योगेंद्र बोले, लगता है जल्द ही ख़ुद इतिहास बन जाएँगे पीएम मोदी!
योगेंद्र यादव ने मोदी सरकार की किसानों को 6 हजार रुपये प्रति साल देने की घोषणा को लेकर तंज कसे हैं। यादव स्वराज इंडिया के अध्यक्ष हैं, जाने-माने राजनीतिक विश्लेषक हैं और साथ ही किसानों के लिए लंबे समय से काम भी करते रहे हैं। यादव ने मोदी सरकार को बताया है कि उसकी इस महान सरकारी ‘मदद’ से एक आम किसान को क्या मिल सकता है।
विपक्ष का हमला: अंतरिम बजट को राहुल ने बताया आख़िरी जुमला बजट
उद्योग जगत: कॉर्पोरेट जगत ने कहा, बजट अच्छा, मूडीज़ ने चिंता जताई
बता दें कि मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा की है। सरकार ने कहा है कि इस योजना के तहत छोटे किसानों के (2 हेक्टेयर तक की ज़मीन वाले) खाते में हर साल 6 हजार रुपये दिए जाएँगे।
बजट हाइलाइट्स: सबको लुभाने की कोशिश है अंतरिम बजट 2019
बजट, एक नज़र में: अंतरिम बजट की मुख्य बातें समझें ग्राफिक्स में
योगेंद्र यादव ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर सरकार की इस योजना को किसानों के साथ मजाक बताया है। योगेंद्र ने ट्वीट करते हुए कहा कि लगता है जल्द ही पीएम ख़ुद इतिहास बनने वाले हैं।
• "ऐतिहासिक" पीएम फ़सल बीमा योजना, जिसका इस बजट में ज़िक्र तक नहीं
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) February 1, 2019
• "ऐतिहासिक" पीएम आशा योजना, जिसमें सरकार के पास ख़रीद के आंकड़ें तक नहीं
और अब..
"ऐतिहासिक" पीएम किसान सम्मान योजना
..लगता है जल्द ही पीएम खुद इतिहास बनने वाले हैं!#Budget2019
यादव ने तंज कसते हुए इस योजना को ‘ऐतिहासिक’ भी बताया है। उन्होंने कहा, ‘सरकार किसानों के घावों पर नमक छिड़क रही है। सरकार की यह ‘मदद’ मनरेगा में या बुजुर्गों को मिलने वाली पेंशन से भी बहुत कम है।’ देखें ट्वीट -
क्या मिला अन्नदाता को: किसानों को हर साल मिलेंगे 6 हजार रुपये
#Budget2019 actually rubs salt in the wounds of farmers
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) February 1, 2019
The 'historic' 6,000 rupees a year for a family of 5 translates to Rs. 3.3 a day.
This is even lower than MNREGA or old-age pension!
यादव ने कहा है कि 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने का वादा करने वाली यह सरकार इस पर जवाब देने के बजाए किसानों के वोट का सौदा कर रही है।
यादव ने कहा, अगर किसी परिवार में 5 सदस्य हैं तो 6000 रुपये साल का मतलब इस परिवार के लिए प्रतिदिन 3.30 रुपये प्रति सदस्य होता है। यादव ने कहा, इसमें तो एक कप चाय भी नहीं मिलती। उन्होंने सवाल पूछा है कि क्या यह पैसा चाय पर चर्चा के लिए दिया गया है। देखें ट्वीट -
सवाल था कि किसानों की आय दुगुनी का वादा करने वाली सरकार ने अब तक कितनी आय बढ़ाई है लेकिन जवाब देने की बजाए ये तो किसानों के वोट का सौदा करने लग गए! असल मे ₹6000 प्रति वर्ष का मतलब 5 सदस्य वाले परिवार के लिए प्रतिदिन ₹3.3 है। इससे तो एक कप चाय भी नही मिलती, चाय पर चर्चा के लिए!
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) February 1, 2019
यादव ने कहा कि सरकार की इस योजना का सीधा मतलब यह है कि वह बीजेपी के लिए किसानों के वोट खरीदेगी और इस पर 20 हजार करोड़ रुपये ख़र्च करेगी। यादव ने कहा कि लेकिन ऐसी योजनाओं से कोई फ़ायदा नहीं होता। अंत समय में चली गई ऐसी चालें कामयाब नहीं होतीं।
मजूदरों का बजट: असंगठित मज़दूरों को मिलेगी मासिक 3,000 रुपये की पेंशन
#Budget2019
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) February 1, 2019
'The ₹ 6,000 a year for farmers' announcement basically means that in the next 3 months, Rs.20,000 crores will be spent by the govt in buying farmer votes for the BJP
But people know these schemes are merely to buy votes. These last minute tricks don't work!
वोटों की कामधेनु: गायों के लिए कामधेनु योजना, राष्ट्रीय गोकुल आयोग बनेगा