विंबलडन का नया नायक...नया चैंपियनः 20 साल के कार्लोस अल्काराज
स्पेन के कार्लोस अल्काराज ने विंबलडन में वो कर दिखाया है जो आज तक किसी ने नहीं किया। एक सेट में पिछड़ने के बाद अल्काराज ने संघर्ष किया, मैच लगभग पांच घंटे खेला गया। फाइनल से पहले, जोकोविच ने विंबलडन में लगातार 34 मैच जीते थे और 2013 के बाद से सेंटर कोर्ट पर नहीं हारे थे, लेकिन अल्काराज ने अपना दूसरा ग्रैंड स्लैम खिताब जीतकर इतिहास को पलट दिया। जोकोविच ने शुरुआती सेट जीतने के बाद अपने पिछले 104 ग्रैंड स्लैम मैच भी जीते थे। लेकिन 20 साल के स्पैनियार्ड ने टेनिस इतिहास के सबसे प्रभावशाली युगों में से एक को समाप्त कर दिया। विंबलडन में 2002 के बाद से 'चार बड़े' जोकोविच, रोजर फेडरर, राफेल नडाल और एंडी मरे ही पुरुष सिंगल खिताब जीतने वाले खिलाड़ी रहे हैं। लेकिन अल्काराज अब उस क्लब से बाहर के पहले ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं, जिसने विंबलडन पुरुष सिंगल खिताब जीता है।
वेल्स की राजकुमारी से ट्रॉफी प्राप्त करने के बाद भावुक अल्काराज ने कहा, यह मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है। इस खूबसूरत टूर्नामेंट में इतिहास बनाना, हमारे खेल के एक दिग्गज के खिलाफ फाइनल खेलना मेरे लिए यह सब अविश्वसनीय है। मेरे जैसे 20 साल के लड़के के लिए इस तरह की स्थिति तक पहुंचना आश्चर्यजनक है।
बहरहाल, विंबलडन के पास अब एक नया चैंपियन और एक नया नायक है। नई जमीन पाने और ऑल इंग्लैंड क्लब में नोवाक जोकोविच के प्रभुत्व को खत्म करने के लिए, कार्लोस अलकाराज़ ने ऐसी जगह बना ली है, जहां तक पहुंचने की किसी और ने हिम्मत नहीं की थी। अपने समय के सबसे सफल पुरुष खिलाड़ी को एक ऐसी लड़ाई में हराया, जिस वजह से यह फाइनल रोमांचक दौर में पहुंचा। इसे यहां अब तक के सबसे महान मैचों में से एक के रूप में याद किया जाएगा।
इतिहास को उलटने की भावना के साथ अल्काराज ने खेला और सेंटर कोर्ट को अपने साथ रखा। इस खेल के दिग्गज खिलाड़ी ने एक सेट से लगातार 104 मैच जीते थे। ग्रैंड स्लैम के लिए अल्काराज ने पूरी ताकत झोंक दी और एक बार ऐसा लगा कि वो सेंटर कोर्ट में जम गए हैं।
तीसरे सेट के बीच में 26 मिनट के एक टाइटैनिक गेम ने अल्काराज ने मानों चमत्कार कर दिया। पहले से ही एक ब्रेक के बाद, अल्काराज ने जमीन पा ली और एक बार भी जोकोविच को हुक से नहीं छोड़ा। 36 वर्षीय जोकोविच, जो शुरुआती सेट से ही अपने युवा प्रतिद्वंद्वी को शानदार ढंग से नियंत्रित कर रहे थे, अचानक तनाव में आ गए, हड़बड़ा गए और खतरे में पड़ गए।
जोकोविच समझ गए थे कि अल्काराज ने आज क्या करने को ठाना है। जोकोविच ने विंबलडन में लगातार 34 मैच जीते थे। 2013 के फाइनल में एंडी मरे से हारने के बाद से वह 10 वर्षों में सेंटर कोर्ट पर नहीं हारे थे। लेकिन उन्होंने 20 साल के अल्काराज जैसे प्रतिद्वंद्वी का भी सामना नहीं किया था, जिसे सेंटर कोर्ट में हर पल जीता और हर शॉट को ऐसे देखा जैसे उसके पास असंभव को संभव बनाने का मौका है। दूसरे सेट का टाईब्रेक एक और निर्णायक मोड़ था। जोकोविच ने फ़ाइनल में आने तक लगातार 15 टाईब्रेक जीते थे, अल्काराज़, जो उस समय पूरी तरह रम गए थे, ने बमुश्किल अपनी पलकें झपकाईं। उनका हर शॉट दमदार था। विंबलडन के इस नए स्टार का स्वागत कीजिए। यह सपना नहीं, सच है। जोकोविच हार चुके हैं।