इस्राइल-हमास युद्धः हमले तेज, अब तक 200 से अधिक लोगों की मौत 

07:46 pm Oct 07, 2023 | सत्य ब्यूरो

इज़राइल पर हमास के हमले के बाद इजराइल ने ग़ज़ा पट्टी पर हमले शुरू कर दिए हैं। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे युद्ध बताया है। इजराइल ने कहा कि यह हमारा पहला हमला है। नेतन्याहू ने कहा कि हमास को इसकी कीमत चुकानी होगी। उसे अंदाजा नहीं है कि उसके साथ क्या होने वाला है। 

वहीं इस बीच मिली जानकारी के मुताबिक दोनों ही तरफ मरने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। अब तक 200 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक फिलिस्तीन ने कहा है कि गाजा में कम से कम 198 लोग मारे गए हैं, जबकि इज़राइल में 40 लोग मारे गए। हमास ने एक आश्चर्यजनक हमले में 5,000 रॉकेट दागे थे। इज़राइल ने इस भीषण हमले का बदला लेने की कसम खाते हुए हमास के खिलाफ युद्ध की घोषणा की और हवाई हमले किए।

इससे पूर्व इजराइल में मैगन डेविड एडोम चिकित्सा सेवा ने एक बयान में कहा था कि फिलिस्तीनी आतंकवादियों के साथ लड़ाई में इज़राइल में अब तक 22 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। बयान में कहा गया, "हमारी टीम ने 22 पीड़ितों को मृत घोषित कर दिया है। उन्होंने सैकड़ों अन्य पीड़ितों का भी पता लगा लिया है।"

इस बीच, इजराइली सेना ने भी ग़ज़ा में ठिकानों पर हमला किया। राजधानी तेल अवीव और येरुशलम तक लगातार सायरन बजते हुए सुनाई दिए। इसमें कहा गया है कि सेना हमास के आतंकवादियों के साथ गोलीबारी में लगी हुई थी, जिन्होंने कम से कम सात स्थानों पर इज़राइल में घुसपैठ की थी। सेना ने बताया कि हमास लड़ाके बाड़ को पार कर गए थे और यहां तक ​​​​कि आसमान से भी इज़राइल पर भी हमला किया था।

हमास की सशस्त्र शाखा अल कासम ने कहा कि उसने "ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड" शुरू कर दिया है। उसने कहा कि "20 मिनट के पहले हमले" में 5,000 से अधिक रॉकेट दागे गए हैं। हमास के नेता मोहम्मद दीफ ने पहले से रिकॉर्ड किए गए भाषण में कहा, "हमने अल्लाह की मदद से इस सब को खत्म करने का फैसला किया है, ताकि दुश्मन समझ सके कि जवाबदेही के बिना लापरवाही का समय खत्म हो गया है।"

हमास के यह कहने के एक दिन बाद हिंसा भड़क उठी कि "लोगों को इजराइली कब्ज़ा ख़त्म करने के लिए एक लाइन खींचनी होगी" और कहा कि इज़राइल फ़िलिस्तीनी जमीन पर और विशेष रूप से यरूशलेम में अल-अक्सा मस्जिद के पवित्र स्थल पर अपराध करना जारी रखे हमास के यह कहने के एक दिन बाद हिंसा भड़क उठी कि "लोगों को कब्ज़ा ख़त्म करने के लिए एक रेखा खींचनी होगी" और कहा कि इज़राइल फ़िलिस्तीनी भूमि पर और विशेष रूप से यरूशलेम में अल-अक्सा के पवित्र स्थल पर अपराध करना जारी रखे हुए है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइल पर हमास के हमले पर दुख जताया। शोक और प्रार्थना करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि भारत इस कठिन समय में इजराइल के साथ एकजुटता से खड़ा है। मोदी ने एक्स (ट्विटर) पर लिखा-  “इजराइल में आतंकवादी हमलों की खबर से गहरा सदमा लगा। हमारी संवेदनाएँ और प्रार्थनाएँ निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं। हम इस कठिन समय में इजराइल के साथ एकजुटता से खड़े हैं।”

हमास-इजराइल का रक्त रंजित इतिहासः 2007 में गाजा में हमास के सत्ता संभालने के बाद से इजराइल और हमास ने कई युद्ध लड़े हैं। नवीनतम युद्ध तब हुआ है जब इजराइल ने गाजा श्रमिकों के लिए सीमाएं बंद कर दीं। इस साल अब तक संघर्ष में 247 फिलिस्तीनी, 32 इजराइली और दो विदेशी मारे गए हैं। इनमें लड़ाके और नागरिक दोनों शामिल हैं।

बहरहाल, यह कहानी 2005 से शुरू होती है। 

अगस्त 2005ः मध्य पूर्व युद्ध में मिस्र के कब्जा करने के 38 साल बाद इजराइली सेनाएं एकतरफा रूप से ग़ज़ से हट गईं, बस्तियों को छोड़ दिया और उसका नियंत्रण फिलिस्तीनी प्राधिकरण को सौंप दिया।

25 जनवरी, 2006ः फ़िलिस्तीनी चुनाव में हमास ने अधिकांश सीटें जीतीं। इज़राइल और अमेरिका ने फ़िलिस्तीनियों को सहायता बंद कर दी क्योंकि हमास ने हिंसा छोड़ने और इज़राइल को मान्यता देने से इनकार कर दिया।

25 जून, 2006ः हमास के आतंकवादियों ने ग़ज़ा से सीमा पार हमले में इजराइली सेना के सिपाही गिलाद शालित को पकड़ लिया, जिससे इजराइली हवाई हमले और घुसपैठ हुई। पांच साल से अधिक समय के बाद आखिरकार शालित को कैदी की अदला-बदली में रिहा कर दिया गया।

