पुलवामा के बाद पाकिस्तान को शुभकामना संदेश क्यों भेज रहे हैं मोदी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की क्या कोई पाकिस्तान नीति है या वह पाकिस्तान का इस्तेमाल सिर्फ अपनी राजनीति के लिए करते हैं ऐसे समय में जब पूरा देश पुलवामा हमले में मारे गये 40 लोगों के शोक में डूबा हुआ है, उनकी पार्टी और बीजेपी के नेता पाकिस्तान से बातचीत करने वालों को देशद्रोही साबित कर रहे हैं, वैसे में देश के प्रधानमंत्री मोदी कैसे पाकिस्तान दिवस के मौक़े पर इमरान खान को बधाई संदेश दे सकते हैं आपको शायद इस बात पर यक़ीन न हो। पर यह सच है। पाकिस्तान दिवस पर वहाँ के प्रधानमंत्री इमरान खान को शुभकामना संदेश मोदी ने भेजा है और इस बात का ख़ुलासा खुद इमरान खान ने किया है। इमरान ने ट्वीट कर मोदी के संदेश को साझा किया है - 'उपमहाद्वीप के लोगों को एकजुट होकर लोकतंत्र, समृद्धि, शांति और विकास के लिए काम करना चाहिए। हिंसा और आतंक से मुक्त वातावरण में यह होना चाहिए।' इमरान ख़ान ने इस संदेश पर ट्वीट कर अपनी खुशी जताई।
I welcome PM Modi's message to our people. As we celebrate Pakistan Day I believe it is time to begin a comprehensive dialogue with India to address & resolve all issues, esp the central issue of Kashmir, & forge a new relationship based on peace & prosperity for all our people.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) March 22, 2019
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने एक दूसरे ट्वीट में भारत के इस शुभकामना संदेश का स्वागत किया। उन्होंने कहा, 'ऐसे समय में जब हम पाकिस्तान दिवस मना रहे हैं, समय आ गया है कि हम कश्मीर के केंद्रीय मुद्दे समेत तमाम विषयों पर समेकित बातचीत शुरू करें और उन मामलों का निपटारा करें और शांति और समृद्धि पर आधारित नए दोस्ताना रिश्ते की शुरुआत करें।' विपक्षी दल कांग्रेस को जैसे बैठे बैठे मुद्दा मिल गया। और लगे हाथ मोदी पर हमला बोल दिया।
I welcome PM Modi's message to our people. As we celebrate Pakistan Day I believe it is time to begin a comprehensive dialogue with India to address & resolve all issues, esp the central issue of Kashmir, & forge a new relationship based on peace & prosperity for all our people.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) March 22, 2019
पुलवामा हमले के अलावा यहाँ यह बताना और दिलचस्प है मोदी ने यह संदेश ऐसे समय दिया है जब भारत ने औपचारिक तौर पर 23 मार्च यानी शनिवार को होने वाले पाकिस्तान दिवस का बॉयकॉट करने का फ़ैसला किया। इसकी वजह यह बताई गई कि पाकिस्तान दूतावास ने जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी संगठनों की शीर्ष संस्था हुरियत कॉन्फ्रेंस के नेताओं को भी इस मौक़े पर न्योता दिया है। हालाँकि यह पहला मौक़ा नहीं है जब नई दिल्ली स्थित पाक दूतावास ने हुर्रियत के नेताओं को बुलाया है। हुरियत के नेता पहले भी इस फंक्शन में भाग लेते रहे हैं और भारत सरकार के नुमांइदे उनकी मौजदूगी के बावजूद इन समारोहों में भाग लेते रहे हैं। ऐसा नरेंद्र मोदी सरकार के दौरान भी कई बार हुआ है।
साल 2015 में विदेश राज्य मंत्री वी. के. सिंह, 2016 में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पर्यावरण मंत्रालय, प्रकाश जावड़ेकर, 2017 में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विदेश मंत्रालय, एम. जे. अकबर और साल 2018 में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृषि मंत्रालय, गजेंद्र सिंह शेखावत नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास के कार्यक्रम में मौजूद थे।
यहाँ एक और हैरानी की बात यह है कि नरेंद्र मोदी ने ख़ुद तो पाकिस्तान को शुभकामना संदेश भेज दिया, लेकिन पाकिस्तान के मसले पर राहुल गांधी के सलाहकार सैम पित्रोदा के एक बयान के बहाने कांग्रेस पर चोट करने से भी नहीं चूके। और उसके नेताओं की राष्ट्रीयता पर सवालिया निशान भी लगा दिया। मोदी ने ट्वीट किया -
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कांग्रेस अध्यक्ष के सबसे विश्वस्त सलाहकार और गाइड ने पाकिस्तान दिवस समारोह की शुरुआत की, यह विडंबना है कि भारत की फ़ौज को नीचा दिखा कर किया गया। शर्म!
