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नीतीश ने क्यों कहा, जब तक जिंदा हैं भाजपा नेताओं से दोस्ती खत्म नहीं होगी 

नीतीश ने क्यों कहा, जब तक जिंदा हैं भाजपा नेताओं से दोस्ती खत्म नहीं होगी 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 19 अक्टूबर को मोतिहारी में स्थित महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में एक बयान दिया जिस पर राजनैतिक चर्चाओं का दौर शुरु हो गया है। 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 19 अक्टूबर को मोतिहारी में स्थित महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में एक बयान दिया जिस पर राजनैतिक चर्चाओं का दौर शुरु हो गया है। 

इस समारोह में उन्होंने कहा था कि भाजपा  नेताओं से उनकी दोस्ती तब तक खत्म नहीं होगी जब तक वह जिंदा हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा से अलग है तो क्या हुआ, आपसे दोस्ती हमेशा बरकरार रहेगी। 

इसी मंच से नीतीश कुमार ने तत्कालीन मनमोहन सरकार की आलोचना भी कर दी है। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई। भाजपा नेता व मोतिहारी के सांसद राधा मोहन सिंह समेत बड़ी संख्या में स्थानीय भाजपा नेता भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने समारोह के मंच से जब यह बातें कही तो हॉल में मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर ने जमकर तालियां बजायी। 

 नीतीश कुमार ने वहां मौजूद भाजपा नेताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि जितने लोग हमारे हमार हैं, सब साथी हैं, छोड़िए ना हम अलग हैं, आप अलग हैं तो इससे क्या हुआ, लेकिन हमारा दोस्तियां इससे थोड़े न खत्म होगा। 

जब तक हम जीवित रहेंगे आप लोगों के साथ ही हमारा संबंध रहेगा। उन्होंने कहा कि चिंता मत करिए, चिंता मत करिए। आपके साथ इतना दिन हम रहे हैं और आगे भी हमारा संबंध बना रहेगा।

 नीतीश कुमार ने भाजपा नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी हमारे मित्र हैं, सहयोगी हैं, साथी हैं। उन्होंने कहा कि सब लोग मिलकर साथ बैठकर तेजी से काम सब करवा दीजिए तो बहुत अच्छा रहेगा। इससे मुझे बहुत खुशी होगी। 

नीतीश कुमार के इस बयान के सियासी मतलब निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि वह लालू यादव पर दबाव बनाने के लिए ऐसी बातें कह रहे हैं। वहीं राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा में मौजूद कई नेताओं से उनके निजी संबंध काफी मजबूत हैं जिसके बारे में उन्होंने कहा है। 

इस बयान से बिहार की सियासत गर्म हो गई है

नीतीश कुमार के इस बयान से बिहार की सियासत गर्म हो गई है। उनके इस बयान पर प्रशांत किशोर ने कहा है कि, नीतीश कुमार कहीं भी रहे लेकिन वह एक रोशनदान हमेशा खोल कर रखते हैं। नीतीश कुमार इस रोशनदान से हवा बयार लेते रहते हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का जब भी मन होता है वह अंतरात्मा की आवाज सुनकर यह रोशनदान से निकल जाते हैं और दूसरी ओर चले जाते हैं। 

प्रशांत किशोर ने स्पष्ट करते हुए कहा कि महागठबंधन नीतीश कुमार के लिए दरवाजा है जबकि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश रोशनदान हैं। 

वहीं उनके इस बयान से राजद के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने भाजपा को ख्याली पुलाव नहीं पकाने की नसीहत भी दे दी है। कहा कि नीतीश कुमार का कहना वह नहीं था जो भाजपा समझ रही है। भाजपा को उनके बयान से खुश नहीं होना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ नीतीश कुमार अब कभी भी जाएंगे। भाजपा के साथ वह पहले जैसा संबंध नहीं रखेंगे। अब बहुत कुछ बदल गया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के इस बयान के बाद भाजपा में खुशी की लहर है। जबकि मुख्यमंत्री ने निजी संबंधों को लेकर अपनी भावनाएं प्रकट की है। 

गिरिराज सिंह ने कहा, उन्हें धक्का देकर बाहर निकालें लालू 

दूसरी ओर भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि नीतीश कुमार राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव को डराने के लिए ऐसा कह रहे हैं। उन्होंने लालू यादव को लेकर कहा कि वे नीतीश कुमार से डरे नहीं बल्कि उन्हें धक्का देकर बाहर निकालें। 

गिरिराज ने कहा कि लालू यादव अपने बेटे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री की गद्दी पर बैठाएं। गिरिराज सिंह ने साफ-साफ कहा कि नीतीश कुमार के लिए भाजपा के खिड़की और दरवाजे सब बंद हो चुके हैं। 

उन्होंने कहा कि जब-जब लालू यादव नीतीश कुमार पर लगाम कसते हैं वे कहने लगते हैं कि मैं भाजपा में चला जाउंगा। गिरिराज ने तंज कसते हुए कहा है कि नीतीश कुमार , मैं मायके चली जाउंगी, तुम देखते रहियो, कहकर लालू यादव को डराते रहते हैं। 

उन्होंने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव को लेकर नीतीश और लालू में तालमेल नहीं बैठ रहा है इसलिए वह ऐसा बयान दे रहे हैं ताकि लालू यादव पर दबाव बनाया जा सके। 

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