ट्रम्प और उनके साथियों को दूसरा हिटलर क्यों कहा जा रहा है?
सबसे पहले अमेरिकी डेमोक्रेट्स के इस बयान को पढिये- "पहले दिन, जैसा कि डोनाल्ड ट्रम्प और उनके शीर्ष सहयोगियों ने यूएस की एकता के बजाय नफरत को चुना। ट्रम्प के करीबी सलाहकार एलोन मस्क का समारोह में नाजी सलामी देने और समारोह में एक नाजी समर्थक को आमंत्रित किए जाने के बीच, ट्रम्प और मस्क दिखा रहे हैं कि वे न केवल नेतृत्व करने के लिए अयोग्य हैं बल्कि अमेरिकियों के रूप में हमारे बुनियादी मूल्यों के विपरीत हैं।"
अमेरिका के बड़े अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है- "दुनिया के सबसे अमीर आदमी और निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रम्प के करीबी सलाहकार एलन मस्क ने जर्मनी की पार्टी का समर्थन किया, जो नव-नाज़ियों से संबंध रखने वाला एक समूह है, जिसकी युवा शाखा को 'के रूप में वर्गीकृत किया गया है। जर्मनी की ख़ुफ़िया एजेंसी ने इनके 'चरमपंथी होने की पुष्टि' की है।"
सीएनएन ने लिखा- “सोमवार को, एलोन मस्क ने एक ट्वीट में दो जर्मन नाज़ियों के नाम का उल्लेख किया… जैसा कि वह अक्सर करते हैं, बाद में उसे मज़ाक बनता देते हैं।… यह शायद ही मस्क का पहला, और निश्चित रूप से उनका सबसे आक्रामक बयान नहीं है। पिछले महीने ही, मस्क ने नाजी समर्थक टकर कार्लसन के इंटरव्यू को बढ़ावा दिया था, जबकि उसकी व्यापक निन्दा की गई थी। कार्लसन ने कहा था कि नाजी शिविरों में यहूदियों की हत्या 'मानवीय' थी और विंस्टन चर्चिल द्वितीय विश्व युद्ध का 'मुख्य खलनायक' था। बाद में मस्क ने अपना एक्स पोस्ट हटा दिया जिसमें इंडिपेंडेंट के अनुसार उस इंटरव्यू को 'बहुत दिलचस्प' और 'देखने लायक' कहा गया था।' कथित तौर पर "नाज़ी समर्थक" और 6 जनवरी के दंगाई, टिमोथी हेल-कुसानेली को ट्रम्प के उद्घाटन समारोह में आमंत्रित किया गया है।
डेमोक्रेट ने जो आरोप ट्रम्प और मस्क पर लगाये हैं। उनकी पुष्टि न्यूयॉर्क टाइम्स और सीएनएन ने की है। इसी तरह वॉशिंगटन पोस्ट, वॉल स्ट्रीट जनरल ने भी इसे रिपोर्ट किया है। लेकिन जरा ठहरिये, द गार्डियन की एक रिपोर्ट के बारे में भी बात कर ली जाये।
- द गार्डियन ने सात महीना पहले (3 जून 2024) बताया था कि डोनाल्ड ट्रम्प ने एक वीडियो साझा किया लेकिन उसे हटाने में उन्होंने बाद में पूरा दिन लगा दिया। उसमें अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने पर "एकीकृत रीच" का सपना देखा था। यह शब्द एकीकृत रीच (UNIFIED REICH) नाजियों के संदर्भ में आता है। ट्रम्प ने पहले कहा था कि एडॉल्फ हिटलर ने "कुछ अच्छे काम किए", नाजी तानाशाह की बात दोहराते हुए अपने राजनीतिक विरोधियों को "कीड़े" कहा। ट्रम्प ने यह भी कहा था कि आप्रवासी "हमारे देश के खून में जहर घोल रहे हैं।" बाद में ट्रम्प ने जब इस वीडियो को सोशल मीडिया से हटाना चाहा तो पसीने आ गये, क्योंकि पूरी दुनिया में वो फैलता गया और हर जगह उसकी निन्दा की गई।
Trump posts a new ad foreshadowing a second Trump term that says he will create a “UNIFIED REICH,” echoing Nazi Germany pic.twitter.com/z4ZmMSWuRH
— Kamala HQ (@KamalaHQ) May 21, 2024
हॉरवर्ड पोलिटिकल रिव्यू में एलेक्जेंड्रा फ़िरमैन ने लिखा है कि कुछ दशक पहले स्लोवाकिया, रूस, यूक्रेन और बेलारूस से आये यहूदी आप्रवासियों के वंशजों के साथ हिटलर ने जो किया था, वो दहलाने वाला था। अब यूएस के राष्ट्रपति ट्रम्प की हिटलर से तुलना बहुत चिंता और दुख का विषय है। अगर वो हमारे यहूदी पूर्वज आज यूएस में होते तो मौका मिलने पर ट्रम्प उन्हे मार देते। बता दें कि फिरमैन ने यह बात ट्रम्प के आप्रवासियों के संबंध में जारी आदेश के संदर्भ में है।
उन्होंने लिखा है- ट्रम्प की बयानबाजी एडॉल्फ हिटलर की बयानबाजी में मौजूद नस्लवाद और अमानवीयकरण उसी जैसा है। उनकी भाषा नस्ल, जातीयता या नागरिकता पर उनकी बातचीत एक अधिनायकवादी तानाशाह जैसी ही है।
2023 में, ट्रम्प ने कम से कम चार बार तर्क दिया कि अप्रवासी संयुक्त राज्य अमेरिका के "खून में जहर घोल रहे हैं।" हिटलर ने अपनी पुस्तक, मीन काम्फ में दावा किया कि "अतीत की सभी महान संस्कृतियाँ केवल इसलिए नष्ट हो गईं क्योंकि उनमें खूनी जहर मिल गया था।" हालाँकि यह ट्रम्प और हिटलर द्वारा इस्तेमाल की गई बयानबाजी के बीच सबसे स्पष्ट समानता है। लेकिन उनके बीच यही एकमात्र समानता नहीं है।
उन्होंने लिखा- अपने पहले अभियान की शुरुआत से, ट्रम्प ने अप्रवासियों और अल्पसंख्यक पहचान समूहों को टारगेट करने के लिए लगातार ज़ेनोफोबिक बयानबाजी ( xenophobic rhetoric) का इस्तेमाल किया है। अपने 2015 के भाषण में भी उन्होंने मैक्सिकन आप्रवासियों को अमेरिका में "ड्रग्स" और "अपराध" लाने वाले "बलात्कारी" बताया। 2020 में, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में, ट्रम्प ने बार-बार COVID-19 महामारी को "चीनी वायरस" कहा था।
अपने 2024 के अभियान के दौरान भी ट्रम्प ने आप्रवासियों को और भी अधिक तेजी से निशाना बनाया। उन्होंने बिना दस्तावेज़ वाले आप्रवासियों को "जानवर" कहा और ज़ोर देकर कहा कि "वे इंसान नहीं हैं।" उन्होंने हैतियन आप्रवासियों पर पालतू जानवरों को खाने का झूठा आरोप लगाया। यानी ट्रम्प ने चारों तरफ बस नफरत परोसी।