भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद ऋषि सुनाक ने रविवार को ब्रिटिश पीएम पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर दी। कंजर्वेटिव पार्टी के तमाम सांसदों का समर्थन उन्हें मिल गया है। अब से थोड़ी देर पहले उन्होंने ट्वीट करके अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की। हालांकि पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन कोशिश कर रहे हैं कि ऋषि सुनाक दोबारा चुनाव नहीं लड़ें और सुनाक को मनाने में जुटे हुए हैं।
लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद भारतीय मूल के सांसद ऋषि सुनाक प्रधानमंत्री पद की दौड़ में अब आगे हैं। लिज ट्रस प्रधानमंत्री के पद पर सिर्फ 45 दिन तक रहीं और यह ब्रिटेन के किसी भी प्रधानमंत्री का सबसे कम अवधि का कार्यकाल है। लिज ट्रस ने प्रधानमंत्री पद की दौड़ में ऋषि सुनाक को हराया था।
रिचमंड के सांसद सुनाक सात हफ्ते से भी कम समय पहले चुनावी हार का मजा चख चुके हैं। लेकिन अब उन्होंने फिर से उस पद के लिए दौड़ शुरू कर दी।
रविवार को अपने ट्वीट में सुनाक ने लिखा - यूनाइटेड किंगडम एक महान देश है लेकिन हम एक गहन आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। इसलिए मैं कंजरवेटिव पार्टी का नेता और आपका अगला प्रधानमंत्री बनने के लिए खड़ा हूं। मैं अपनी अर्थव्यवस्था को ठीक करना चाहता हूं, अपनी पार्टी को एकजुट करना चाहता हूं और अपने देश के लिए काम करना चाहता हूं।
सुनाक का समर्थन करने वाले सांसदों का कहना है कि वित्तीय मामलों में सुनाक की समझ और उनकी नीतियों का वर्तमान में कोई भी कंजर्वेटिव सांसद मुक़ाबला नहीं कर सकता है। ऐसे में सुनाक ही ब्रिटेन को आर्थिक संकट से निकाल सकते हैं।
ऋषि सुनाक के माता-पिता पूर्वी अफ्रीका से ब्रिटेन आए थे। उनके माता पिता दोनों भारतीय मूल के हैं। उनके दादा-दादी पंजाब से थे। ऋषि का जन्म 1980 में साउथम्प्टन में हुआ था।
कैसे चुना जाएगा नया प्रधानमंत्री?
जॉनसन के प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद संसद में कई दौर की वोटिंग हुई थी। इसमें उनकी पार्टी कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों ने वोट डाले थे। हर दौर की वोटिंग में दावेदारों की संख्या कम होती गई थी और आख़िर में दो दावेदार- ऋषि सुनाक और लिज़ ट्रस बचे थे। कई हफ्तों तक यह प्रक्रिया चली थी और आख़िर में कंजर्वेटिव पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दो दावेदारों में से एक लिज़ ट्रस का चयन प्रधानमंत्री के तौर पर किया था। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।
अब उस पूरी प्रक्रिया को एक सप्ताह में ही समेट दिया जाएगा। यानी पिछली बार की तरह इस बार कई हफ्तों तक चुनाव की प्रक्रिया नहीं चलेगी। नया नेता चुनने के लिए कंजर्वेटिव सांसद शीर्ष दो उम्मीदवारों का चयन करने के लिए गुप्त मतपत्रों का उपयोग करेंगे। फिर कंजर्वेटिव पार्टी के सभी सदस्य दो उम्मीदवारों में से एक का चयन कर अंतिम निर्णय लेंगे।