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इजराइल पर हमले के बाद ईरान पर नए प्रतिबंध लगा सकते हैं अमेरिका, ईयू 

इजराइल पर हमले के बाद ईरान पर नए प्रतिबंध लगा सकते हैं अमेरिका, ईयू 

प्रतिक्रिया के रूप में इज़राइल पर हमले के बाद क्या अब ईरान को नये प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा? जानिए, इसको लेकर अमेरिका और यूरोपीय संघ की क्या तैयारी है।

इज़राइल पर हमले के बाद ईरान पर और प्रतिबंध लग सकता है। अमेरिका और यूरोपीय संघ का कहना है कि वे हफ्ते भरे में ऐसा करने पर विचार कर रहे हैं। इनकी यह प्रतिक्रिया तब आई है जब इज़राइल और ईरान के बीच तनाव लगातार बरकरार है। दोनों पक्षों से संयम बरतने को कहा जा रहा है। हालाँकि कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि इज़राइल हमले की तैयारी में है और ईरान ने भी प्रतिक्रिया देने की चेतावनी दी है। 

इज़राइल ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने का संकल्प दोहरा रहा है। इससे दोनों देशों के बीच सीधा संघर्ष होने का ख़तरा है। इज़राइली अधिकारियों ने यह नहीं बताया है कि वे कब और कैसे हमला कर सकते हैं। लेकिन जैसा कि दुनिया भर के देश इज़राइल से संयम बरतने का आग्रह कर रहे हैं, ऐसा लगता है कि ईरान पर सीधे इज़राइली हमले से बड़े नतीजे होंगे।

ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड कैमरन का कहना है कि यह साफ़ है कि इज़राइल ने ईरानी ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइल हमले का जवाब देने का निर्णय लिया है और उन्हें उम्मीद है कि इसे इस तरह से अंजाम दिया जाएगा कि तनाव कम से कम हो। कैमरन इज़राइल में पत्रकारों से बात कर रहे थे। टाइम्स ऑफ़ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार कैमरन ने कहा, 'यह साफ़ है कि इज़राइली कार्रवाई करने का निर्णय ले रहे हैं। हमें उम्मीद है कि वे ऐसा इस तरह से करेंगे जिससे इसे जितना संभव हो उतना कम बढ़ाया जा सके।'

उन्होंने कहा कि ब्रिटेन ईरान के खिलाफ समन्वित प्रतिबंध देखना चाहता है। उन्होंने कहा कि उन्हें जी7 द्वारा स्पष्ट संदेश देने की जरूरत है।

सात विदेश मंत्रियों का समूह इटली के रिसॉर्ट द्वीप कैपरी में बैठक कर रहा है, जिसमें मध्यपूर्व में बढ़ते तनाव और यूक्रेन में रूस का जारी युद्ध एजेंडे में शीर्ष पर है। इटली के नेतृत्व में G7 नेताओं से अपेक्षा की गई है कि वे इज़राइल से संयम बरतने के लिए एकजुट रूप से आह्वान करेंगे।

इधर, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने प्रतिबंध लगाने की पैरवी की है। अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने कहा कि उन्हें आने वाले दिनों में कार्रवाई करने की संभावना है, जबकि यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा कि ब्लॉक इस पर काम कर रहा है।

इज़राइल ने अपने सहयोगियों से तेहरान के मिसाइल कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है। कार्यक्रम पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध अक्टूबर में समाप्त हो गए। उन प्रतिबंधों को ईरान के परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने के लिए एक व्यापक समझौते से जोड़ा गया था। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार हालाँकि अमेरिका, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन सहित कई देशों ने प्रतिबंध बरकरार रखे और नए प्रतिबंध भी जोड़े हैं।

बता दें कि शनिवार को इज़राइल पर ईरान के पहले सीधे हमले में ईरान, इराक, सीरिया और यमन से 300 से अधिक मिसाइलें और ड्रोन दागे गए, जिनमें से अधिकांश को इज़राइल और उसके सहयोगियों द्वारा मार गिराया गया। तेहरान ने कहा कि यह हमला 1 अप्रैल को सीरिया में उसके वाणिज्य दूतावास पर कथित इजराइली हवाई हमले की प्रतिक्रिया में था जिसमें 13 लोग मारे गए थे।

अब तक ऐसा लगता है कि इज़राइल ने केवल राजनयिक आक्रमण से ही जवाब दिया है। इसके विदेश मंत्री ने 30 से अधिक देशों से ईरान के मिसाइल कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया। इसने इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) - ईरान में एक प्रमुख सैन्य, राजनीतिक और आर्थिक ताकत - को आतंकवादी संगठन घोषित करने का भी आह्वान किया है। 

रूस ने कहा- संयम बरतें

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव का कहना है कि रूस ईरान और इज़राइल दोनों के साथ बातचीत कर रहा है और मध्य पूर्व में तनाव कम करने की आवश्यकता पर जोर दे रहा है।

एक बयान में कहा गया है, 'हम क्षेत्र में बढ़ते तनाव को लेकर बेहद चिंतित हैं और हम क्षेत्र के सभी देशों से संयम बरतने का आह्वान करते हैं।' पेसकोव ने कहा कि रूस का ईरान के साथ घनिष्ठ संपर्क जारी है और इजराइल के साथ भी उसके रचनात्मक संपर्क हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या तेहरान ने इजराइल पर हमले के बारे में रूस को पहले से चेतावनी दी थी, पेसकोव का कहना है कि उन्हें इस मामले पर कुछ नहीं कहना है।

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