इज़राइली रक्षा बलों ने गुरुवार को वीडियो साझा कर दावा किया है कि उसके सैनिकों को ग़ज़ा के सबसे बड़े अस्पताल पर छापे में हथियारों सहित सैन्य उपकरण मिले हैं। इज़राइल ने दावा किया है कि उसको सबूत मिले हैं कि हमास आतंकी गतिविधियों के लिए विस्फोटकों और हथियारों को रखने के लिए अस्पतालों का उपयोग करता है।
सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में इजराइली रक्षा बल यानी आईडीएफ ने दावा किया कि हमास अल-शिफा अस्पताल में एमआरआई भवन का उपयोग एक कमांड सेंटर यानी मुख्यालय के रूप में और तकनीकी उपकरणों को रखने के लिए भी करता है।
आईडीएफ़ द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में सैन्य प्रवक्ता जोनाथन कॉनरिकस, कैमरापर्सन के साथ दिखते हैं। वह कथित तौर पर अस्पताल परिसर के अंदर हमास के हथियारों के भंडार के सबूत देने के लिए अस्पताल में दाखिल हुए। आईडीएफ ने दावा किया है कि वीडियो को संपादित नहीं किया गया है। वीडियो में अल-शिफा अस्पताल की एमआरआई इमारत में सीसीटीवी कैमरे क्षतिग्रस्त दिखते हैं।
वीडियो में कथित तौर पर एमआरआई मशीन दिखती है और इसके पीछे कुछ विस्फोटक रखे हुए दिखाए गए हैं। वीडियो से यह साफ़ नहीं होता है कि उन विस्फोटकों और हथियारों को वहाँ किसने और कब रखा। वीडियो में ऐसे ही कई और कमरों को दिखाया गया है और इज़राइली सेना ने दावा किया है कि ये सबूत हैं कि अस्पताल का इस्तेमाल हमास के कमांड सेंटर के रूप में किया जा रहा था। वीडियो में कुछ हथियार और विस्फोटक ही दिखते हैं। तो सवाल है कि क्या कमांड सेंटर में सिर्फ़ गिने-चुने हथियार रखे गए थे और क्या इतने हथियारों से हमास इज़राइल से लड़ रहा है?
इज़राइली सेना ने ये वीडियो एक ऑपरेशन के बाद बनाया है। ऑपरेशन बुधवार को काफी समय तक जारी रहा। इजराइली सेना शिफा अस्पताल के हिस्से में घुस गई। साइट पर एक पत्रकार ने एएफपी को बताया कि आईडीएफ ने बाहरी इलाके में कई दिनों की लड़ाई के बाद कमरे-दर-कमरे की तलाशी ली है।
टाइम्स ऑफ़ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार आईडीएफ ने कई दिनों तक शिफा को घेर रखा था। इसने दावा किया है कि हमास ने सेंटर के नीचे एक प्रमुख ऑपरेशन कमांड सेंटर बना रखा है जिसमें अपने आतंकवादियों और बंदूकधारियों को कवर देने के लिए वहां रहने वाले मरीजों, कर्मचारियों और नागरिकों का उपयोग किया जाता है।
आईडीएफ ने दावा किया है कि अल-शिफा अस्पताल हमास का एक कमांड सेंटर है जो 2,000 नागरिकों के पीछे छिपा हुआ है और इसे आश्रय के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। इधर हमास द्वारा संचालित ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इजराइली बुलडोजरों ने अस्पताल के दक्षिणी प्रवेश द्वार के कुछ हिस्सों को नष्ट कर दिया है।
फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इज़राइल ने अस्पताल के चारों ओर बुलडोजर तैनात कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि अस्पताल के अंदर कम से कम 2,300 मरीज, कर्मचारी और विस्थापित नागरिक हैं, जिनमें 36 नवजात शिशु भी शामिल हैं। संस्थान में इनक्यूबेटरों को चालू रखने के लिए ईंधन ख़त्म हो जाने के कारण पिछले सप्ताह समय से पहले जन्मे तीन बच्चों की मृत्यु हो गई। अल शिफा अस्पताल के निदेशक ने बुधवार को कहा था कि इजराइली सैनिकों के परिसर में घुसने के कारण सभी विभागों का पानी, बिजली और ऑक्सीजन काट दिया गया।
अस्पताल पर इजराइली छापे की ख़बर सामने आने के बाद से ग़ज़ा में नागरिकों पर इजराइली हमले को लेकर अंतरराष्ट्रीय चिंता बढ़ गई है।
इज़राइल के सबसे क़रीबी सहयोगी अमेरिका ने कहा है कि ग़ज़ा में अस्पतालों पर हवाई हमले नहीं होने चाहिए। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि मैं इजराइल सरकार से अधिकतम संयम बरतने का आग्रह करता हूँ। उन्होंने कहा कि दुनिया महिलाओं, बच्चों और शिशुओं की हत्या देख रही है और इसे रोकना होगा। कनाडा पीएम की टिप्पणी पर इज़राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।