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
पित्रोदा ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'न्यूयॉर्क टाइम्स और दूसरे अख़बारों में पढ़ने के बाद मैं यह जानना चाहता हूँ कि क्या हमने वाकई हमला किया था, क्या हमने वाकई 300 लोगों को मारा था'
ऐसे में यह सवाल उठता है कि आख़िरकार मोदी सरकार चाहती क्या है एक तरफ मोदी सरकार कहती है कि पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं हो सकती है, क्योंकि आतंकवाद और बातचीत एकसाथ नहीं चल सकते। लेकिन पुलवामा में आतंकवादी हमला के तुरन्त बाद भारत ने करतारपुर गलियारे पर पाकिस्तान से बातचीत की। करतारपुर पर बातचीत अगले महीने भी दोनों देशों के बीच होगी।
सवाल यह है कि पुलवामा हमले के अगले ही महीने मोदी सरकार का यह पाकिस्तान प्रेम क्यों जाग उठा उसे क्यों पाकिस्तान को शुभकामना संदेश देना चाहिए क्यों नहीं पुलवामा के शहीदों का ख्याल रखा गया और उनके रिश्तेदारों की भावनाओं का सम्मान किया गया
ये सवाल विपक्षी दलों को पूछना चाहिए। यदि बीजेपी के लोग यह कहते हैं कि मोदी ने सिर्फ़ राजनयिक खानापूरी की तो यही बात तो सैम पित्रोदा भी कह सकते हैं। उन पर मोदी ने सवाल क्यों उठाया। और सबसे बडा सवाल पाकिस्तान को शुभकामना संदेश और पाकिस्तान दिवस का बहिष्कार, ये दोनों बातें एक साथ कैसे चल सकती हैं क्या मोदी सरकार की कोई पाकिस्तान नीति है या वह इस मसले पर पूरी तरह कन्फ्यूज़्ड है
कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस पार्टी ने इस मौक़े का भरपूर फ़ायदा उठाते हुए नरेंद्र मोदी पर ज़बरदस्त हमला बोला है। मुख्य विपक्षी दल ने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा है कि वह पाकिस्तान को प्रेम-पत्र लिखना बंद करे। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री ने इस बात को छुप कर रखा कि उन्होंने इमरान ख़ान को पाकिस्तान दिवस पर शुभकामना संदेश भेजा था।
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साड़ी-शॉल और आईएसआई के निमंत्रण पर बग़ैर पूर्व योजना के पाकिस्तान पहुँचने की कूटनीति करने वाले श्रीमान 56 इंच इस पर कल काफी शर्मीले से लग रहे थे। चौकीदार ने इस बात को छुपा लिया कि उन्होंने पाकिस्तान दिवस पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को पाकिस्तानी आतंकवाद के बारे में कुछ कहे बग़ैर शुभ कामना संदेश दिया।
रणदीप सिंह सुरजेवाला, प्रवक्ता, कांग्रेस
सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, 'मोदी जी पाकिस्तान को प्रेम पत्र लिखना बंद करें।' याद दिला दें कि साल 2014 में नरेंद्र मोदी ने एक टेलीविज़न कार्यक्रम में भाग लेते हुए कहा था, 'सरकार पाकिस्तान को प्रेम पत्र लिखना बंद करे।'
मोदी जी,
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 23, 2019
"पाकिस्तान को ये Love Letter लिखना बंद करना चाहिए" pic.twitter.com/QfX3oqREDz
कांग्रेस के इस पलटवार के बाद इसकी संभावना है कि बीजेपी और नरेंद्र मोदी ख़ुद रक्षात्मक मुद्रा में आ जाएँ। सत्तारूढ़ दल पुलवामा और बालाकोट हमले के बहाने राष्ट्रवाद को चुनाव के केंद्र में ले आया और कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल हक्के-बक्के होकर देखते रह गए, अब कांग्रेस पार्टी उससे बाहर निकल कर बीजेपी पर भी चोट कर रही है, यह साफ़ हो रहा है। बीजेपी इसकी क्या काट निकालती है और कैसे जवाब देती है, यह देखना दिलचस्प होगा।