गृहमंत्री अमित शाह ने सीएए के मुद्दे पर एएनआई को इंटरव्यू दिया है। इसमें उन्होंने सीएए का विरोध कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आोलचना की थी। इसके जवाब में केजरीवाल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर हमला बोला है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बुधवार को मैंने प्रेस-कॉन्फ़्रेंस कर बताया था कि किस तरह से सीएए देश के लिए ख़तरनाक है। आज गृहमंत्री अमित शाह ने उस पर अपना बयान दिया है। बुधवार को मैंने समझाया कि कैसे सीएए क़ानून देश के लिए ख़तरनाक है, और इसको क्यों वापस लेना चाहिए।
केजरीवाल ने कहा कि अपने पूरे बयान में जो प्रश्न मैंने उठाए थे, उसमें से एक भी प्रश्न का जवाब गृहमंत्री अमित शाह ने नहीं दिया है। मैं महत्वपूर्ण नहीं, देश की बात करिए। सारी सरकारें मिलकर अपने देश के युवाओं को रोज़गार देने में असमर्थ हैं, बाहर के लोगों के लिए घर, रोज़गार, संसाधन कहां से लाओगे?
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आजादी के बाद काफी बड़े स्तर पर माइग्रेशन हुआ था। बहुत सारे लोग भारत से पाकिस्तान और बांग्लादेश गए थे और बहुत सारे लोग वहां से यहां आए थे। अब सीएए के वजह से जो माइग्रेशन होने वाला है वह उससे कहीं ज्यादा बड़ा माइग्रेशन होने वाला है।
उनका कहना है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक अगर भारत में आकर रहना चाहेंगे तो उन्हें सीएए के तहत आकर रहने की मंजूरी दी जायेगी, उन्हें भारत की नागरिकात दी जायेगी। इन तीनों देशों में मिलाकर करीब 2.5 से 3 करोड़ अल्पसंख्यक हैं।
वहां बहुत ग़रीबी है, उनके पास रोज़गार नहीं है। भारत में आना और भारत की नागरिकता मिलना उनके लिए सपने जैसे हैं। इनमें से 1 से 1.5 करोड़ लोग भी भारत आ गए तो इन्हें कहां बसाएंगे? ये मेरा सवाल था, जिसका जवाब गहमंत्री ने नहीं दिया।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह कह रहे हैं कि 2014 से पहले जो आए हैं, उनको बसाएंगे, लेकिन 2014 के बाद क्या घुसपैठ बंद हो गई? घुसपैठिये तो अभी तक आ रहे हैं, रोज़ आ रहे हैं। पहले तो उनमें डर था, कि जायेंगे तो उन्हें निकाल दिया जायेगा, उन्हें जेल में डाल देंगे लेकिन अब आप आगे आने वाले घुसपैठियों को लीगल कर रहे हैं।
आज आप 2014 से पहले की बात कर रहे हो, कल 2019 से पहले वालों की बात करोगे, फिर 2024 तक की बात करोगे। घुसपैठिए तो आ ही रहे हैं। रोहिंग्या तो आपके समय में आए, 2014 के बाद आए, आपकी मिली भगत से आए, या आपकी नाकामी की वजह से आए।
उन्होंने सवाल उठाया कि, 2014 से पहले आए हुए घुसपैठियों को सरकारी नौकरियां दोगे? उनके राशन कार्ड बनाएंगे? दिल्ली में 72 लाख लोगों के राशन कार्ड हैं, वो कम पड़ते हैं, हम बार-बार केंद्र को लिखते हैं कि ग़रीबों के लिए और बनाने की इजाज़त दो, वो मना करते हैं।
केजरीवाल ने कहा कि, मैं विनम्रता से कह रहा हूं, कृपया इसको समझने की कोशिश कीजिए।विदेशों से लाना ही है तो उन 11 लाख भारतीय लोगों को लाइए जो उद्योगपति और व्यापारी हैं और भारत छोड़कर चले गए।
इनके पास पैसा है, ये फ़ैक्ट्रियां लगाएंगे, नौकरियां देंगे। लेकिन पाकिस्तानियों, बांग्लादेशियों को लाकर यहाँ बसाएंगे तो ये देश को मंज़ूर नहीं है।
केजरीवाल ने कहा कि मैं देश के लोगों से जानना चाहता हूं कि क्या आपके घर के सामने अगर पाकिस्तानियों की झुग्गी झोंपड़ी बसा दी जाएं, क्या आपको मंज़ूर है? क्या आपकी बहू-बेटियाँ सुरक्षित होंगी? क्या देश सुरक्षित होगा? ये मेरी चिंता है, मेरी बात को गृह मंत्री अन्यथा ना लें।