उत्तर प्रदेश में पहले चरण का जब चुनाव चल रहा है तो चुनाव में हाथ आजमा रहे राजनीतिक दलों की मंशा क्या है? इसका जवाब चुनाव शुरू होने से पहले और शुरू होने के दौरान आए उन दलों के बयानों से भी मिल जाता है। आख़िर मतदाताओं को लुभाने के लिए इन प्रमुख दलों का हथियार क्या है और उनका आधार क्या है?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनाव से पहले ट्वीट कर कहा है कि यूपी को कश्मीर, बंगाल नहीं बनने देने के लिए वोट करें। उन्होंने एक वीडियो बयान जारी कहा है कि 'आपका एक वोट उत्तर प्रदेश का भविष्य तय करेगा। नहीं तो उत्तर प्रदेश को कश्मीर, केरल और बंगाल बनते देर नहीं लगेगी।'
आज वोटिंग शुरू होने के बाद समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी वोटरों से अपील की। उन्होंने दो लाइन के ट्वीट में इतना ही कहा है कि 'नयी यूपी का नया नारा, विकास ही विचारधारा बने'।
योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के बयानों के आधार पर यह पता लगाना मुश्किल नहीं है कि कौन किस आधार पर वोट मांग रहा है। एक नयी यूपी का सपना दिखा रहे हैं तो दूसरे कुछ राज्यों के 'हालात' का डर दिखा रहे हैं।
वैसे, राहुल गांधी ने भी कुछ ऐसे ही डर की बात की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि 'देश को हर डर से आज़ाद करो और बाहर आकर वोट करो।'
वैसे, मायावती का अंदाज़ भी अलग है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि यूपी में उस चीज की ज़रूरत है 'जो भाजपा, सपा व कांग्रेस आदि पार्टियों के बूते की बात नहीं'। मायावती ने कहा है कि 'बीएसपी सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति का मूवमेन्ट है जिसका लक्ष्य गरीबों, मजदूरों, किसानों, छोटे व्यापारियों व अन्य मेहनतकश समाज को लाचार व गुलाम जिन्दगी से मुक्ति दिलाकर उन्हें सत्ता में उचित भागीदार बनाना है।'
मायावती ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा है, 'यूपी व केन्द्र की बीजेपी सरकार के खासकर गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई तथा गड्डों वाली सड़क, बिजली, सफाई आदि की ज्वलन्त समस्याओं के प्रति शुतुरमुर्ग की तरह मुँह छिपाए बैठे रहने का अपराध करने से लोगों के पास अब सरकार बदलने का ही एक मात्र विकल्प। बीएसपी बेहतर विकल्प। हमें मौका जरूर दें।'
बता दें कि उत्तर प्रदेश में आज पहले चरण के तहत 58 सीटों पर मतदान हो रहा है। जिन 58 सीटों पर वोटिंग हो रही है उनमें से 2017 के विधानसभा चुनाव में 53 सीटें बीजेपी को मिली थीं। तब सपा को 2 सीटें और रालोद को 1 सीट मिली थी जबकि बीएसपी भी 2 सीटें जीतने में कामयाब रही थी।
इस बार इन 58 सीटों में से सपा 29, रालोद 28 और एनसीपी एक सीट पर चुनाव लड़ रही है। बीजेपी ने इस बार 58 सीटों में से 23 सीटों पर नए चेहरों को मैदान में उतारा है। बीएसपी ने भी त्रिकाणीय मुक़ाबला बनाने के प्रयास में उम्मीदवार उतारे हैं।