नागरिकता क़ानून: इटावा में पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर महिलाओं को पीटा
उत्तर प्रदेश के इटावा में नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रही महिलाओं को उत्तर प्रदेश पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। मोबाइल फ़ोन से लिए गए फ़ुटेज में दिख रहा है कि प्रदर्शन स्थल से महिलाएँ पचराहा की पतली गलियों से होकर भाग रही हैं और पीछा करते हुए पुलिस उनपर डंडे बरसा रही है। वीडियो में महिलाओं को चीखते-चिल्लाते हुए सुना जा सकता है। हालाँकि यह साफ़ नहीं दिखता है कि जो पुलिसकर्मी डंडे बरसा रहे हैं वे महिला हैं या पुरुष। इससे पहले प्रदर्शन स्थल से लोगों को भगाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। हालाँकि, पुलिस का दावा है कि महिला प्रदर्शनकारियों से महिला पुलिस कर्मी ही निपट रही थीं। यह घटना मंगलवार रात की है।
बता दें कि प्रदर्शन मंगलवार दोपहर को पचराहा में हुआ। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार क़रीब डेढ़ सौ महिलाएँ प्रदर्शन में शामिल हुईं लेकिन रात तक यह संख्या बढ़कर क़रीब 500 हो गई थी। इसी दौरान यह कार्रवाई की गई।
It seems, these are the brave jawans of #UPPolice under the able guidance of Maryada Purshottam @myogiadityanath , lathi charging women at #CAA_NRC_Protests in #Etawah . #CAA_NPR_NRC pic.twitter.com/aFWqzfwz4a
— thakursahab (@65thakursahab) January 22, 2020
इस प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई के कई अन्य मोबाइल फ़ोन के वीडियो फ़ुटेज भी सामने आए हैं। एक वीडियो में दिख रहा है कि पुलिस लोगों को वहाँ से भगाने के लिए लाठीचार्ज कर रही है। एक अन्य वीडियो में दिख रहा है कि सड़क किनारे वाली दुकानों में भी पुलिसकर्मी घुसे और ज़बरदस्ती दुकानों को बंद करा दिया। एक पुलिसकर्मी रेहड़ी वालों को पीटता दिख रहा है।
Etawah police ki brutality on peaceful protest against caa nrc
— Syed Mohammad Sameer Alam (@Syedsameeralam) January 22, 2020
Shame police shame #Reject_CAA_NRC_NPR @ndtv pic.twitter.com/2Q183YoFeR
'एनडीटीवी' की रिपोर्ट के अनुसार, एक वीडियो में एक वरिष्ठ पुलिसकर्मी प्रदर्शन करने वालों को गाली देते दिख रहे हैं। पुलिस ने अपनी कार्रवाई का यह कहते हुए बचाव किया है कि पहले प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया था। इटावा पुलिस ने ट्वीट कर कहा है कि प्रदर्शन स्थल पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं और प्रदर्शन करने वालों पर नज़र रखी जा रही है।
लखनऊ में महिलाओं से कंबल छीने गए
लखनऊ में भी पिछले हफ़्ते जब महिलाएँ इस क़ानून के विरोध में धरने पर बैठीं तो उनका आरोप है कि पुलिस ने उनसे कंबल छीन लिये। नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में शुक्रवार शाम से ही लखनऊ के क्लॉक टावर के नीचे महिलाएँ धरना दे रही थीं। लेकिन शनिवार शाम को पुलिस आई और उन्हें धरना देने से रोक दिया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिख रहा था कि पुलिस महिलाओं के कंबल ले जा रही है। आंदोलनकारी महिलाओं ने आरोप लगाया है कि पुलिस उनका खाना भी ले गयी। हालाँकि लखनऊ पुलिस ने कहा था कि कंबलों को प्रक्रिया के तहत ही ज़ब्त किया गया है और लोग इस बारे में अफ़वाह न फैलाएँ।
वायरल वीडियो में पुलिस कर्मी धरने पर बैठने के लिए लाई गईं दरियों को भी अपने साथ ले जाते दिखे थे। इसके बाद भी महिलाएँ वहीं डटी रहीं और उन्होंने पुलिस के ख़िलाफ़ और इस क़ानून के विरोध में जमकर नारेबाज़ी की।
शाहीन बाग़ की ही तर्ज पर देश भर में कई जगह महिलाएँ सड़कों पर उतर गई हैं। उत्तर प्रदेश में प्रयागराज में पहली बार बड़े स्तर पर दिल्ली के शाहीन बाग़ की तर्ज पर प्रदर्शन शुरू हुआ। इसके बाद लखनऊ में भी ऐसा ही प्रदर्शन हुआ। अब तो उत्तर प्रदेश में कई शहरों में ऐसे प्रदर्शन चल रहे हैं।