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'ओबीसी' पर रामदेव के वीडियो से बवाल, अब सफाई 'ओवैसी कहा था, ओबीसी नहीं'?

'ओबीसी' पर रामदेव के वीडियो से बवाल, अब सफाई 'ओवैसी कहा था, ओबीसी नहीं'?

योग गुरु बाबा रामदेव कथित तौर पर 'ओबीसी' को लेकर दिए एक बयान वाले वीडियो के वायरल होने के बाद अब सफाई क्यों दे रहे हैं?

योग गुरु और पतंजलि के संस्थापक बाबा रामदेव एक वायरल वीडियो के बाद विवाद के केंद्र में आ गए हैं। उस वायरल वीडियो में रामदेव ओबीसी के ख़िलाफ़ टिप्पणी करते नज़र आए। हालाँकि, उस वीडियो की पुष्टि नहीं की जा सकी है, लेकिन अब इस पर रामदेव की ही सफ़ाई आई है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने ओबीसी नहीं कहा था बल्कि ओवैसी कहा था। उनके इस बयान पर भी तीखी टिप्पणियाँ आ रही हैं। 

सोशल मीडिया पर लोगों ने ट्वीट कर कहा है कि पहले तो उन्होंने ओबीसी के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी की और जब लोगों ने उनकी पतंजलि के सामान का बहिष्कार करना शुरू कर दिया तो वह अपने बयान से ही मुकरने लगे। ट्राइबल आर्मी नाम के यूज़र ने दोनों वीडियो ट्वीट कर कहा है कि बयान से मुकरना कोई बाबा रामदेव से सीखे।

ओबीसी को लेकर जो वीडियो वायरल है उसमें बाबा रामदेव कथित तौर पर ओबीसी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते सुने गए थे। उस वीडियो में रामदेव अपनी ब्राह्मण पहचान का दावा करते और ओबीसी समुदाय को अपमानित करते दिखे थे। 

सोशल मीडिया पर वायरल बाबा रामदेव के एक पुराने वीडियो में वह कहते सुने जा सकते हैं, 'मेरा मूल गोत्र है ब्रह्म गोत्र। और मैं अग्निहोत्री हूँ। अग्निहोत्री ब्राह्मण हूं मैं। हां.., बोले 'बाबाजी आप तो ओबीसी हैं'। ओबीसी वाले ऐसी-तैसी कराएँ। मैं हूं अग्निहोत्री ब्राह्मण, मैं हूं वेदी ब्राह्मण, मैं हूं द्विवेदी ब्राह्मण, मैं हूँ त्रिवेदी ब्राह्मण और चतुर्वेदी ब्राह्मण... चार वेद मैंने पढ़े हैं।'

इस वीडियो बयान को लेकर अब पूछे जाने पर रामदेव ने सफाई दी और कहा कि उनकी टिप्पणियाँ एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी को लेकर थीं और उनका इरादा ओबीसी समुदाय का अपमान करना नहीं था।

उन्होंने कहा, 'मैंने कभी ऐसा कुछ नहीं कहा। मैं ओवैसी के बारे में बात कर रहा था। उनकी और उनके लोगों की सोच हमेशा राष्ट्रविरोधी रही है। मैं उसे गंभीरता से नहीं लेता।'

रामदेव के इस बयान के बाद भी सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएँ आईं। ऑल्ट न्यूज़ के मोहम्मद ज़ुबैर ने ट्वीट किया, 'व्यवसायी योगी रामदेव ओबीसी समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करते हैं और उनका वीडियो वायरल होने के बाद और जब लोगों ने उनके पतंजलि उत्पादों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया, तो उन्होंने यह कहकर बचने की कोशिश की कि उन्होंने ओबीसी के नहीं बल्कि ओवैसी के खिलाफ बात की थी। क्योंकि वह जानते हैं कि लोगों को ओवैसी को गाली देने से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन ओबीसी को देने से है।'

बता दें कि रामदेव के पुराने वीडियो के बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने अपना विरोध व्यक्त करने और पिछड़े समुदाय के कथित अपमान के लिए रामदेव की आलोचना करने के लिए उनके पतंजलि के उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए हैशटैग शुरू किया।

इस बीच, असदुद्दीन ओवैसी ने भी कई पोस्ट रीट्वीट किए, जिनमें कहा गया कि रामदेव ने उनके मूल बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया है।

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