चीन में कोविड से दिसंबर से लेकर अब तक 60,000 मौतों की बात स्वीकार करने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चीन से और आंकड़े मांगे हैं। पिछले दिनों जब डब्ल्यूएचओ ने डेटा मांगा था तो चीन ने इतनी बड़ी तादाद नहीं बताई थी।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के निदेशक मा शियाओवेई के साथ बातचीत में डेटा देने का अनुरोध किया। डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में यह बात कही है। बयान में कहा गया, डब्ल्यूएचओ प्रमुख डॉ टेड्रोस ने चीन के सहयोग और पारदर्शिता के महत्व को भी दोहराया।
चीनी सरकार पर कोरोना पीड़ित मरीजों की संख्या को कम करने का आरोप लगाया है। हालांकि ऐसा ही आरोप भारत पर भी लगा था और तब भारत सरकार ने कोरोना महामारी की संख्या के गैर सरकारी आंकड़ों को खारिज कर दिया था।
चीन ने शनिवार को 60,000 हजार मौतों की बात स्वीकार करने से पहले दिसंबर में सिर्फ कुछ दर्जन मौतों को आधिकारिक तौर पर दर्ज करने की बात कही थी, जबकि चीन में तमाम अस्पताल लोगों की मौत की सूचना दे रहे थे।
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) के एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि चीन ने 8 दिसंबर से 12 जनवरी के बीच 59,938 कोविड से संबंधित मौतें दर्ज की थीं। यह आंकड़ा सिर्फ इलाज के दौरान होने वाली मौतों को बताता है, लेकिन मरने वालों की असली तादाद ज्यादा होने की बात अस्पतालों से पता चलती है।
डब्ल्यूएचओ ने अपने बयान में कहा, वह इस जानकारी का विश्लेषण कर रहा है, जो दिसंबर 2022 से 12 जनवरी 2023 तक के आंकड़े बता रहा है। इससे चीन में इस लहर के प्रभाव की बेहतर समझ सामने आ सकती है। डब्ल्यूएचओ ने चीन से अनुरोध किया कि इस प्रकार की विस्तृत जानकारी हमारे और जनता के साथ साझा की जाती रहे।