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यूपी में क्या औरंगज़ेब, जिन्ना और ओवैसी भरेंगे बीजेपी की झोली...<b> </b><b></b>

यूपी में क्या औरंगज़ेब, जिन्ना और ओवैसी भरेंगे बीजेपी की झोली...

यूपी चुनाव 2022 बीजेपी ध्रुवीकरण के सहारे जीतना चाहती है। एक से एक तीखे बयान मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए दिए जा रहे हैं। 

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बीजेपी धीरे-धीरे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कराने के लिए कोई कोर क़सर नहीं छोड़ रही। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की जवाबी बयानबाज़ी तो पहले से ही आग में घी का काम कर रही थी।

अब बीजेपी औरंगज़ेब समेत मुग़लों से लेकर जिन्ना तक को भी चुनाव में घसीट लाई है। बड़ा सवाल ये है कि क्या ये सब मिलकर बीजेपी को जिताएंगे?

बीजेपी असदुद्दीन ओवैसी पर लगातार हमलावर है। ओवैसी बीजेपी पर पलटवार कर रहे हैं। दोनों की जुगलबंदी चुनाव से पहले यूपी में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के हालात बना रही है।

हरिद्वार में हाल ही में धर्म संसद में मुसलमानों के ख़िलाफ भड़काऊ बयानबाज़ी के वीडियो सामने आने के बाद बीजेपी की तरफ से ओवैसी के भाषण का एक वीडियो वायरल कराया जा रहा है।

इसमें ओवैसी पुलिस वालों को धमकी देते दिखाई दे रहे हैं कि मोदी-योगी के जाने के बाद तुम्हें कौन बचाने आएगा।

हालांकि ओवैसी ने बताया है कि उनके मूल भाषण में छेड़छाड़ कर वीडियो बनाया गया। शनिवार को फिरोज़ाबाद की रैली में ओवैसी ने धर्म संसद को लेकर बीजेपी पर जमकर भड़ास निकाली थी। उन्होंने धर्म संसद पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर भी गंभीर सवाल उठाते हुए पूछा -

क्या उनकी पार्टी की यूपी सरकार भड़काऊ भाषण देने वालों के खिलाफ कोई क़ानूनी कार्रवाई करेगी?


ओवैसी लगातार बीजेपी के निशाने पर

फिरोज़ाबाद की रैली के बाद बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने ओवैसी को निशाने पर लिया।

योगी सरकार के बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि ओवैसी में जिन्ना की आत्मा प्रवेश कर चुकी है। उनके जैसे लोगों के लिए देश में कोई जगह नहीं है। ओवैसी जैसे कितने लोग यहां आए और चले गए। ओवैसी तो अभी पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस देश में मुगल भी आए, अंग्रेज भी आए, उनको भी खदेड़ा। 

उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि ओवैसी से निपटने के लिए तेलंगाना का विधायक टी. राजा ही काफ़ी है। टी राजा ने बाक़ायदा वीडियो जारी करके ओवैसी को जवाब दिया।

उन्होंने कहा कि ओवैसी हमारी चिंता न करें। हमारे पास मोदी, योगी और अमित शाह के बाद नेताओं की लंबी लाइन है। वो अपनी चिंता करें कि उन्हें कौन बचाएगा। 

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दो दिन पहले भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने ओवैसी को ट्विटर पर जवाब दिया था, “किसे धमका रहे हो मियां? याद रखना जब-जब इस वीर भूमि पर कोई औरंगजेब और बाबर आएगा, तब-तब इस मातृभूमि की कोख से कोई न कोई वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप और मोदी-योगी बन खड़ा हो जाएगा।”

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने स्वतंत्रदेव सिंह ने भी ओवैसी को निशाने पर लिया था। उन्होंने कहा था, "मठ-मंदिर कौन जाएगा यह सोचने में समय व्यर्थ न करें...यदि कल को कागज़ मांग लिए तो आप कहां जाएंगे इसकी चिंता करिए।"

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार ने भी ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा-

“गिद्धों के कोसने से गाएं नहीं मरतीं ओवैसी साहब, ताकत तो प्रभु राम ने दिखा दी है अपनी, भोलेनाथ ने दिखा दी है अपनी, कोई भी गलती की तो 'गिद्धों' का भरपूर इलाज होगा इस बार।”


ओवैसी का पलटवार

ओवैसी पर बीजेपी नेताओं के चौतरफ़ा हमले से ज़ाहिर हो जाता है कि वो उन्हें कितनी गंभीरता से ले रही है। ओवैसी भी इस मौक़े से भरपूर का फायदा उठा रहे हैं।

