यूपी में यादव-मुस्लिम मतदाताओं के नाम हटाए गएः सपा
समाजवादी पार्टी के फिर से चुने गए अध्यक्ष अखिलेश यादव का आरोप है कि राज्य चुनाव आयोग (चुनाव विभाग) ने यूपी के हर विधानसभा क्षेत्र में वोटर लिस्ट से यादव और मुस्लिम मतदाताओं के करीब 20-20 हजार नाम हटा दिए हैं। राज्य के चुनाव विभाग ने यह काम बीजेपी के इशारे पर किया है। अगर इसकी जांच हो तो पता चल जाएगा कि किनके नाम हटा दिए गए हैं। ये बातें पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में गुरुवार 29 सितंबर को अखिलेश यादव ने कहीं। उन्हें इस अधिवेशन में फिर से तीसरी बार राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। यह एक जरूरी प्रक्रिया थी, जिसे पार्टी ने पूरा किया।
अखिलेश ने कहा कि कुछ राज्यों में चुनाव होने वाले हैं तो उसे देखते हुए प्रधानमंत्री मुफ्त गरीब अन्न योजना को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया। कहां पहले तो आर्थिक बोझ और फ्रीबीज की बातें कही जा रही थीं। सरकार ही फ्रीबीज पर सुप्रीम कोर्ट में गई। एक तरफ यह हाल है तो दूसरी तरफ गांवों में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत किसी से छिपी नहीं है। सरकार गांवों में स्ट्रेचर और एम्बुलेंस मुहैया नहीं करा पा रही है और दूसरी तरफ बड़े उद्योगपतियों को खुलेआम फायदा पहुंचाया जा रहा है।
अखिलेश लोगों से 2024 के राष्ट्रीय चुनावों में बीजेपी को सत्ता से हटाने और समाजवादी सपा को अगले पांच वर्षों में एक राष्ट्रीय पार्टी बनने में मदद करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि लोगों ने 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों में सपा को वोट दिया था, लेकिन बीजेपी ने उनकी सरकार छीन ली और कदाचार और आधिकारिक मशीनरी के दुरुपयोग के साथ अपनी खुद की सरकार बना ली। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि यूपी में अगर बीजेपी सरकार नहीं बना पाती तो केंद्र से भी बाहर हो जाती। इसलिए उन्होंने वह सब किया जो वे कर सकते थे। इसलिए सपा को अब राष्ट्रीय पार्टी बनाना जरूरी है।
#WATCH | Lucknow, UP: Election commission deliberately reduced the votes of Yadavs & Muslims by 20,000 in almost every Vidhan sabha seat on diktats of BJP & its aides. Probe can be conducted, it will be found that the names of many people were removed...: SP chief Akhilesh Yadav pic.twitter.com/TXGQz14pfh
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 29, 2022
अखिलेश ने कहा कि भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने सबसे ज्यादा निराश किया। जबकि मेरा उसमें बहुत विश्वास था। चुनाव आयोग ने बूथों के वोटों की गिनती में पक्षपात किया। बीजेपी की खुलेआम मदद की। इसलिए अब हमें बूथ स्तर पर काफी मजबूत बनना है।
उन्होंने राज्य और केंद्र में बीजेपी सरकारों के खिलाफ संघर्ष जारी रखने की कसम खाई, भले ही उन्हें जेलों को भरना पड़े। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और संविधान खतरे में हैं और दिल्ली और लखनऊ की सरकारों ने संवैधानिक संस्थानों पर कब्जा कर लिया है।
पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में अखिलेश यादव ने कहा-हम संघर्ष से नहीं डरते। हम कभी भी बड़ा आंदोलन करके जेलें भर सकते हैं। अखिलेश ने बड़ी संख्या में सपा में शामिल हो रहे समाजवादियों और दलितों के बीच एकता की बात कही। उन्होंने बीजेपी नेताओं को झूठा और प्रचारक बताया।
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इस नवरात्रि में हम देवी दुर्गा से प्रार्थना करते हैं कि बीजेपी नेता झूठ बोलना बंद कर दें ... किसान व्यथित हैं, लेकिन गुजरात के व्यापारियों को अधिकतम लोन माफी दी गई ... उद्योगों को गुजरात ले जाया जा रहा है। यूपी जैसे राज्य को क्यों नहीं, जिसने बीजेपी को अधिकतम सीटें दीं और केंद्र में दो बार सरकार बनाने में मदद की?
- अखिलेश यादव, 29 सितंबर को लखनऊ में सपा के राष्ट्रीय सम्मेलन में
सपा नेता राम गोपाल यादव ने इससे पहले बताया कि पूर्व सीएम अखिलेश ही इस पद के लिए एकमात्र उम्मीदवार थे और पांच साल के लिए पार्टी प्रमुख चुने गए हैं। इसी तरह नरेश उत्तम पटेल फिर से उत्तर प्रदेश सपा अध्यक्ष चुने गए।
अखिलेश यादव ने अपने ऊपर दिखाए गए भरोसे के लिए पार्टी का शुक्रिया अदा किया। कहा - यह सिर्फ एक पद नहीं है, बल्कि एक बड़ी जिम्मेदारी है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपने मुझे जो जिम्मेदारी दी है, उसके लिए भले ही मुझे जीवन का हर दिन और हर पल काम और संघर्ष के लिए समर्पित करना पड़े, मैं करूंगा।
उन्होंने कहा कि सपा संस्थापक और उनके पिता मुलायम सिंह यादव हमेशा चाहते थे कि यह एक राष्ट्रीय पार्टी बने। ... हमने ऐसा करने की बहुत कोशिश की और बहुत मेहनत की...। फिर से करेंगे।