जिस वुहान से पहला कोरोना केस आया था वहाँ सभी लोगों की जाँच होगी
चीन के जिस वुहान शहर में सबसे पहले कोरोना संक्रमण का मामला सामने आया था वहाँ की पूरी आबादी की अब कोरोना की जाँच की जाएगी। इस शहर में एक साल बाद पहली बार स्थानीय संक्रमण का मामला सामने आया है। इसी के बाद शहर के अधिकारियों ने मंगलवार को इतने बड़े पैमाने पर जाँच की घोषणा की है।
कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के मामले सामने आने के बाद बड़े पैमाने पर जाँच चीन के कई शहरों में की जा रही है। बीजिंग सहित प्रमुख शहरों में स्थानीय सरकारों ने अब लाखों लोगों का परीक्षण किया है, जबकि आवासीय परिसरों को बंद कर दिया गया है। क्वारंटीन की भी सख़्त व्यवस्था की गई है। एक आधिकारिक बयान में पहले ही कहा गया है कि हुनान प्रांत के केंद्रीय शहर झूझोउ ने सोमवार को 12 लाख लोगों से अधिक निवासियों को अगले तीन दिनों के लिए सख्त लॉकडाउन के तहत घर में रहने का आदेश दिया है, क्योंकि इसने एक शहरव्यापी टेस्टिंग और टीकाकरण अभियान शुरू किया है।
अधिकारियों ने सोमवार को घोषणा की कि शहर में प्रवासी कामगारों के बीच सात स्थानीय रूप से संक्रमण के मामले पाए गए थे। 2020 की शुरुआत में एक अभूतपूर्व लॉकडाउन से शुरुआती प्रकोप को ख़त्म करने के बाद से स्थानीय संक्रमण के मामले नहीं पाए गए थे। स्थानीय स्तर पर संक्रमण के फैलने का मतलब है कि संक्रमित व्यक्ति ने न तो विदेश का दौरा किया है और न ही वह ज्ञात रूप से किसी ऐसे व्यक्ति से संक्रमित हुआ हो जिसने विदेश का दौरा किया है। पूरे चीन में मंगलवार को स्थानीय संक्रमण के 61 मामले सामने आए हैं।
बता दें कि पहली बार यह वायरस जब चीन के वुहान शहर में 2019 के दिसंबर महीने में आया तो विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ का कहना था कि यह एक नया वायरस है। चीन के हुएई प्रांत के वुहान शहर में न्यूमोनिया के कई केस आने के बारे में डब्ल्यूएचओ को 31 दिसंबर 2019 को जानकारी दी गई थी। यह वायरस अलग तरह का वायरस था। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार क़रीब एक हफ़्ते बाद 7 जनवरी को उसे बताया गया कि चीन के अधिकारियों ने एक नये वायरस की पहचान की। यह नया वायरस कोरोना वायरस था।
इसके बाद वुहान शहर कोरोना का केंद्र बन गया। लेकिन मार्च-अप्रैल आते-आते वहाँ यह वायरस पूरी तरह नियंत्रण में हो गया, लेकिन दुनिया के दूसरे शहर इसकी गंभीर चपेट में हैं।
2019 में कोरोना संक्रमण फैलने के शुरुआती दिनों के बाद बेहतरीन तरीक़े से नियंत्रण करने का दावा करने वाले चीन में अब फिर से कोरोना के मामले बढ़े हैं।
लाखों लोग लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों के कारण घरों से बाहर नहीं निकल सकते, यात्रा प्रतिबंध भी लगाए गए हैं और बड़े पैमाने पर जाँच की जा रही है। बीज़िंग सहित कई शहरों में मास टेस्टिंग की जा रही है। ऐसा इसलिए कि डेल्टा वैरिएंट के मामले आ रहे हैं। हाल ही में रिपोर्ट आई थी कि 18 प्रोविंस यानी राज्यों में डेल्टा वैरिएंट के मामले आ चुके हैं।
चीन में रविवार को 75 नये मामले सामने आए थे उनमें से 53 स्थानीय स्तर पर फैले थे। पिछले क़रीब दस दिनों में 300 से ज़्यादा संक्रमण के मामले ऐसे आए हैं जो स्थानीय स्तर पर फैले हैं।
दरअसल, सबसे सख़्त लॉकडाउन, शानदार टेस्टिंग, सख्ती से कोरोना नियमों की पालना और दुनिया में सबसे तेज़ी से टीकाकरण करने वाले चीन में डेल्टा वैरिएंट से अधिकारियों में हलचल मच गई है।
हलचल मचना भी लाजमी है क्योंकि उस देश में जहाँ सबसे पहले कोरोना संक्रमण का मामला 2019 में ही आया था, जहाँ दुनिया की सबसे बड़ी आबादी है वहाँ अब तक सिर्फ़ 92 हज़ार संक्रमण के मामले आए हैं और वह सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले में 107वें नंबर पर है। ऐसा इसलिए कि कोरोना को नियंत्रित करने में वह काफ़ी हद तक कामयाब रहा।
बीजिंग ने वुहान शहर में पहली बार कोरोना के मामले आने के बाद संक्रमण के मामले को लगभग शून्य पर लाने में अपनी सफलता का दावा किया था।
लेकिन ताज़ा प्रकोप उस पर सवाल खड़े करता है। ये संक्रमण के मामले नानजिंग शहर में एक साथ कई संक्रमण के मामले सामने से जुड़ा है जहाँ एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नौ सफ़ाईकर्मियों में 20 जुलाई को कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। बाद में पता चला कि डेल्टा संक्रमण के मामले चीन में पहुँच गए।