दुनिया डोनल्ड ट्रंप के जिस 'भड़काऊ' भाषण को कैपिटल बिल्डिंग हिंसा के लिए ज़िम्मेदार ठहरा रही है उसको उन्होंने खारिज कर दिया है। ट्रंप ने अपने भाषण को पूरी तरह सही ठहराया है। शायद यह पहली बार है कि उन्होंने अपने भाषण पर सफ़ाई दी है। इससे पहले पिछले हफ़्ते उन्होंने उस घटना पर दिए अपने बयान में हिंसा की निंदा की थी। इस बीच वह फ़ेसबुक और ट्विटर द्वारा अपने खाते बंद किए जाने के ख़िलाफ़ भी कई बार बयान दे चुके हैं।
अपने ख़िलाफ़ संभावित महाभियोग से एक दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप कैपिटल बिल्डिंग हिंसा से पहले दिए गए अपने भाषण पर बोले। ट्रंप ने देश भर में 'जबरदस्त ग़ुस्से' की चेतावनी दी है। हालाँकि उन्होंने अमेरिका मेक्सिको बॉर्डर के दौरे के दौरान उन्होंने शांति और संयम बरतने की अपनी की।
इससे पहले पिछले हफ़्ते जारी बयान में ट्रंप ने कैपिटल बिल्डिंग यानी अमेरिकी संसद भवन हिंसा की निंदा की थी। उन्होंने एक वीडियो मैसेज में हमले को जघन्य हमला क़रार दिया था। उन्होंने यह भी कहा था कि वह 'अराजकता और उत्पात' से गु़स्से में हैं। क़रीब ढाई मिनट के अपने वीडियो संदेश में उन्होंने कई चीज़ों पर सफ़ाई दी थी लेकिन न तो अपने भाषण और न ही हिंसा भड़काने में अपनी भूमिका के बारे में कुछ बोला था। जबकि ट्रंप पर सबसे ज़्यादा आरोप यही लग रहा है कि उनके कथित भड़काऊ भाषण के बाद ही उनके समर्थकों ने हिंसा की।
ट्रंप का यह बयान इसलिए अहम है कि इस कैपिटल बिल्डिंग हिंसा के लिए ट्रंप की आलोचना की जा रही है। यह इसलिए कि अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन के शहर कैपिटल हिल में सांसदों की बैठक करने वाली जगह का नाम यूएस कैपिटल या कैपिटल बिल्डिंग है जहाँ हिंसा हुई है। यहीं पर जो बाइडन की जीत को प्रमाण पत्र मिलने से पहले ट्रंप ने वाशिंगटन में एक रैली में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया था। इसमें उन्होंने कहा था कि 'हम कभी हार नहीं मानेंगे।' उन्होंने भीड़ को भड़काते हुए कहा, 'आप कमज़ोरी से अपना देश फिर हासिल नहीं कर सकते।' ट्रंप ने भीड़ को कैपिटॉल की ओर कूच करने को कहा था।
ट्रंप के भाषण के बाद ही उनके समर्थकों ने कैपिटल बिल्डिंग में घुसने की कोशिश की और हिंसात्मक प्रदर्शन किया था। इस हिंसा में 5 लोगों की मौत हो गई।
ट्रम्प समर्थक प्रदर्शनकारियों द्वारा कैपिटल बिल्डिंग में घुसने और हिंसा किये जाने को जो बाइडन को राष्ट्रपति नियुक्त करने में संसद की कार्यवाही में बाधा डालने के प्रयास के तौर पर देखा गया।
इसी को लेकर जारी सफ़ाई पर ट्रंप ने कहा है कि सभी लोगों ने उनके भाषण को पूरी तरह उचित माना है।
ट्रम्प ने अपने ख़िलाफ़ संभावित महाभियोग को 'राजनीति के इतिहास में सबसे बड़ा विचहंट' क़रार दिया। इसके साथ ही उन्होंने अपने समर्थकों को चेताया कि आपको हमेशा हिंसा से बचना है। बता दें कि उनके समर्थक उग्र हैं। ट्रंप ने भी कहा, 'मैंने ऐसा ग़ुस्सा कभी नहीं देखा।'
कैपिटब बिल्डिंग हिंसा के बाद सुरक्षाकर्मी। फ़ाइल फ़ोटो
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को पद से हटाने के लिए डेमोक्रेट सदस्यों ने हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेन्टेटिव्स में उनके ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है। दो डेमोक्रेट सदस्यों और एक रिपब्लिकन सदस्य ने इसे सदन में रखा। अविश्वास प्रस्ताव में उनके ख़िलाफ़ विद्रोह भड़काने का आरोप लगाया गया है। इसके अलावा एक और प्रस्ताव पेश किया गया है, जिसमें उप राष्ट्रपति माइक पेंस से संविधान संशोधन 25 का प्रयोग कर राष्ट्रपति को पद से हटा कर उनके तमाम अधिकार ले लेने का आग्रह किया गया है।
सीएनएन ने एक ख़बर में कहा है कि डमोक्रेट्स ने 'विद्रोह भड़काने' के आधार पर महाभियोग प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव में कहा गया है, "राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका और इसकी सरकार की संस्थानों को ख़तरे में डाल दिया। उन्होंने लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए ख़तरा पैदा कर दिया, सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण के रास्ते में रोड़े अटकाए और सरकार के लिए दिक्क़तें पैदा कीं। इस तरह उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में जनता के विश्वास को ठेस पहुँचाई।"