'ब्रजभूषण का और हमारा नार्को टेस्ट करा लो, जो गलत हो फांसी दे दो'
जंतर मंतर पर बैठे पहलवानों ने आज गुरुवार को काली पट्टी बांध रखी है। इनमें वो 7 महिला पहलवान भी है, जिन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। यह प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन उन खेल अधिकारियों के खिलाफ है जो इस मामले में चुप बैठ हुए हैं। हाल ही में SAI (साई) के अधिकारी भी खिलाड़ियों से मिलने आए लेकिन कुछ नहीं हुआ। देश का खेल मंत्री आरोपी भाजपा सांसद का समर्थन कर रहा है।
प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कल बुधवार को ब्रजभूषण का सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में नार्को टेस्ट कराने की मांग की थी। ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक और एशियाई खेलों की स्वर्ण विजेता विनेश फोगाट सहित देश के कुछ शीर्ष पहलवान एक पखवाड़े से अधिक समय से यहां जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें सात महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में सिंह की गिरफ्तारी की मांग की गई है।
साक्षी मलिक ने कल मीडिया से कहा कि वे लोग WFI प्रमुख के पक्ष में बोल रहे हैं और कह रहे हैं कि हम झूठ बोल रहे हैं, मैं कहूंगी कि ब्रज भूषण का सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक नार्को टेस्ट करा लो ... और साथ ही सात महिला पहलवानों (जिन्होंने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है) का भी। जो भी दोषी पाया जाए, उसे फांसी दो।" बता दें कि साक्षी 2016 रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता हैं।
हालांकि, पहलवानों ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वे नार्को टेस्ट के लिए कैसे दबाव बनाने जा रहे हैं, क्योंकि कानून के अनुसार, अभियुक्त की सहमति अनिवार्य है। उसके बाद ही जांच एजेंसियां आगे बढ़ सकती हैं। 28 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने ब्रजभूषण के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद, सिंह ने निर्दोष होने का दावा किया और कहा कि वह "किसी भी तरह की जांच का सामना करने के लिए" तैयार हैं।
बहरहाल, साक्षी मलिक ने देश की महिलाओं से आगे आने और पहलवानों का समर्थन करने की अपील की। साक्षी ने कहा- मैं देश की महिलाओं से अनुरोध करूंगी कि वे हमारा समर्थन करें जैसे उन्होंने निर्भया मामले में किया था। हमारे साथ एकजुटता व्यक्त करें क्योंकि हम भी महिलाओं के लिए लड़ रहे हैं। अगर हम यह लड़ाई जीतते हैं, तो एक कड़ा संदेश जाएगा, लेकिन अगर हम हारते हैं तो हम 50 साल पीछे चले जाएंगे।
2018 एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश ने कहा- “मैं सभी व्यक्तियों और संगठनों से हमारे समर्थन की अपील करती हूं कि वे आज गुरुवार को काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन में शामिल हों। हम काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जता रहे हैं। टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया ने कहा कि जनता की धारणा के विपरीत, आंदोलनकारी पहलवान राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के होने के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर प्रतियोगिताएं भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा नियुक्त तदर्थ पैनल की देखरेख में होती हैं तो वह उनका स्वागत करेंगे। लेकिन अगर डब्ल्यूएफआई प्रमुख किसी भी तरह से शामिल हुए, तो हम इसका विरोध करेंगे।
बजरंग ने कहा कि “मैं आईओए तदर्थ समिति से सभी टूर्नामेंट आयोजित करने का अनुरोध करता हूं, क्योंकि हम भी कुश्ती गतिविधि को रोकना नहीं चाहते हैं। हम पहलवानों को यहां (विरोध स्थल) नहीं बुला रहे हैं क्योंकि इससे उनकी ट्रेनिंग और तैयारियों पर असर पड़ेगा। हमारे पास एशियाई खेलों और ओलंपिक क्वालीफायर जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम आ रहे हैं। (तदर्थ) समिति को टूर्नामेंट का आयोजन करना चाहिए।
बजरंग पुनिया ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि हम टूर्नामेंट नहीं होने दे रहे हैं। मैं स्पष्ट कर दूं कि हमने किसी प्रतियोगिता को बंद नहीं किया है। लेकिन, मेरा सवाल यह है कि जिस व्यक्ति पर इतने सारे आरोप हैं, वह कैसे कार्यक्रम आयोजित कर सकता है। यह पूछने पर कि क्या अब तक भारतीय खेल प्राधिकरण के किसी अधिकारी ने पहलवानों से संपर्क किया है, पुनिया ने कहा, 'देखिए लोग आ रहे हैं लेकिन हमें आश्वासन नहीं चाहिए, क्योंकि एक बार उनका आश्वासन लेकर हम वापस लौट चुके हैं। यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक हमें इंसाफ नहीं मिलता।
पुनिया ने यह भी आरोप लगाया कि आईटी सेल पहलवानों की छवि खराब करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वह किस पार्टी के आईटी सेल की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'पूरा आईटी सेल पहलवानों की छवि खराब करने की कोशिश कर रहा है। कभी आप इसे जाति का मुद्दा बना रहे हैं, तो कभी राजनीतिक आदि...लेकिन मैं बता दूं कि आप सच्चाई को दबा नहीं सकते। यह बाहर आ जाएगी। इसमें समय लग रहा है लेकिन सच्चाई की जीत होगी।
विनेश ने कुश्ती के प्रायोजक टाटा मोटर्स से यह भी जांच करने का अनुरोध किया कि क्या कुश्ती के लिए निर्धारित धन वास्तव में एथलीटों तक पहुंच रहा है। विनेश ने कहा - टाटा मोटर्स पिछले पांच वर्षों से डब्ल्यूएफआई का समर्थन कर रही है। मैं उनसे यह भी अपील करती हूं कि वे डब्ल्यूएफआई से पूछें कि क्या खिलाड़ियों तक पैसा पहुंच रहा है।
विनेश ने इस मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच पर भी अपनी आशंका व्यक्त की और कहा कि भाजपा सांसद के रूप में अपने राजनीतिक कद के कारण ब्रजभूषण ऐसा नहीं होने देंगे। उन्होंने छह दिनों तक एफआईआर दर्ज नहीं होने दी। तो क्या आप एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की उम्मीद करते हैं? पुलिस अभी भी उसका बचाव करने की कोशिश कर रही है।
कोर्ट ने 12 मई तक रिपोर्ट मांगी
दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में दिल्ली पुलिस से स्थिति रिपोर्ट मांगी। जज ने प्रदर्शनकारी पहलवानों की उस याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया जिसमें जांच की निगरानी करने और कथित पीड़ितों के अदालत में बयान दर्ज करने की मांग की गई थी। अदालत ने पुलिस को 12 मई तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया जब वह मामले की आगे सुनवाई करेगी।भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) और कई खाप पंचायतों के सदस्य बुधवार को पहुंचे और पहलवानों के साथ एकजुटता व्यक्त की। बैरिकेड्स और भारी पुलिस उपस्थिति समर्थकों को बड़ी संख्या में विरोध स्थल में प्रवेश करने से नहीं रोक सकी।