क्या भारत-पाकिस्तान तनाव बढ़ेगा, और हवाई हमले होंगे?
इस बात की पूरी संभावना है कि भारत पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के बातचीत शुरू करने के प्रस्ताव को तुरंत न माने। ऐसा हुआ तो दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ने के आसार हैं। यह मुमकिन है कि दोनों देश एक-दूसरे के ठिकानों पर और हवाई हमले करें, तनाव और बढ़े।
इसे समझने के लिए पाकिस्तान की चालाकी को समझना होगा कि किस तरह इमरान ख़ान ने आतंकवादी गुट जैश-ए-मुहम्मद पर हुए हमले को अपने देश पर हमला क़रार दिया और भारत के ठिकानों पर हमले कर कहा कि हमारा मक़सद सिर्फ़ यह दिखाना था कि हम अपनी रक्षा कर सकते हैं। पर्यवेक्षकों का कहना है कि पाकिस्तान का असली मक़सद आतंकवाद को समर्थन देने की अपनी नीति पर कायम रहते हुए विश्व समुदाय को यह दिखाना है भारत हमलावर है।
पर्यवेक्षकों का कहना है कि भारत ने पाकिस्तान के मंसूबे पर पानी फेरते हुए साफ़ कहा है कि पाक वायु सेना के निशाने पर तो भारतीय सैनिक ठिकाने थे, उसका निशाना चूक गया तो उसके बम सुनसान जगहों पर गिरे। इस तरह नई दिल्ली ने यह साफ़ कर दिया कि पाकिस्तान ने आतंकवादी गुट पर हमले के जवाब में भारत के सैनिक ठिकानों पर हमला कर दिया। इससे विश्व समुदाय को संकेत जाएगा कि पाकिस्तान आतंकवाद की नीति पर अभी भी चल रहा है। विश्व समुदाय पाकिस्तान की चाल को समझ रहा है।
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने भारत का समर्थन किया है। ऑस्ट्रेलिया ने भी भारत का समर्थन किया है। यहाँ तक कि पाकिस्तान के दोस्त चीन ने भी आतंकवाद को ख़त्म करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है हालाँकि उसने चीन का नाम नहीं लिया।
यही वजह है कि भारत ने अपना रुख सख़्त रखा है। इसे इससे समझा जा सकता है कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के साथ बैठक की है। इस बैठक में थल सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत, वायु सेना प्रमुख एअर चीफ़ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ, नौसेना प्रमुख एडमिल सुनील लांबा के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद थे। यह बैठक जम्मू-कश्मीर में कई ठिकानों पर पाकिस्तानी वायु सेना की ओर से बम गिराए जाने और पाकिस्तान में एक भारतीय पायलट के पकड़े जाने की घटना के बाद हुई।
पाकिस्तान को राजनयिक नोट
इस बैठक के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त को बुला कर एक नोट थमाया। इस नोट में कहा है, 'भारतीय वायु सेना के एक जख़्मी पायलट को सबके सामने ग़लत तरीके से पेश करने पर भारत आपत्ति जताता है। यह अंतरराष्ट्रीय मानवीय क़ानूनों और जनीवा कॉन्वेंशन का खुला उल्लंघन है। पाकिस्तान को यह सलाह दी जाती है कि वह यह सुनिश्चित करे कि पकड़े गए भारतीय सैनिक को कोई नुक़सान न पहुँचे।'इस बैठक के पहले प्रधानमंत्री आवास पर एक विशेष बैठक हुई। उसमें गृह मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और डोभाल मौजूद थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक में मौजूद नहीं थे। वे नेशनल यूथ फेस्टिवल में भाग लेने गए हुए थे।
इसके पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के उप उच्चायक्त सैयद हैदर शाह को मंत्रालय के दफ़्तर बुलाया और उन्हें एक नोट थमाया। समझा जाता है कि इसमें जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी ठिकानों के बारे में जानकारी दी गई है।
Delhi: Pakistan Deputy High Commissioner Syed Haider Shah (on the right) arrives at South Block after being summoned by Ministry of External Affairs. pic.twitter.com/2GwxqApWLE
— ANI (@ANI) February 27, 2019
दूसरी ओर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह माना है कि एक भारतीय लड़ाकू जहाज़ मिग गिर गया है और एक पायलट लापता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान वायु सेना यह दावा कर रही है कि एक भारतीय पायलट उनके कब्जे में है, हम सच्चाई का पता लगा रहे है। रवीश कुमार ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान वायु सेना के जहाज़ के साथ नियंत्रण रेखा पर आमान-सामना हुआ, जिसमें एक पाकिस्तानी विमान को मार गिराया गया है।
एअरपोर्ट अथॉरिटी ने हवाई अड्डों को बंद करने का आदेश वापस ले लिया है। लेकिन अधिकारियों का कहना है कि अधिकतर हवाई अड्डों पर गुरुवार से ही जहाज़ उतर पाएँगे या वहाँ से उड़ान भर पाएँगे। अधिकारियों का कहना है कि कुल मिला कर 47 उड़ानें रद्द कर देनी पड़ीं।