ट्रम्प और मस्क के खिलाफ यूएस में प्रदर्शन, इधर टेस्ला का रुख भारत की ओर

03:45 pm Feb 18, 2025 | सत्य ब्यूरो

अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रम्प, अरबपति उद्योगपति और फिलहाल ट्रम्प के सलाहकार एलोन मस्क के खिलाफ कई शहरों में प्रदर्शन शुरू हो गये हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि दोनों मिलकर अमेरिका को बर्बाद करने पर तुल गये हैं। इन प्रदर्शनों के दबाव में ट्रम्प प्रशासन ने साफ कर दिया है कि एलोन मस्क सिर्फ राष्ट्रपति के सलाहकार है, उनके पास फैसला लेने की कोई क्षमता नहीं है। यहां तक कि वो DOGE (डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी यानी डीओजीई) के अधिकारी/कर्मचारी भी नहीं हैं।

सोमवार को अमेरिका में कड़ाके की ठंड थी और लोग तमाम शहरों में नारे लगा रहे थे- "राष्ट्रपति दिवस पर कोई राजा नहीं" या हमें राजा नहीं चाहिए। खबर है कि प्रदर्शनकारियों ने विरोध करने के लिए एरिजोना स्टेटहाउस में प्रवेश करने की कोशिश की।

फ्लोरिडा और कैलिफोर्निया में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने "नॉट माई प्रेसिडेंट्स डे" के तहत विरोध प्रदर्शन किया। इसे "नो किंग्स" थीम 50501 मूवमेंट ने आयोजित किया था। दो हफ्ते से भी कम समय में पूरे यूएस में विरोध प्रदर्शनों का यह दूसरा दौर है। 5 फरवरी को भी इसी तरह के राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन दर्जनों शहरों में हुए थे। तमाम शहरों में हो रही रैलियों में ट्रम्प और उनके अरबपति सलाहकार एलन मस्क की निंदा की गई। मस्क सरकार के खर्च में कटौती करने के लिए तमाम सलाहें दे रहे हैं और लोग इसे अमेरिका विरोधी बता रहे हैं।

बोस्टन में स्टेटहाउस से सिटी हॉल तक लगभग 1,000 लोगों ने बर्फ भरी सड़कों पर मार्च किया। लोग नारे लगा रहे थे- "एलोन मस्क को जाना होगा।" शहर का तापमान शून्य से नीचे था। बोस्टन के प्रदर्शनकारियों ने जिनमें से कुछ ने क्रांतिकारी युद्ध शैली के कपड़े पहने हुए थे, ने लिखा हुआ था- "यह एक तख्तापलट है" और "कायर ट्रम्प के सामने झुकते हैं, देशभक्त खड़े होते हैं" जैसी बातें लिखी हुई तख्तियाँ ले रखी थीं। एक तख्ती पर अंकल सैम को यह कहते हुए दिखाया गया था कि "मैं चाहता हूँ कि आप विरोध करें।"

इसी तरह के प्रदर्शन ऑरलैंडो, फ्लोरिडा; और सिएटल सहित राज्य की राजधानियों और प्रमुख शहरों में हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे “ट्रम्प प्रशासन और उसके धनकुबेर लोकतंत्र-विरोधी दोस्त की अवैध कार्रवाइयों” के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं।

फीनिक्स में, सैकड़ों प्रदर्शनकारी कैपिटल के सामने जमा हुए और उन्होंने “नो किंग्स” और “रेसिस्ट फ़ासिज़्म” लिखे हुए पोस्टर ले रखे थे। कुछ प्रदर्शनकारियों के अंदर घुसने की कोशिश करने के बाद सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को इमारत में घुसने से रोक दिया। प्रदर्शनकारी राज्य सीनेट समिति की उस सुनवाई में शामिल होने की मांग कर रहे थे जिसमें कानून पर चर्चा की गई थी जिसके तहत राज्य भर के कानून प्रवर्तन अधिकारियों को संघीय आव्रजन नीति का समर्थन करना होगा।

कई शहरों में

मस्क को लेकर ट्रम्प प्रशासन की सफाईव्हाइट हाउस ने सोमवार को कहा कि ट्रम्प प्रशासन में अरबपति एलन मस्क को फैसले लेने की भूमिका में नहीं हैं। उनकी भूमिका व्हाइट हाउस के कर्मचारी और राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार के रूप में है, और वह DOGE के कर्मचारी नहीं हैं। उनके पास कोई निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। व्हाइट हाउस में प्रशासन कार्यालय के निदेशक जोशुआ फिशर ने कहा कि मस्क केवल राष्ट्रपति को सलाह दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि "व्हाइट हाउस के अन्य वरिष्ठ सलाहकारों की तरह, मस्क के पास खुद सरकारी निर्णय लेने का कोई वास्तविक या औपचारिक अधिकार नहीं है।"

टेस्ला की भारत में एंट्री

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, एलन मस्क की टेस्ला भारत में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही है। टेस्ला प्रमुख ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक की थी। यह बैठक तब हुई थी जब पीएम ट्रम्प से मिलने यूएस गये थे। इस बैठक के बाद ही टेस्ला ने भारत में 13 नौकरियों की घोषणा की है। ऑटो क्षेत्र की इस प्रमुख कंपनी ने अपने लिंक्डइन पेज पर 13 पदों के लिए नौकरियों की सूचना दी है। अधिकांश नौकरियां मुंबई और दिल्ली में हैं। बता दें कि टेस्ला इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बनाता है। 

एलन मस्क और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात 13 फरवरी को हुई थी। ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद भारतीय पीएम की यह पहली आधिकारिक अमेरिका यात्रा थी। मस्क अब ट्रम्प प्रशासन में एक प्रमुख व्यक्ति हैं और तमाम सलाहें दे रहे हैं।

पीएम मोदी की मस्क के साथ बैठक

टेस्ला और भारत के बीच कई सालों से “अच्छे-बुरे” रिश्ते चल रहे हैं। टेस्ला की चिन्ता आयात शुल्क को लेकर है। बहरहाल, भारत ने अब 40,000 डॉलर से ज़्यादा कीमत वाली लग्जरी गाड़ियों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) को 110 प्रतिशत से घटाकर 70 प्रतिशत कर दिया है।

मस्क के साथ बैठक के बाद, मोदी ने एक्स पर लिखा: "हमने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें अंतरिक्ष, आईटी और इन्नोवेशन जैसे मुद्दे शामिल हैं, जिनके बारे में मस्क भावुक हैं। मैंने सुधार और 'कम से कम सरकारी दखल' के भारत के प्रयासों के बारे में बात की।"

(रिपोर्ट और संपादनः यूसुफ किरमानी)