वो बीजेपी पर हमला और पलटवार करने का कोई नहीं चूक रहे। अपनी हर रैली में बीजेपी के साथ सपा, बसपा और कांग्रेस पर ज़ोरदार हमला करते हैं। रविवार को भी उन्होंने अखिलेश यादव से धर्म संसद के मुद्दे पर चुप्पी तोड़ने को कहा. ओवैसी ने ट्विटर पर लिखा, “अखिलेश यादव कुछ तो बोलो, चुप्पी तोड़ो हरिद्वार_नरसंहारी_ सम्मेलन।”

बता दें कि ओवैसी सपा, बसपा और कांग्रेस पर लगातार सत्ता के मुसलमानों के वोट लेने और सत्ता में आने पर हिस्सेदारी नहीं देने का आरोप लगाकर अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए वोट मांग रहे हैं। ओवैसी का आरोप है कि ये दल मुसलमानो के मुद्दे तक नहीं उठाते।   

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औरंगज़ेब और शिवाजी

बीजेपी ने यूपी चुनाव में औरंगज़ेब के साथ बाबर जैसे मुग़ल शासकों को घसीट लिया है। औरंगज़ेब तो ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव में घसीटकर लाए हैं। पीएम मोदी ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम के पहले चरण के उद्घाटन के वक़्त औरंगज़ेब का ज़िक्र किया था।

इस मौक़े पर मोदी ने कहा कि भारत में जब भी औरंगजेब पैदा हुआ, तब इस मिट्टी से शिवाजी का भी उदय हुआ। यह देश, बाकी दुनिया से अलग है। मोदी के इस बयान के बाद बीजेपी के तमाम नेता अब इसी लाइन पर बयान दे रहे हैं। बीजेपी के तमाम नेता असदुद्दीन ओवैसी पर बयान देते वक्त या ट्वीट करते वक्त उनकी तुलना औरंगज़ेब, बाबर या जिन्ना से करने नहीं भूलते। 

औरंगज़ेब पर पुस्तिका

दरअसल 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन के वक्त मोदी ने यह बताने की कोशिश की थी कि कैसे आक्रमणकारियों ने काशी शहर को नष्ट करने की कोशिश की थी।

इस मौक़े पर जारी एक पुस्तिका में कहा गया है कि “18 अप्रैल, 1669 को औरंगज़ेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर को नष्ट करने का आदेश जारी किया था और कोलकाता में एशियाई पुस्तकालय में वह आदेश संरक्षित है।”

इस पुस्तिका में  दावा किया गया है, “तब लेखक साकी मुस्तैद खान ने एक पुस्तक में विध्वंस का वर्णन किया है। औरंगज़ेब ने आदेश दिया था कि मंदिर को न केवल तोड़ा जाए बल्कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मंदिर फिर कभी न बन पाए।

औरंगज़ेब के आदेश पर यहां ज्ञानवापी मस्जिद बनाने के लिए मंदिर के गर्भगृह को भी तोड़ा गया था। औरंगज़ेब को 2 सितंबर, 1669 को मंदिर के विनाश की सूचना दी गई थी।” 

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जिन्ना का जमकर ज़िक्र

जब से यूपी में चुनावी सरगर्मियां तेज़ हुई हैं तब से उसकी लगभग हर चुनावी सभा में जिन्ना का ज़िक्र होता है।

पिछले महीने नोएडा एयरपोर्ट के शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यहां के किसानों ने कभी किसी काल खंड में गन्ने की मिठास को आगे बढ़ाने का प्रयास किया था, लेकिन गन्ने की मिठास को कुछ लोगों ने कड़वाहट में बदलकर दंगों की शृंखला खड़ी की थी। आज देश के अंदर एक नया द्वंद बना है कि गन्ने की मिठास को एक नई उड़ान मिलेगी या जिन्ना के अनुयायियों से दंगा कराने की शरारत होगी। 

इसके बाद कई नेता चुनावी सभाओं में जिन्ना का ज़िक्र कर चुके हैं। शुक्रवार को बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि आजादी के बाद जिन्ना तना ले गए, लेकिन जड़ देश में ही छोड़ गए. जिसका खामियाजा आज देश भुगत रहा है।  

पिछले दो महीनों से यूपी से आ रहे चुनावी सर्वेक्षणों में बीजेपी का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है। ऐसी ख़बरें भी आ रही हैं कि बीजेपी का कोर वोटर भी उससे नाराज़ है। लिहाज़ा बीजेपी ने बाज़ी  पलटने के लिए ऐसे तमाम लोगों की फौज खड़ी कर दी है जिन्हें कट्टर हिंदू खलनायक समझते हैं।

बाबर और औरंगज़ेब को मंदिर तोड़कर मस्जिदें बननाने का ज़िम्मेदार बताया जाता है तो जिन्ना को देश के बंटवारे का। इन सबकी झलक ओवैसी में दिखाकर उन्हें खलनायक की तरह पेश किया जा रहा है। सवाल पदा होता है कि क्या ये सब मिलकर बीजेपी से नाराज़ वोटरों को दोबारा उसके पाले में लाकर उसे जिता पाएंगे ?

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