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वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन अय्याशी के अड्डे में तब्दील, पुलिस ने कार्रवाई की

वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन अय्याशी के अड्डे में तब्दील, पुलिस ने कार्रवाई की

भोपाल में हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन किया गया। फिर इसे वर्ल्ड क्लास होने का दावा करते हुए इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी से कराया गया। पीएम मोदी ने भी इसकी काफी तारीफ की। लेकिन चंद महीने बाद यह स्टेशन अय्याशी के अड्डे में बदल गया। पुलिस ने शनिवार देर रात यहां छापा मारा तो बहुत कुछ देखने को मिला।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकार्पित भारत के पहले वर्ल्ड क्लास सुविधाओं वाले भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर शनिवार देर रात पुलिस ने छापे मारे। इस कार्रवाई में बड़ी संख्या में शराबखोर और अन्य तत्व अय्याशी करते पकड़े गए। बंसल ग्रुप द्वारा पीपीपी मॉडल से पुनर्विकसित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का लोकार्पण बीते साल 15 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। मोदी ने वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से सुसज्जित इस स्टेशन की जमकर तारीफ की थी।इस स्टेशन के नये सिरे से निर्माण पर लगभग 450 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। तमाम सुविधाओं के अलावा निर्माण एजेंसी, पीपीपी मोड कार्य के एवज में स्टेशन परिसर में मिली जमीन पर एक पांच सितारा होटल, सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल और मॉल का निर्माण भी कर रही है।

स्टेशन की पार्किंग की व्यवस्था का जिम्मा भी निर्माण एजेंसी के पास ही है। यात्रियों की सुविधा के लिए चौबीस घंटे सातों दिन खुला रहने वाला फूड प्लॉजा भी परिसर में स्थापित है।पुलिस को पिछले कई दिनों से सूचनाएं मिल रही थीं कि शाम ढलते और रात जवां होते ही, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन परिसर में मयकशों का जमावड़ा लगने लगता है। कार और दोपहिया वाहनों में पहुंचने वाले मदिरापान के शौक़ीन पार्किंग को ही ओपन बार में बदल देते हैं।कई मयकश और रसूखदार लोग अपने वाहनों की छत को ‘बार बनाकर’ खुले आम जाम टकराते नजर आते हैं। नई उम्र के युवाओं से लेकर ढलती उम्र की महिलाएं-पुरुष भी शराब पीते, संदिग्ध हालातों में यहां नज़र आते हैं।

शिकायतों में यह भी सामने आ रहा था कि मयकश और अय्याशी करने वाले देर रात तक स्टेशन पर जमा रहते हैं। अवैधानिक गतिविधियों को भी अंजाम दिया जाता है। तेज आवाज में वाहनों में गाने बजाये और सुने जाते हैं। कई बार नशे में झूमते हुए लोग भी दिखते हैं।

मयकशों के इस तरह के जमघट और अवैधानिक गतिविधियों के चलते यात्रियों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। आये दिन हुज्जतबाजी, गाली-गलौच और मारपीट की घटनाएं भी होती हैं। कुछ पुलिस तक पहुंचती हैं और ज्यादातर मौके पर ही रफा-दफा कर दी जाती हैं या हो जाती हैं। हबीबगंज पुलिस (रानी कमलापति स्टेशन का पुराना नाम हबीबगंज रेलवे स्टेशन ही था) ने यातायात पुलिस और महिला पुलिस बल को साथ लेकर शनिवार रात करीब 11 बजे छापामार कार्रवाई शुरू की तो उसकी आंखें फटी रह गईं।स्टेशन के पार्किंग एरिया में 100 के लगभग दोपहिया और चार पहिया वाहनों का जमावड़ा मिला। ज्यादातर वाहन दारूखोरी और मौज-मस्ती के लिए स्टेशन पहुंचे हुए थे। पुलिस ने तलाशी शुरू की तो दर्जनों वाहनों से शराब की खुली बोतलें, भरे हुए जाम और चखना जब्त हुआ। कई चार पहिया वाहनों की छतों पर भरे हुए जाम-चखने के साथ शराबखोरों को पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा।

