+
डीपसीक क्या है, इसने यूएस के AI दिग्गजों को कैसे हिला दिया?

डीपसीक क्या है, इसने यूएस के AI दिग्गजों को कैसे हिला दिया?

आर्टिफिशल इंटेलीजेंस यानी एआई के दिग्गज डीपसीक (DeepSeek) से हिल गये हैं। शेयर मार्केट में यूएस की एआई कंपनियों के शेयर गिर गये हैं। आखिर ये डीपसीक क्या है और इसने एआई वर्ल्ड ऑर्डर को कैसे बदल दिया। जानियेः

डीपसीक आर्टिफिशल इंटेलीजेंस (एआई) की चीनी कंपनी है। इसने अमेरिकी एआई कंपनियों के मुकाबले सस्ती एआई चिप तैयार की है। अमेरिकी कंपनियों ने जिस तरह मोटी रकम का निवेश कर एआई का मॉडल तैयार किया, उसके मुकाबले डीपसीक ने सस्ती चिप बनाकर उन्हें चुनौती दी है। डीपसीक चीन की एक निजी कंपनी है जिसकी स्थापना जुलाई 2023 में चीन के बड़े विश्वविद्यालयों में से एक झेजियांग विश्वविद्यालय के ग्रैजुएट लियांग वेनफेंग ने की थी। एमआईटी टेक्नोलॉजी रिव्यू के अनुसार लियांग वेनफेंग ने अपने हेज फंड के जरिये डीपसीक स्टार्टअप की फंडिंग की थी। अब लियांग के पास लगभग 8 अरब डॉलर की संपत्ति है।

डीपसीक की हलचल अमेरिका में तब शुरू हुई, जब इसने अपना बिल्कुल नया एआई मॉडल लॉन्च किया। अमेरिका में इस मॉडल को वहां के एआई दिग्गजों के मॉडल से बेहतर और सस्ता बताया गया। इस पर इतना कम खर्च आया है कि अमेरिकी दिग्गज इस पर विश्वास नहीं कर रहे हैं। यही उनकी परेशानी का सबब भी है। इस समय अमेरिकी मीडिया आउटलेट सबसे ज्यादा डीपसीक के बारे में बातें कर रहे हैं। 

डीपसीक के एक पेपर ने एआई दिग्गजों का ध्यान हाल ही में खींचा। कंपनी ने उस पेपर में बताया कि डीपसीक-वी3 ट्रेनिंग के लिए एनवीडिया एच800 चिप्स के मुकाबले 6 मिलियन डॉलर से भी कम में कंप्यूटिंग पावर की जरूरत होती है और उससे ट्रेनिंग दी जा सकती है।

 - Satya Hindi

डीपसीक के फाउंडर लियांग वेनफेंग

अमेरिका में ऐप्पल के ऐप स्टोर पर डीपसीक का एआई असिस्टेंट ऐप अपने प्रतिद्वंदी चैटजीपीटी से आगे निकल गया है। यह ऐप डीपसीक-वी3 से संचालित हो रही है। अब यह ऐप्पल के ऐप स्टोर पर टॉप रेटेड मुफ्त एप्लिकेशन है।

डीपसीक की वजह से कुछ अमेरिकी तकनीकी कंपनियों के एआई निवेश में अरबों डॉलर खर्च करने के फैसले के पीछे  तर्क पर शक पैदा हो गया है। यूएस के ओपनएआई और एनवीडिया सहित कई बड़े एआई खिलाड़ियों के शेयरों पर सीधा असर पड़ा है।

2022 के अंत में ओपनएआई के चैटजीपीटी की रिलीज ने चीनी तकनीकी कंपनियों के बीच हलचल पैदा कर दी। तब चीन ने खुद एआई संचालित चैटबॉट बनाने पर रिसर्च और बाकी काम शुरू किये। चीन के सर्च इंजन दिग्गज Baidu ने पहला चीनी एआई मॉडल चैटजीपीटी के बराबर जारी किया। लेकिन चैटजीपीटी के मुकाबले बैदू का एआई मॉडल अच्छा नहीं था। अमेरिकी कंपनियों की एआई क्षमताओं के मुकाबले बैदू के एआई मॉडल में दम नहीं था। चीन में व्यापक निराशा हुई। लेकिन अब डीपसीक के मॉडलों की गुणवत्ता और लागत ने इस कहानी को उल्टा कर दिया है।

चीनी स्टार्टअप ने कहा है कि जिन दो  मॉडलों डीपसीक-वी3 और डीपसीक-आर1 की सिलिकॉन वैली के अधिकारियों और अमेरिकी तकनीकी कंपनी के इंजीनियरों ने समान रूप से तारीफ की है, वो ओपनएआई और मेटा के सबसे उन्नत मॉडल के बराबर हैं। इनका इस्तेमाल करना भी सस्ता है। डीपसीक के आधिकारिक वीचैट अकाउंट पर एक पोस्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह जारी किया गया डीपसीक-आर1, काम के आधार पर, ओपनएआई ओ1 मॉडल की तुलना में इस्तेमाल करने के लिए 20 से 50 गुना सस्ता है।

डीपसीक की सफलता चीन के शीर्ष राजनीतिक हलकों में भी गौर से देखी जा रही है। चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, 20 जनवरी को, जिस दिन डीपसीक-आर1 को जनता के लिए जारी किया गया था, संस्थापक लियांग ने चीनी प्रधान मंत्री ली कियांग के साथ बंद कमरे में मीटिंग में भाग लिया। इसमें चीन के और भी कारोबारी और उच्चस्तरीय अधिकारी मौजूद थे।

इस मीटिंग में लियांग की मौजूदगी एक संकेत है कि अमेरिका के एक्सपोर्ट कंट्रोल पर काबू पाने और एआई जैसे रणनीतिक उद्योगों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के बीजिंग भी कुछ न कुछ कदम उठाने जा रहा है।

(इस रिपोर्ट का संपादन यूसुफ किरमानी ने किया)

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें