पहलवानों ने विरोध को वापस लिया, कहा- कोर्ट में संघर्ष जारी रहेगा
भारतीय कुश्ती महासंघ यानी डब्ल्यूएफआई के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली कुछ शीर्ष पहलवानों ने विरोध प्रदर्शन वापस लेने का निर्णय लिया है। उन्होंने अब अदालत में लड़ाई लड़ने का फ़ैसला किया है। क़रीब पाँच महीने पहले उन्होंने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इस बीच उन्होंने बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन किया।
शीर्ष पहलवान साक्षी मलिक ने ट्विटर पर यह घोषणा की। उन्होंने कहा है कि भले ही वे प्रदर्शन को वापस ले रहे हैं लेकिन उनकी अदालत में लड़ाई जारी रहेगी।
— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) June 25, 2023
साक्षी मलिक ने ट्वीट कर इस फ़ैसले के पीछे दो वजहें बताई हैं। उन्होंने लिखा है, 'सरकार के साथ 7 जून को हुई वार्ता में सरकार ने जो पहलवानों के साथ वादे किए उन पर अमल करते हुए महिला कुश्ती खिलाड़ियों द्वारा महिला उत्पीड़न एवं यौन शोषण के संबंध की गई शिकायतों में छह महिला पहलवानों द्वारा दर्ज एफ़आईआर की दिल्ली पुलिस जाँच पूर्ण करके 15 जून को कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी है। इस केस में पहलवानों की क़ानूनी लड़ाई सड़क की जगह कोर्ट में जारी रहेगी जब तक न्याय नहीं मिल जाता।'
उन्होंने दूसरी वजह बताई है, 'कुश्ती संघ के सुधार के संबंध में नई कुश्ती संघ के चुनाव की प्रक्रिया वादे के अनुसार शुरू हो गई है। जिसके चुनाव 11 जुलाई को होना तय है। इसके संबंध में सरकार ने जो वादे किए हैं उस पर अमल होने का इंतज़ार रहेगा।'
और इस फ़ैसले के साथ ही साक्षी मलिक ने लिखा है कि वह कुछ दिनों के लिए सोशल मीडिया से ब्रेक ले रही हैं।
मैं भी थोड़े दिन के लिये सोशल मीडिया से ब्रेक ले रही हूँ.. आप सबका धन्यवाद 🙏 @Phogat_Vinesh
— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) June 25, 2023
बता दें कि दिल्ली में हाल ही में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के आवास पर लंबी बैठक के बाद देश के कुछ शीर्ष पहलवानों ने कहा था कि वे 15 जून तक अपना विरोध प्रदर्शन बंद रखेंगे।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने पिछले दिनों पहलवानों के साथ क़रीब छह घंटे तक बैठक की थी। बैठक के बाद बजरंग पुनिया ने कहा था, 'सरकार ने हमें आश्वासन दिया है कि पुलिस जांच 15 जून से पहले पूरी कर ली जाएगी। हमने अनुरोध किया है कि पहलवानों के खिलाफ सभी प्राथमिकी वापस ली जानी चाहिए और उन्होंने इसके लिए हामी भर दी है। अगर 15 जून तक कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो हम अपना विरोध जारी रखेंगे।' केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था, 'मैंने पहलवानों के साथ 6 घंटे की लंबी चर्चा की। हमने पहलवानों को आश्वासन दिया है कि 15 जून तक जांच पूरी कर ली जाएगी और चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। डब्ल्यूएफ़आई का चुनाव 30 जून तक होगा।' हालाँकि चुनाव को आगे बढ़ा दिया गया है।
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली नाबालिग पहलवान ने भी अपना बयान वापस ले लिया है।
इस पर उठते सवालों के बीच उस नाबालिग महिला पहलवान के पिता की सफ़ाई आई है। नाबालिग शिकायतकर्ता के पिता ने गुरुवार को कहा कि वह निर्दोष साबित हो रहे हैं तो यह बेहतर है कि कोर्ट की बजाय अभी सच सामने आ जाए। रिपोर्ट के अनुसार नाबालिग के पिता ने कहा है कि पहले की शिकायत जानबूझकर की गई थी और झूठी थी। नाबालिग के पिता ने पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, 'चूँकि अब बातचीत शुरू हो गई है, सरकार ने पिछले साल मेरी बेटी की हार (एशियाई अंडर-17 चैंपियनशिप ट्रायल में) की निष्पक्ष जाँच का वादा किया है, इसलिए यह मेरा भी कर्तव्य है कि मैं अपनी गलती सुधारूं।'
आरोपों की पुष्टि भी
जबकि बृजभूषण शरण सिंह पर आरोप लगाने वाली व्यस्क छह महिला पहलवानों में से एक द्वारा लगाए गए एक आरोप को एक अंतरराष्ट्रीय रेफरी ने पुष्टि की है। यह आरोप एक महिला पहलवान ने लगाया था जिसमें कहा गया कि पिछले साल मार्च में टीम ने लखनऊ में एशियाई चैंपियनशिप के लिए ट्रायल के अंत में एक तस्वीर खिंचवाई थी। उसी दौरान की एक घटना को लेकर महिला पहलवान ने शिकायत की थी। अंतरराष्ट्रीय कुश्ती रेफरी जगबीर सिंह ने इस आरोप पर अपना बयान दर्ज कराया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जगबीर सिंह बृजभूषण और शिकायतकर्ता से कुछ फीट की दूरी पर खड़े थे। रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने दिल्ली पुलिस के सामने अपनी गवाही में पहलवान के आरोप की पुष्टि की है। उन्होंने कहा है, 'मैंने उन्हें (बृजभूषण) उनके (महिला पहलवान) बगल में खड़े देखा। उन्होंने खुद को छुड़ाया, धक्का दिया, बुदबुदाई और दूर हट गई। वह अध्यक्ष के बगल में खड़ी थीं, लेकिन फिर सामने आ गईं। मैंने देखा कि यह महिला पहलवान कैसी प्रतिक्रिया दे रही थी और वह असहज थी। उसके साथ कुछ गलत हुआ। मैंने उन्हें कुछ करते हुए नहीं देखा, लेकिन उसके हाथ पैर खूब चलते थे, इधर आ जा। इधर खड़ी हो जा। उसके (शिकायतकर्ता के) व्यवहार से यह स्पष्ट था कि उस दिन (फोटो सत्र के दौरान) कुछ गलत हुआ था।'
इससे पहले 2010 राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनीता ने भी एक महिला पहलवान द्वारा लगाए गए आरोप की पुष्टि की है। अनीता ने कहा कि शिकायतकर्ता ने उन्हें विदेश में एक टूर्नामेंट से उस घटना को साझा करने के लिए फोन किया था जहां बृजभूषण ने कथित तौर पर उन्हें अपने कमरे में बुलाया था और उसे जबरन गले लगाया था। पटियाला में राष्ट्रीय शिविर में लौटने के बाद अनीता को अपनी आपबीती सुनाते हुए शिकायतकर्ता रो पड़ी थीं।