क्या इजरायल ने किया है अमेरिकी हथियारों का गलत इस्तेमाल ?  

04:57 pm May 11, 2024 | सत्य ब्यूरो

अमेरिका के विदेश विभाग ने अमेरिकी कांग्रेस को एक रिपोर्ट सौंपी है जिसमें शक जताया गया है कि अमेरिका ने इजरायल को जो हथियार दिए हैं, उसका इजरायल ने गलत इस्तेमाल किया है। 

रिपोर्ट यह आशंका जताती है कि इजरायल ने गजा में सैन्य अभियान के दौरान अमेरिका से मिले हथियारों का इस्तेमाल करने में विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानूनों का उल्लंघन किया है।  

इस रिपोर्ट में ऐसा कहना, गजा में युद्ध शुरू होने के बाद अमेरिका द्वारा इजरायल की सबसे बड़ी आलोचना माना जा रहा है। 

हालांकि यह रिपोर्ट यह भी कहती है कि इजरायल द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानूनों के उल्लंघन को लेकर फिलहाल कोई सबूत नहीं है। गजा में जारी युद्ध के कारण अमेरिकी अधिकारी पुख्ता सबूत नहीं ढूंढ पाए हैं। इसलिए आधिकारित तौर पर अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। इसलिए अमेरिका इजरायल को हथियारों की सप्लाई जारी रखेगा। 

कुछ अमेरिकी सांसदों ने इस वर्ष फरवरी में इजरायल पर मानवाधिकारों के उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। सांसदों के दबाव के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक जांच समिति बनाई थी। इस समिति ने 7 अक्टूबर से अप्रैल के अंत तक गजा में हुई घटनाओं को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार की है। इसी रिपोर्ट को अब जारी किया गया है। 

प्राप्त जानकारी के मुताबिक अमेरिका से हथियार पाने वाले देशों से अमेरिका ने एक समझौता कर रखा है जिसे एनएसएम-20 नाम दिया गया है। इस समझौते के तहत अमेरिका से हथियार पाने वाले देशों ने लिखित में अमेरिका को आश्वासन दे रखा है कि वे अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक ही करेंगे। अगर वे इस समझौते का पालन करते हैं तभी अमेरिका उन्हें भविष्य में हथियारों की सप्लाई करेगा। 

अब इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायल ने एनएसएम-20 के तहत आने वाले हथियारों की पूरी जानकारी नहीं दी है। इसके कारण यह पता करना मुश्किल हो गया है कि इजरायल ने इन हथियारों का इस्तेमाल किसके खिलाफ किया है। 

इस कारण नहीं हो पा रहा सही आकलन

इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गजा में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी नहीं है, इसके कारण वे इसका सही आकलन नहीं कर पा रहे हैं। इन बातों के आधार पर अमेरिका को फिलहाल नहीं लगता है कि इजरायल ने अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानूनों और नियमों का उल्लंघन किया है। 

अंग्रेजी अखबार द हिंदू की रिपोर्ट कहती है कि यह अमेरिकी कांग्रेस को सौंपी गई यह रिपोर्ट राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथी डेमोक्रेट सांसदों के द्वारा दबाव बनाने के बाद आई है। 

यह रिपोर्ट तब आई है जब इजरायली हमले में 35,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। इसमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे. 

गजा में चल रहे युद्ध में इजरायल को अमेरिका द्वारा मिले हथियारों के उपयोग की जो बाइडेन प्रशासन द्वारा समीक्षा के बाद यह निष्कर्ष नहीं निकलता है कि इजरायल ने उनके उपयोग की शर्तों का उल्लंघन किया है। 

एक अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, इस रिपोर्ट में इजरायल की तीखी आलोचना होने की उम्मीद है, भले ही इससे यह निष्कर्ष नहीं निकलता है कि इजराइल ने अमेरिकी-इजरायल हथियार समझौते की शर्तों का उल्लंघन किया है। 

माना जा रहा है कि फिलिस्तीन में मरने वालों की बढ़ती संख्या और वहां उपजे मानवीय संकट के कारण अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पर दबाव बढ़ता जा रहा है कि वह युद्ध रोकने में अपनी भूमिका निभाएं। 

यूएन सदस्य बनने के लिए फिलिस्तीन क्ववालीफाई हुआ 

शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र या यूएन में हुए एक मतदान के बाद फिलिस्तीन इस विश्व संस्था का सदस्य बनने के लिए क्वालिफाई होने में कामयाब रहा। शुक्रवार को यूएन में फिलिस्तीन को सदस्य बनाने की अरब देशों की मांग पर मतदान हुआ। इसमें भारत ने फिलिस्तीन के समर्थन में वोट दिया है। 

इस मतदान में यूएन के 193 सदस्य देशों में से 143 ने फिलिस्तीन के समर्थन में मतदान किया। वहीं 9 ने इसके खिलाफ मतदान किया है, जिसमें अमेरिका और इजरायल शामिल हैं। 

वहीं 25 देशों ने इस मतदान से दूरी बना ली। हालांकि इस मतदान से फिलिस्तीन अभी यूएन का सदस्य नहीं बन पायेगा। वह अभी सिर्फ सदस्य बनने के लिए क्वालिपाई हो पाया है। 

यूएन में इससे पहले 18 अप्रैल को फिलिस्तीन को पूर्ण सदस्यता देने का प्रस्ताव अल्जीरिया लेकर आया था लेकिन इस प्रस्ताव को अमेरिका ने वीटो कर दिया था।