क्या ममता की रैली से उठेगी प्रधानमंत्री पद की दावेदारी?
क्या उत्तर, क्या दक्षिण और क्या पश्चिम, हर तरफ़ से लोग कोलकाता आ रहे हैं। कोई ट्रेन से तो कोई बस, साइकल, कार या दूसरे निजा वाहनों से। काउंट डाउन शुरू हो गया है। 19 जनवरी ही वह दिन है जब कुछ 'नया' होगा। कहते हैं न कि 'बंगाल जो आज सोचता है, पूरा भारत कल सोच पाएगा।' तृणमूल सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अब कहना शुरू कर दिया है कि 'अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी 125 सीटें ही जीत पाएगी और इसकी बानगी 19 जनवरी को दिख जाएगी।'
दरअसल, तृणमूल कांग्रेस 19 जनवरी को ब्रिगेड परेड ग्राउंड में बीजेपी विरोधी रैली करेगी। इसकी तैयारी बड़े पैमाने पर की गई है। इसमें विपक्षी दलों के कई नेता के शामिल होने की संभावना है।
ब्रिगेड परेड ग्राउंड 19 जनवरी को एक नया इतिहास रच सकता है। पूरा भारत देखेगा कि एक राज्य केंद्र की सत्ता को उखाड़ फेंकने के लिए एक अभियान शुरू करेगा! कोलकाता में इसकी तैयारी क्रिकेट के उस फ़ाइनल मैच की तैयारी की तरह है, जिसमें भारत खेल रहा हो।
देश भर से विपक्षी पार्टियों के नेता शुक्रवार से ही कोलकाता पहुँचने लगे। तृणमूल के उच्च पदाधिकारियों ने स्वागत के लिए पूरा ख़ाका तैयार किया है। तृणमूल समर्थक तो गुरुवार से ही शहर में पहुँच चुके हैं। विधाननगर वह जगह है जहाँ आईटी और कॉर्पोरेट क्षेत्र की कंपनियों के कार्यालय हैं। यहीं पर एक बड़ा मेला 'विधाननगर मेला' लगा हुआ है। हाल ही में फ़ायर मिनिस्ट्री के इनचार्ज बनाए गए तृणमूल विधायक सुजीत बोस और विधाननगर के मेयर सब्यासाची दत्ता ने इस मेले का ढँका हुआ एक बड़ा हिस्सा अपने समर्थकों के लिए रखा है। यहाँ से इन्हें शनिवार को बसों से ब्रिगेड परेड ग्राउंड ले जाया जाएगा। बैठक के बाद उन्हें मेला ग्राउंड वापस लाया जाएगा। ठीक इसी तरह से अधिकतर स्टेडियम, गेस्ट हाउस, युवा आवासन, सरकारी संस्थाएँ तृणमूल समर्थकों के लिए बुक हैं।
- जहाँ तक लोगों के जमावड़े की बात है तो गुरुवार के बाद की स्थिति से लगता है कि ब्रिगेड ग्राउंड की सभा पहले की ऐसी सभी सभाओं का रिकॉर्ड तोड़ देगी।
ब्रिगेड ग्राउंड बड़ी तसवीर पेश करेगा और एक और बड़ा अजेंडा भी। 19 जनवरी की सभा के बाद ग़ैर-बीजेपी गठबंधन फ़्रंट भी शुरू हो सकता है। इस सभा में राज्य कांग्रेस के 14 विधायक शामिल होने जा रहे हैं।
सुरक्षा कारणों से स्टेज और दर्शक दीर्घा के बीच कम से कम 50 फ़ीट की दूरी होनी चाहिए। मुख्यमंत्री कार्यक्रम स्थल का दौरा कर चुकी हैं और घोषणा कर चुकी हैं कि डिजास्टर मैनेजमेंट की 15 टीमें और 15 एंबुलेंस लगी रहेंगी। चार पूर्व मुख्यमंत्रियों के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा भी आएँगे। ज्योति बसु के कार्यकाल के दौरान इस तरह के 'महा जोट' यानी महागठबंधन की शुरुआत बंगाल में हुई थी। लेकिन तृणमूल प्रमुख के अनुसार 19 जनवरी से शुरू होने वाला बीजेपी विरोधी अभियान सबसे बड़ा होगा।
बीजेपी की क्या है रणनीति
क्या बंगाल कोई प्रधानमंत्री दे पाएगा यह सवाल पहले ही उठ चुका है। एक सवाल और। क्या विपक्षी दलों के मंझे हुए नेता इस स्टेज पर किसी के नाम की घोषणा कर पाएँगे यह तो बाद में पता चलेगा लेकिन बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी इस अभियान को गंभीरता से ले रहे हैं और बंगाल के कई ज़िलों में जवाबी सभाएँ भी कर रहे हैं। 19 जनवरी की तृणमूल की रैली के अगले ही दिन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह मालदा में सभा करेंगे। इसके बाद वह 21 को सिउड़ी- झाड़ग्राम और 22 को कृष्ण नगर- जय नगर में सभा करेंगे। बाद में प्रधानमंत्री भी बंगाल आएँगे।