लकदक और महंगी चार पहिया गाड़ियों में अभिजात्य वर्ग की लड़कियां तथा औरतें भी ड्रिंक करती मिलीं। कई में महिला-पुरुष, युवक-युवतियों को पुलिस ने नशा करते हुए संदिग्ध हालातों में भी पकड़ा। कई बिगड़ैल और धनकुबेरों की संतानों से पुलिस की जमकर हुज्जत हुई। लड़कियों को काबू में करने के लिए महिला पुलिस बल को भी जमकर पसीना बहाना पड़ा। नशे में धुत्त मिलीं कई लड़कियों और महिलाओं ने पुलिस से बदसुलूकी की।

पुलिस पूरी तैयारी से पहुंची थी, लिहाजा उसे बहुत ज्यादा मुश्किल नहीं हुई। पूरे मंजर, हुज्जत और गाली-गलौच करने वालों को पुलिस ने कैमरों में कैद किया। वीडियो बनाये। ब्रेथ ऐनेलाइजर से लोगों को चेक किया गया। नशे में मिले लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। बड़ी संख्या में चालान काटे गए। वाहनों की जब्ती की गई। आपा खोने और बदसुलूकी करते रहने वाले अनेक लोगों को पुलिस ने पकड़ा। थाने ले गई। मामले कायम किये। पुलिस ने ज्यादातर आरोपियों पर भारतीय दंड विधान की धारा 151, आबकारी एक्ट 34 और गाली-गलौच का मामला दर्ज किया है। कुछ लोगों पर सरकारी काम में व्यवधान की धाराएं भी पुलिस ने लगाई हैं। 

स्टेशन पर पूरा घटनाक्रम आधी रात के बाद तक चलता रहा। नशे में धुत्त कई रईसजादों ने पुलिस को वर्दी उतरवाने की धमकी भी दी। पुलिस ने थाने ले जाकर इनका ‘रसूख़ उतार’ दिया। हालांकि सवाल उठाया गया कि जब लगातार सूचनाएं मिल रहीं थी तो पुलिस ने छापेमारी और धरपकड़ में इतनी देर क्यों लगाई?

बड़ा सवाल एजेंसी और स्टेशन प्रबंधन क्या देखता है!पुलिस के कथित ढुलमुल और देरी से कार्रवाई वाले रवैये के अलावा जानकारों ने स्टेशन प्रबंधन एवं निर्माण का ठेका लेने वाली एजेंसी को भी कठघरे में खड़ा किया।सवाल उठाया गया, पार्किंग में वाहन लगाकर खुले आम लोग शराबखोरी करते हैं तब एजेंसी क्या देखती है? क्यों नहीं ऐसे तत्वों को वह भगाती है? पुलिस को समय रहते शिकायत क्यों नहीं की जाती? वर्ल्ड क्लास स्टेशन के तमगे से नवाजे गए स्टेशन को अय्याशी का अड्डा आखिर क्यों और कैसे बनने दिया जाता रहा है?

डीआरएम भोपाल ने कहा नोटिस देंगे

भोपाल रेल मंडल के प्रमुख सौरभ बंधोपाध्याय ने ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के पार्किंग एरिया में अवैधानिक गतिविधियां संचालित होने की जानकारी रेल प्रबंधन को भी मिल रही थीं। करीब 15 दिन पहले एसपी रेल को इस बारे में सूचित किया गया था। संभवतया उसी सूचना पर भोपाल पुलिस ने कार्रवाई की होगी।’उन्होंने कहा, ‘रेलवे स्टेशन के बाहरी क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों पर निगाह रखने का काम पुलिस और अन्य एजेंसियों का है। मगर पूरा मामला गंभीर है। स्टेशन को विकसित करने और पार्किंग एरिया का संचालन कर रही एजेंसी को भी हम नोटिस देंगे। उसे निर्देशित किया जायेगा, भविष्य में इस तरह की गतिविधियों को संचालन रेलवे स्टेशन के क्षेत्र में नहीं होना चाहिए।’ उन्होंने यह भी बताया वे भोपाल से बाहर हैं, लेकिन एक्शन जल्दी होगा।

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