भारत में ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट मिला; दुनिया भर में 30% केस बढ़े
भारत में पिछले एक दिन में कोरोना संक्रमण के 18,930 नए मामले सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को यह आँकड़ा साझा किया है। एक दिन पहले क़रीब 13 हज़ार केस थे। पिछले एक हफ़्ते में हर रोज़ औसत रूप से क़रीब 16 हज़ार मामले आए। एक हफ़्ते पहले औसत रूप से क़रीब 13 हज़ार मामले आ रहे थे। संक्रमण के मामले केवल भारत में ही नहीं बढ़ रहे हैं, बल्कि पूरी दुनिया में संक्रमण में उछाल दिख रहा है। पिछले दो हफ़्तों में दुनिया भर में क़रीब 30 फ़ीसदी मामले बढ़े हैं। तो क्या दुनिया कोरोना की एक नयी लहर की तरफ़ बढ़ रही है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा है कि भारत जैसे देशों में ओमिक्रॉन वैरिएंट के एक नये सब-वैरिएंट BA.2.75 का पता चला है। वैसे, कोरोना मामलों के जानकार बताते रहे हैं कि जब भी कोई नयी लहर आती है तो उसमें एक नये वैरिएंट का हाथ होता है।
बहरहाल, कोरोना के ताजा हालात पर डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा है कि कोरोना को लेकर विश्व स्तर पर रिपोर्ट किए गए मामलों में पिछले दो हफ्तों में लगभग 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसने कहा है कि डब्ल्यूएचओ के 6 उप-क्षेत्रों में से चार में पिछले सप्ताह कोरोना मामलों में वृद्धि हुई।
उन्होंने कहा है कि यूरोप और अमेरिका में सब-वैरिएंट BA.4 और BA.5 से कोरोना की लहर आई है जबकि भारत जैसे देशों में BA.2.75 के एक सब-वैरिएंट का भी पता चला है। घेब्रेयसस ने कहा कि डब्ल्यूएचओ इस पर नज़र रख रहा है।
ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट BA.2.75 के सामने आने पर डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि एक सब-वैरिएंट सामने आया है जिसे BA.2.75 कहा जा रहा है। उन्होंने कहा है कि यह पहली बार भारत से रिपोर्ट किया गया और फिर लगभग 10 अन्य देशों से। उन्होंने कहा कि विश्लेषण करने के लिए सब-वैरिएंट के बारे में अभी भी पूरी जानकारी नहीं है।
LIVE: Media briefing on #COVID19 and other global health issues with @DrTedros. https://t.co/HlOi10mnDI
— World Health Organization (WHO) (@WHO) July 6, 2022
स्वामीनाथन ने कहा है कि यह अभी भी पूरी तरह साफ़ नहीं है कि क्या इस सब-वैरिएंट में अतिरिक्त प्रतिरक्षा से बचने के गुण हैं या नहीं और वास्तव में यह कितना अधिक गंभीर है। डब्ल्यूएचओ की प्रमुख वैज्ञानिक ने कहा कि हम यह नहीं जानते तो हमें इंतजार करना होगा। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ इसे ट्रैक कर रहा है और इसका तकनीकी सलाहकार समूह लगातार दुनिया भर के डेटा को देख रहा है।
बता दें कि दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में जून की शुरुआत से मामले बढ़ रहे हैं। इस क्षेत्र में 1 लाख 57 हज़ार से अधिक नए मामले सामने आए थे, उसके पहले के सप्ताह की तुलना में 20% ज़्यादा था। सबसे अधिक नए मामले भारत में आए और यह संख्या 1 लाख 12 हज़ार थी।
इस साल की शुरुआत में फरवरी महीने में आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं ने एक आकलन में कहा था कि देश में कोरोना की चौथी लहर जून में आ सकती है। यह लहर 4 महीने तक रह सकती है।
हालाँकि जून का महीना ख़त्म हो गया और जुलाई शुरू हो गई है। शोध में दावा किया गया था कि भारत में जून के मध्य से जून के अंत तक चौथी लहर आ सकती है। अध्ययन का नेतृत्व आईआईटी कानपुर के गणित विभाग के सबरा प्रसाद राजेशभाई, सुभरा शंकर धर और शलभ ने किया। अध्ययन को MedRxiv में प्री-प्रिंट के रूप में प्रकाशित किया गया।
शोधकर्ताओं ने कहा था कि डेटा बताते हैं कि भारत में कोरोना की चौथी लहर प्रारंभिक डेटा उपलब्ध होने की तारीख़ से 936 दिनों के बाद आएगी। देश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी, 2020 को आया था। शोध में कहा गया है कि गंभीरता देश भर में टीकाकरण की स्थिति, कोरोना के नये वैरिएंट की प्रकृति पर निर्भर करेगी।