14 जून, 2007ः हमास ने एक छोटे से गृहयुद्ध में वेस्ट बैंक में स्थित फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रति वफादार बलों को हटाकर ग़ज़ा पर कब्ज़ा कर लिया।

27 दिसंबर, 2008ः फ़िलिस्तीन द्वारा दक्षिणी इज़राइली शहर सेडरोट पर रॉकेट दागे जाने के बाद इज़राइल ने ग़ज़ा में 22 दिवसीय सैन्य आक्रमण शुरू किया। युद्धविराम पर सहमति बनने से पहले लगभग 1,400 फ़िलिस्तीनियों और 13 इजराइलियों के मारे जाने की ख़बर आई।

14 नवंबर, 2012ः - इज़राइल ने हमास के सैन्य प्रमुख अहमद जाबरी को मार डाला।

जुलाई-अगस्त 2014ः हमास ने तीन इजराइली किशोरों का अपहरण कर हत्या कर दी। इसके बाद सात सप्ताह का युद्ध हुआ, जिसमें ग़ज़ा में 2,100 से अधिक फिलिस्तीनियों के मारे जाने की खबर आई और 73 इजराइलियों के मारे जाने की खबर आई, जिनमें से 67 सैनिक थे।

मार्च 2018ः इज़राइल के साथ ग़ज़ा की बाड़ वाली सीमा पर फिलिस्तीनी विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। प्रदर्शनकारियों को पीछे रखने के लिए इज़राइली सैनिकों ने गोलीबारी की। कई महीनों के विरोध प्रदर्शन में 170 से अधिक फिलिस्तीनियों के मारे जाने की खबर है, जिसके कारण हमास और इजराइली बलों के बीच लड़ाई भी हुई।

मई 2021ः रमज़ान महीने के दौरान हफ्तों के तनाव के बाद, यरूशलम में अल अक्सा परिसर में इजराइली सुरक्षा बलों के साथ झड़प में सैकड़ों फिलिस्तीनी घायल हो गए। इज़राइल द्वारा परिसर से सुरक्षा बलों को हटाने की मांग के बाद, हमास ने ग़ज़ा से इज़राइल पर रॉकेटों की बौछार कर दी। इजराइल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गाजा पर हवाई हमला किया। लड़ाई 11 दिनों तक चलती है, जिसमें ग़ज़ा में कम से कम 250 लोग और इज़राइल में 13 लोग मारे गए।

अगस्त 2022ः इजराइली हवाई हमलों में एक वरिष्ठ इस्लामिक जिहाद कमांडर पर हमला होने से शुरू हुई तीन दिनों की हिंसा में 15 बच्चों सहित कम से कम 44 लोग मारे गए। इज़राइल का कहना है कि ये हमले ईरानी समर्थित उग्रवादी आंदोलन द्वारा कमांडरों और हथियार डिपो को निशाना बनाने वाले आसन्न हमले के खिलाफ एक एहतियाती कार्रवाई थी। जवाब में, इस्लामिक जिहाद ने इज़राइल की ओर 1,000 से अधिक रॉकेट दागे। इज़राइल की आयरन डोम वायु रक्षा प्रणाली किसी भी गंभीर क्षति या हताहत को रोकती है।

जनवरी 2023ः इजराइली सैनिकों द्वारा एक शरणार्थी शिविर पर हमला करने और सात फिलिस्तीनी बंदूकधारियों और दो नागरिकों को मारने के बाद ग़ज़ा में इस्लामिक जिहाद ने इजराइल की ओर दो रॉकेट दागे। रॉकेटों ने सीमा के पास इजराइली समुदायों में अलार्म बजा दिया लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ। इजराइल ने गाजा पर हवाई हमले कर जवाब दिया।

अक्टूबर 2023ः हमास ने ग़ज़ा पट्टी से इज़राइल पर शनिवार 7 अक्टूबर को सबसे बड़ा हमला किया, जिसमें इजराइल में 22 लोग मारे गए। हमास के लड़ाके इजराइल के कई शहरों में घुस गए। इजराइल ने कहा कि हमास लड़ाके सात लोकेशन पर घुस गए हैं। इज़राइल की सेना ने कहा कि युद्ध शुरू हो गया है। फिर उसने ग़ज़ा में हमास को निशाना बनाकर हमले किए हैं और रिजर्व सैनिकों को बुलाया है।

युद्ध से तबाह दुनिया

हमास ने इजराइल पर ऐसे समय हमला किया है जब खाड़ी के देशों और इजराइल के बीच नए समीकरण बन रहे थे। लंबे समय तक इजराइल के विरोधी सऊदी अरब ने इजराइल से हाथ मिला लिया। डिप्लोमैटिक संबंध स्थापित किए। सऊदी अरब ने एक और विरोधी ईरान से भी हाथ मिला लिया। ईरान हमेशा फिलिस्तानी की जमीन वापस करने और इजराइल के कब्जे के खिलाफ रहा है। बहरहाल, युक्रेन और रूस युद्ध की वजह से जियोपॉलिटिक्स एकदम से बदल गई। अमेरिका, यूरोप पर यूक्रेन-रूस युद्ध महंगा पड़ा। यूएस और यूरोप के कई देशों में आर्थिक मंदी आ चुकी है। अभी जब यूक्रेन-रूस युद्ध विराम की घोषणा नहीं हुई तो अब हमास और इजराइल का युद्ध शुरू हो गया है। उधर, यमन में भी सऊदी अरब फंसा हुआ। यमन के लड़ाकों ने रियाध तक हमले किए हैं। कुल मिलाकर युद्ध की स्थिति दुनिया में मंदी वापस ले आई है।