मालदीव ने प्रधानमंत्री मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणियों पर तीन मंत्रियों को निलंबित कर दिया है। बयान में कहा गया है कि जिन लोगों ने सरकारी पदों पर रहते हुए सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट किए थे, उन्हें अब उनकी नौकरी से निलंबित कर दिया गया है। तीन निलंबित मंत्री मरियम शिउना, मालशा शरीफ और महज़ूम माजिद हैं।
इससे पहले रविवार को दिन में ही मालदीव सरकार ने मंत्रियों के विवादास्पद टिप्पणियों से खुद को दूर रखने की कोशिश की थी और कहा था कि वह ऐसी अपमानजनक टिप्पणियां करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगी। एक बयान में सरकार ने कहा था, 'मालदीव सरकार विदेशी नेताओं और उच्च पदस्थ व्यक्तियों के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अपमानजनक टिप्पणियों से अवगत है। ये राय व्यक्तिगत हैं और मालदीव सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं।'
मालदीव की युवा अधिकारिता उप मंत्री मरियम शिउना ने एक्स पर मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा को लेकर ट्वीट कर कहा था, 'क्या जोकर है। इजराइल के कठपुतली मिस्टर नरेंद्र गोताखोर लाइफ जैकेट में।' उन्होंने पोस्ट में भारत की तुलना गाय के गोबर से भी की थी। शिउना ने अब वह पोस्ट हटा ली है।
एक अन्य उप मंत्री, युवा अधिकारिता, सूचना और कला मंत्रालय में शिउना के सहयोगी, मालशा शरीफ ने भारत और मालदीव में पर्यटन अभियान के खिलाफ इसी तरह की अपमानजनक टिप्पणियां की थीं। मालदीव के मंत्री अब्दुला महजूम माजिद ने अपने ट्वीट में भारत पर मालदीव को निशाना बनाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि भारत को समुद्री बीच पर्यटन में मालदीव से प्रतिस्पर्धा करने में कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया था कि मालदीव को खुले तौर पर निशाना बनाना कुटनीति नहीं है।
पीएम मोदी और भारत के ख़िलाफ़ इस तरह की टिप्पणियों की मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि मालदीव सरकार के अधिकारी द्वारा एक प्रमुख सहयोगी के नेता के प्रति कितनी भयावह भाषा का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने मालदीव की सुरक्षा और समृद्धि के लिए भारत को महत्वपूर्ण बताया।
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, 'मुइज्जू सरकार को इन टिप्पणियों से खुद को दूर रखना चाहिए और भारत को स्पष्ट आश्वासन देना चाहिए कि वे सरकार की नीति को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं।'
मालदीव के मंत्रियों के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएँ आईं। अलग-अलग ट्वीट में कई भारतीयों ने स्क्रीनशॉट साझा कर दावा किया है कि उस मंत्री के ट्वीट के बाद उन्होंने मालदीव में पहले से बुक रिजॉर्ट को रद्द कर दिया है। कुछ लोगों ने ऐसे स्क्रीनशॉट साझा कर लिखा है कि , 'माफ करना, मालदीव। अब हमारा अपना लक्षद्वीप है। मैं आत्मनिर्भर हूँ।' इसके अलावा कई ट्वीट में मालदीव के पर्यटन का बहिष्कार करने की घोषणा की गई है। इस बीच उन मंत्रियों की टिप्पणियों पर भारत की ओर से भी आपत्ति जताए जाने की ख़बरें आईं।
कई लोगों ने ऐसे ट्वीट साझा किए हैं जिसमें मालदीव के मौजूदा राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को चीन का 'पिछलग्गू' बताया गया है।
दरअसल, राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद पिछले कुछ महीनों में भारत-मालदीव संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। मुइज्जू ने नवंबर 2023 में राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला। लेकिन चुनाव जीतने से पहले से ही वह भारत के खिलाफ़ जहर उगल रहे थे। मुइज्जू के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद मालदीव ने नवंबर महीने में ही भारत को वहाँ से अपने सैनिक हटाने को कहा था।
मालदीव के नये राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सरकार ने देश के हाइड्रोग्राफिक सर्वे पर भारत के साथ पिछली सरकार के समझौते को आगे नहीं बढ़ाने का फ़ैसला किया है। यह पहला द्विपक्षीय समझौता है जिसे नवनिर्वाचित मालदीव सरकार आधिकारिक तौर पर समाप्त कर रही है।
मुइज्जू को चीन की ओर झुकाव वाला नेता माना जाता है। वह इससे पहले राजधानी माले शहर के मेयर रहे थे। वे चीन के साथ मजबूत संबंधों की वकालत करते रहे हैं। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति सोलिह 2018 में राष्ट्रपति चुने गए थे। मुइज्जू ने उनपर आरोप लगाया था कि उन्होंने भारत को देश में मनमर्जी से काम करने की छूट दी है।
मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के साथ ही उनका भारत विरोधी रुख साफ दिखने भी लगा है। चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मुइज्जू का सोमवार को चीन का दौरा करने का कार्यक्रम है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उन्हें आमंत्रित किया है।