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गठबंधन सहयोगी कांग्रेस को तीन राज्यों में क्यों चुनौती दे रही आप ? 

गठबंधन सहयोगी कांग्रेस को तीन राज्यों में क्यों चुनौती दे रही आप ? 

आम आदमी पार्टी ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। यहां उसने इंडिया गठबंधन की अपनी सहयोगी कांग्रेस के खिलाफ उम्मीदवार उतारे हैं। 

इस वर्ष होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में से तीन राज्यों के चुनाव में आम आदमी पार्टी कांग्रेस और भाजपा को चुनौती देती दिख रही है। पार्टी ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। 

आम आदमी पार्टी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है। इसके बावजूद वह राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ रही है। इन राज्यों में वह कांग्रेस को हराने के लिए मतदाताओं से वोट मांग रही है। इन तीन में से दो में तो कांग्रेस की सरकार है। ऐसे में वह राज्य सरकार की नाकामियां भी गिना रही है। 

इन तीन राज्यों के चुनाव में उतरने के बाद आम आदमी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व पूरी ताकत से यहां अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश में है। पार्टी के बड़े नेता लगातार इन राज्यों का दौरा कर रहे हैं। दिल्ली से नेता इन राज्यों में आकर कैंप कर रहे हैं। 

ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि इंडिया गठबंधन का हिस्सा होते हुए आप इन राज्यों में क्यों चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस और आप के बीच इन राज्यों में सीटों का बंटवारा क्यों नहीं हुआ? 

राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि आम आदमी पार्टी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की दो बड़ी पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी के बीच अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही है। पार्टी अब दिल्ली और पंजाब के बाद इन राज्यों में अपनी जगह तलाश रही है। 

रही बात सीटों का बंटवारा नहीं होने की तो इसका कारण यह है कि आप और कांग्रेस का गठबंधन अन्य पार्टियों की तरह स्वभाविक गठबंधन नहीं है। दोनों एक दूसरे की विरोधी रही हैं और आज भी दोनों एक दूसरे को अपने लिए खतरा मानती हैं। आम आदमी पार्टी ने तो दिल्ली और पंजाब दो राज्यों में सरकार बनायी और दोनों ही राज्य में उसने कांग्रेस से सत्ता छीनी है। 

कांग्रेस आप से मिले घावों को भूल नहीं पायी है। वहीं आप भी कांग्रेस के साथ सीट शेयर कर चुनाव लड़ने में सहज नहीं है। इन तीन राज्यों में आप का कोई जनाधार भी नहीं है जिसके कारण कांग्रेस राज्य स्तर पर भी गठबंधन करने के लिए मजबूर हो। 

यही कारण है कि कांग्रेस ने इन राज्यों में आप को गठबंधन के लायक भी नहीं समझा है। कांग्रेस को यकीन है कि इन राज्यों में वह अपने बूते सरकार बनाने में कामयाब हो जायेगी। कांग्रेस के नेता आप को इन तीनों राज्यों में वोटकटवा पार्टी के तौर पर देख रहे हैं। 

अब देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनाव में आम आदमी पार्टी कांग्रेस या भाजपा किसका वोट काटेगी। हालांकि कई राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि आम आदमी पार्टी का पुराना इतिहास कांग्रेस का वोट काटने का रहा है। भाजपा का मतदाता स्थिर मतदाता माना जाता है जो कैडर मतदाता की तरह है। दिल्ली हो या पंजाब आप ने कांग्रेस के वोट हथियाने में कामयाबी पायी है। इसने हर जगह अब तक सिर्फ कांग्रेस को ही नुकसान पहुंचाया है। ऐसे में कई कांग्रेसी नेता इससे सचेत भी हैं। 

राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए जारी की पहली सूची 

बीते गुरुवार को राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी ने अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने अपनी पहली सूची में कुल 23 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। आप संयोजक अरविद केजरीवाल और पार्टी के शीर्ष नेता राजस्थान का कई बार दौरा कर चुके हैं।

 इससे पहले इसी माह मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने अपनी तीसरी सूची जारी कर दी थी। इसमें 30 उम्मीदवारों के नाम हैं। आप ने ग्वालियर से रोहित गुप्ता, सागर से मुकेश कुमार जैन, जबलपुर कैंट से राजेश कुमार वर्मा, जौरा से भगवती धाकड़, कालापीपल से चर्तुभुज तोमर, मनावर से लालसिंह, इंदौर-5 से विनोद त्यागी और उज्जैन उत्तर से विवेक यादव को मैदान में उतारा है। 

आमी आदमी पार्टी ने मध्य प्रदेश की सभी 230 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी है। शेष सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा करनी बाकि है। 

बीते पांच वर्षों में आम आदमी पार्टी मध्यप्रदेश में बहुत तेजी से सक्रिय हैं। दो वर्षों से आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेता राजधानी भोपाल में ही डटे हुए हैं। 

छत्तीसगढ़ में अब तक 57 उम्मीदवार घोषित कर दिये 

वहीं छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए भी आम आदमी पार्टी ने अपनी पांचवी लिस्ट जारी कर दी है। इसमें 12 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। इससे पहले, पहली सूची में 10, दूसरी सूची में 12, तीसरी सूची में 11 और चौथी सूची में 12 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा आप ने की थी। आप ने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ भी अपना उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है। 

पार्टी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए अब तक कुल 57 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।  राज्य में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं। इन सभी सीटों पर दो चरणों में मतदान होना है। पहले चरण के लिए 7 नवंबर को मतदान होगा। वहीं दूसरे चरण के लिए 17 नवंबर को मतदान होगा। इसके बाद वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ में भी अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही है। अब 3 दिसंबर को पता चलेगा कि आप अपनी कोशिशों में कितनी कामयाब हुई है। 

2018 में यहां आप को नोटा से भी कम वोट मिले थे 

2018 में भी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी ने लड़े थे लेकिन पार्टी को बड़ी बुरी हार का मुंह देखना पड़ा था। उस समय इन राज्यों में आप के ज्यादातर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। 

पार्टी ने राजस्थान में 142 सीटों पर चुनाव लड़ा था। मध्य प्रदेश में 208 और छत्तीसगढ़ में 85 सीटों पर आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवार उतारे थे। पार्टी इन तीनों राज्यों में कोई भी सीट नहीं जीत पायी थी। इन तीनों राज्यों में आम आदमी पार्टी को एक प्रतिशत से भी कम वोट मिले थे। 

बाकि दोनों राज्यों के मुकाबले पार्टी छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा वोट लायी जहां उसे कुल पड़े वोटों का करीब 0.9 प्रतिशत ही मिला था। जबकि यहां नोटा को 2.1 प्रतिशत वोट मिला था। इसी तरह से 2018 में मध्य प्रदेश में 0.7 और राजस्थान में 0.4 प्रतिशत वोट ही आम आदमी पार्टी को मिला था। 

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