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मुस्लिम मोहल्लों वाले नाम भी बदल रही योगी सरकार

मुस्लिम मोहल्लों वाले नाम भी बदल रही योगी सरकार

बीजेपी शासित यूपी में मुस्लिम नाम वाले मोहल्लों के नाम भी बदले जा रहे हैं। इसकी शुरुआत गोरखपुर से हुई है जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अपना इलाका है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि नाम बदलने से विकास और तेज होगा। 

यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार अब तमाम शहरों में मुस्लिम मोहल्लों के नाम भी बदलने जा रही है। इसकी शुरुआत यूपी सरकार ने गोरखपुर से की है। संयोग से गोरखपुर योगी आदित्यनाथ का अपना इलाका है। अभी तक यूपी में मुस्लिम नाम वाले शहरों के ही नाम बदल रहे थे लेकिन अब इस काम को माइक्रो लेवल पर किया जा रहा है। गोरखपुर में अली नगर अब आर्य नगर, हुमायूंपुर को हनुमंत नगर, मियां बाजार को माया बाजार नाम से जाना जाएगा। गोरखपुर में नगर निगम की सीमा में जिन मोहल्लों के नाम बदलने का प्रस्ताव किया गया है, उनके बारे में राज्य के स्थानीय निकाय विभाग में आपत्तियां मांगी हैं। यह महज खानापूरी है। शीघ्र नए नामों की अधिसूचना नगर निगम गोरखपुर जारी कर देगा। 

एबीपी न्यूज और आईएएनएस के मुताबिक गोरखपुर नगर निगम में हाल ही में 32 गांव शामिल कर उनके परिसीमन और नए वार्ड बनाने का प्रस्ताव किया गया। 32 गांव शामिल होने के बाद 70 वार्डों वाले गोरखपुर नगर निगम में अब 80 वार्ड हो गए हैं। लेकिन नई वार्ड बंदी के साथ नगर निगम ने ऊपरी आदेश पर मुस्लिम नाम वाले मोहल्लों के नाम भी बदलने का फैसला किया गया। 

न्यूज एजेंसी आईएएनएस की खबर को तमाम मीडिया आउटलेट्स ने जगह दी है। इस खबर के मुताबिक गोरखपुर नगर निगम ने परिसीमन का मसौदा आदेश जारी कर करीब एक दर्जन वार्डों के 'मुसलमानों वाले नाम' बदल दिए हैं। इस कदम पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया हुई है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, नाम बदलना परिसीमन का हिस्सा था, जिसके तहत गोरखपुर में वार्डों की संख्या 80 हो गई, जिनमें से कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों और स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर हैं।

जिन नामों में बदलाव किया गया है उनमें मियां बाजार, मुफ्तीपुर, अलीनगर, तुर्कमानपुर, इस्माइलपुर, रसोलपुर, हुमायूंपुर उत्तर, घोसीपुरवा, दाउदपुर, जाफरा बाजार, काजीपुर खुर्द और चक्सा हुसैन शामिल हैं। नगर निकाय के आदेश के अनुसार इलाही बाग को अब बंधु सिंह नगर, इस्माइलपुर को साहबगंज और जाफरा बाजार को आत्मा राम नगर के नाम से जाना जाएगा।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लोग एक हफ्ते के अंदर अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं और उनके निपटारे के बाद परिसीमन को मंजूरी दी जाएगी।

समाजवादी पार्टी के नेता और इस्माइलपुर के नगरसेवक शहाब अंसारी ने आरोप लगाया कि नाम बदलना हिन्दू मुस्लिम ध्रुवीकरण की सीधी कोशिश है। पार्टी इस संबंध में जिला मजिस्ट्रेट से मुलाकात कर आपत्ति दर्ज कराएगी। कांग्रेस नेता तलत अजीज ने नाम बदलने की कवायद को पैसे की बर्बादी करार दिया। नेता ने पूछा, मैं यह समझने में विफल हूं कि सरकार इससे क्या हासिल करेगी।

हालांकि, मेयर सीताराम जायसवाल ने कहा कि नए नाम गर्व की भावना पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि शिव सिंह छेत्री, बाबा गंभीर नाथ, बाबा राघवदास, डॉ राजेंद्र प्रसाद, मदन मोहन मालवीय और अशफाकउल्लाह खान जैसी हस्तियों के नाम पर वार्डों के नाम रखे गए हैं। इससे शहर का विकास और तेज होगा।

नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने कहा कि आपत्ति एक सप्ताह के भीतर अपर मुख्य सचिव, शहरी विकास विभाग, लखनऊ को भेजी जा सकती है। उन्होंने कहा कि आपत्तियों के निपटारे के बाद परिसीमन को मंजूरी दी जाएगी।  

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