अमेरिका की कैपिटल हिल बिल्डिंग हिंसा में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यूएस कैपिटल पर भीड़ के हमले की जांच कर रहे एक कांग्रेस पैनल ने कहा है कि तब चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए ट्रंप ने सत्ता में बनने रहने के लिए तख्तापलट की कोशिश की थी। इसने यह भी कहा है कि तब ट्रंप ने अपने कथित भड़काऊ बयान से अपने समर्थकों की भीड़ को इकट्ठा किया और 'हमले के लिए भड़काया'। उस हिंसा मामले में फ़िलहाल सुनवाई चल रही है और इसी मामले में ये बयान आए हैं।
बता दें कि पिछले साल 6 जनवरी को चुनाव में डोनल्ड ट्रंप के हार न मानने के कारण हिंसा हुई थी। उसमें कम से कम 5 लोग मारे गए थे और कई घायल भी हुए थे।
दरअसल, यह घटना तब हुई थी जब यूएस हाउस ऑफ़ रिप्रेजेंटेटिव्स और सीनेट ने इलेक्टोरल कॉलेज के परिणामों के प्रमाणन पर विचार करने के लिए एक संयुक्त सत्र बुलाया था। इसमें पता चल रहा था कि डेमोक्रेट जो बाइडन ने डोनल्ड ट्रम्प को हरा दिया है। लेकिन शुरुआती चुनाव नतीजों के बाद से ही हार नहीं मानने पर अड़े ट्रंप ने वाशिंगटन में अपने समर्थकों की एक रैली की थी और कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया था। इसमें उन्होंने कहा था कि 'हम कभी हार नहीं मानेंगे।' उन्होंने भीड़ को भड़काते हुए कहा था, 'आप कमज़ोरी से अपना देश फिर हासिल नहीं कर सकते।' ट्रंप ने भीड़ को कैपिटल बिल्डिंग की ओर कूच करने को कहा था। ट्रंप के भाषण के बाद ही उनके समर्थकों ने कैपिटल बिल्डिंग में घुसने की कोशिश की और हिंसात्मक प्रदर्शन किया था।
इसके बाद से ही इस मामले की जाँच की जा रही थी। एक साल की लंबी जांच के बाद विशेष समिति ने अपने निष्कर्षों की एक प्रस्तुति दी। एएफ़पी की रिपोर्ट के अनुसार पैनल के रिपब्लिकन उपाध्यक्ष लिज़ चेनी ने गर्मियों की सुनवाई की एक श्रृंखला में पहली बार अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा, 'राष्ट्रपति ट्रम्प ने भीड़ को बुलाया, भीड़ को इकट्ठा किया और इस हमले के लिए भड़काया।'
लिज़ से पहले डेमोक्रेटिक कमेटी के प्रमुख बेनी थॉम्पसन ने ट्रम्प पर 'इस साजिश के केंद्र में' होने का आरोप लगाया।
थॉम्पसन ने कहा, '6 जनवरी तख्तापलट के प्रयास की परिणति थी- एक निर्लज्ज प्रयास, जैसा कि 6 जनवरी के तुरंत बाद एक दंगाई ने कहा- सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए। हिंसा कोई दुर्घटना नहीं थी।' उन्होंने कहा कि दंगाइयों ने 'संयुक्त राज्य के राष्ट्रपति के उकसावे पर' कांग्रेस तक मार्च किया और सांसदों द्वारा बाइडन को सत्ता के औपचारिक हस्तांतरण को रोकने का काम किया।
पैनल में सात हाउस डेमोक्रेट और दो रिपब्लिकन शामिल हैं। उन्होंने दो गवाहों को भी बुलाया जिनमें कैरोलिन एडवर्डस भी शामिल हैं, जो हमले में घायल हुए पहले पुलिस अधिकारी थे। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, एडवर्डस ने गवाही दी कि बेहोश होने से पहले उन्हें दंगाइयों द्वारा देशद्रोही और कुत्ता कहा जा रहा था। चयन समिति के अध्यक्ष डेमोक्रेट बेनी थॉम्पसन ने कहा कि 6 जनवरी को तख्तापलट की कोशिश की गई थी।
न्यूज़ एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी पैनल ने कहा कि घातक हमले और उसके लिए ज़िम्मेदार झूठ के कारण ‘ढाई सदी पुराना संवैधानिक लोकतंत्र ख़तरे में पड़ गया।’ बेनी थॉम्पसन ने कहा कि अमेरिका से लंबे समय से एक महान देश बनने की उम्मीद की जाती रही है। उन्होंने कहा, ‘एक आशा एवं आजादी की किरण। हम यह भूमिका कैसे निभा सकते हैं, जब हमारा खुद का सदन इस तरह अव्यवस्थित है? हमें सच्चाई का डटकर सामना करना चाहिए।’