रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी इलाकों- लुहान्स्क और दोनेत्स्क को आजाद देश के तौर पर मान्यता देने के तुरंत बाद जर्मनी फ्रांस और अमेरिका ने एक बयान जारी कर कहा है कि इसका जवाब दिया जाएगा।
उधर, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी तरह का कोई खौफ नहीं है और इस बात की पूरी उम्मीद है कि उन्हें पश्चिमी देशों से मदद मिलेगी।
व्यापार और निवेश पर रोक
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस के कदम की निंदा की है। बाइडेन ने एक आदेश पर दस्तखत किए हैं जिसमें यह कहा गया है कि अमेरिका ने लुहान्स्क और दोनेत्स्क के साथ व्यापार और निवेश पर रोक लगाने का फैसला लिया गया है। उधर, ब्रिटेन ने कहा है कि वह रूस पर बेहद अहम और कुछ नए प्रतिबंधों का एलान करेगा।
पुतिन की ओर से यूक्रेन के अलगाववादी इलाकों में रूस की सेनाएं भेजने का भी एलान किया गया है। पुतिन ने मंगलवार तड़के राष्ट्र के नाम संबोधन में इस बात का एलान किया। पुतिन के इस कदम पर यूरोपियन यूनियन (ईयू) ने नाराजगी जताई है।
पुतिन की ओर से यूक्रेन के अलगाववादी इलाकों में रूस की सेनाएं भेजने का भी एलान किया गया है। पुतिन ने अपने आदेश में कहा है कि वह यूक्रेन के विद्रोही इलाकों में अपनी सेनाओं को शांति स्थापित करने के लिए भेज रहे हैं।
नैटो देशों ने भी रूस के इस फैसले का पुरजोर विरोध किया है। उधर, ईयू की अध्यक्ष उर्सुला ने ट्वीट कर कहा कि यूक्रेन में दो अलगाववादी इलाकों को मान्यता देना अंतरराष्ट्रीय नियमों का, यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और मिन्स्क समझौते का भी घोर उल्लंघन है।