क्या अजीत पवार को पार्टी से निकालेंगे शरद पवार?
महाराष्ट्र में शनिवार को मची सियासी उथल-पुथल के अहम किरदार रहे एनसीपी के नेता अजीत पवार को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं? मसलन, कितने विधायक उनके साथ गए हैं, क्या वह ख़ुद के ख़िलाफ़ महाराष्ट्र सहकारी बैंक घोटाले में किसी संभावित कार्रवाई से बचने के लिए बीजेपी के समर्थन में आए हैं? और यह भी कि क्या एनसीपी उनके ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई करेगी।
शनिवार सुबह यह ख़बर आते ही कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजीत पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी है, महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में हंगामा मच गया। थोड़ी ही देर बाद एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने ट्वीट किया कि यह अजीत पवार का निजी फ़ैसला है और इसका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। शरद पवार ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ प्रेस कॉन्फ़्रेंस भी की और कहा कि उनके पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या में विधायक हैं और तीनों दल मिलकर सरकार बनाएंगे भी।
लेकिन शरद पवार ने अजीत के ख़िलाफ़ कार्रवाई को लेकर सिर्फ़ इतना कहा कि इस बारे में पार्टी की अनुशासन कमेटी फ़ैसला लेगी। मुंबई में एनसीपी के कई कार्यकर्ताओं ने अजीत पवार के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की। एनसीपी ने शाम को 4 बजे पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई है और यह देखना होगा कि पार्टी प्रमुख शरद पवार अपने भतीजे अजीत पवार के ख़िलाफ़ क्या कार्रवाई करते हैं?
अभी इस बात का भी ख़ुलासा नहीं हो पाया है कि अजीत पवार के साथ कितने विधायक बीजेपी का समर्थन करेंगे। क्योंकि कोई यह आंकड़ा 22 बता रहा है तो कोई 35। जबकि शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि अजीत पवार के साथ सिर्फ़ 8 विधायक गए थे और उनमें से 5 वापस आ गए हैं। राउत ने कहा कि उन्हें झूठ बोलकर और एक तरह से अपहरण कर कार में ले जाया गया।