाइज़री का समर्थन किया है कि मदरसों में भी तिरंगा फहराकर स्वतंत्रता दिवस मनाया जाए और राष्ट्रगान हो। इस दिन वहाँ के बच्चों को स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बताया जाए। उन्होंने कहा कि मदरसे के बच्चों को भी आज़ादी मिलने की ख़ुशी मनाने का हक़ है और प्रदेश सरकार को सभी राष्ट्रीय पर्वों पर इस तरह की एडवाइज़री जारी करनी चाहिए।
प्रदेश सरकार की एडवाइज़री में मदरसे में शिक्षकों को आना व राष्ट्रीय पर्व को मनाना अनिवार्य किया गया है। योगी सरकार बीते दो सालों से इस तरह की एडवाइज़री जारी कर रही है। हालाँकि इससे पहले शिया धर्मगुरुओं ने मदरसे में राष्ट्रगान गाने की शुरुआत की थी। शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास का कहना है कि उन्होंने 17 साल पहले ही अपने राजधानी के स्कूलों व मदरसों में इसकी शुरुआत कर दी थी और उन्होंने ख़ुद भी इसमें हिस्सा लिया था।