कोरोना संक्रमण अब वैश्विक आपात स्थिति नहीं: डब्ल्यूएचओ
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 अब वैश्विक स्वास्थ्य आपात स्थिति को नहीं बताता है। यह महामारी के अंत की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस महामारी ने अब तक 69 लाख से अधिक लोगों की जान ले ली है, वैश्विक अर्थव्यवस्था को बाधित कर दिया है और समुदायों को तबाह कर दिया है।
कोविड ने एक समय तो अकल्पनीय लॉकडाउन लगाने के लिए मजबूर किया। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि भले ही आपातकालीन चरण समाप्त हो गया, महामारी समाप्त नहीं हुई है। इसने ऐसा इस आधार पर कहा है क्योंकि दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य पूर्व में मामलों में हाल में ही बढ़ोतरी हुई है। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि अभी भी हर हफ़्ते हज़ारों लोग इस वायरस से मर रहे हैं।
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— World Health Organization (WHO) (@WHO) May 5, 2023
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा, 'बड़ी उम्मीद के साथ मैं कोविड-19 को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल खत्म घोषित करता हूं। इसका मतलब यह नहीं है कि वैश्विक स्वास्थ्य खतरे के रूप में कोविड-19 खत्म हो गया है।'
जब संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने पहली बार 30 जनवरी, 2020 को कोरोना वायरस को एक अंतरराष्ट्रीय संकट घोषित किया था, तब तक इसे कोविड-19 नाम नहीं दिया गया था और चीन के बाहर कोई बड़ा प्रकोप नहीं था।
तीन साल से अधिक समय के बाद इस वायरस से विश्व स्तर पर क़रीब 68 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और लगभग 5 बिलियन लोगों को टीके की कम से कम एक खुराक मिली है।
अमेरिका में कोविड-19 के संबंध में की गई सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकालीन घोषणा 11 मई को समाप्त होने वाली है। जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन सहित कई अन्य देशों ने पिछले साल महामारी के खिलाफ अपने कई प्रावधानों को हटा दिया था।
जब टेड्रोस ने 2020 में कोविड-19 को एक आपात स्थिति घोषित किया था तो उन्होंने कहा था कि उनका सबसे बड़ा डर कमजोर स्वास्थ्य प्रणालियों वाले देशों में फैलने की वायरस की क्षमता को लेकर था।
डब्ल्यूएचओ ने गुरुवार को एक विशेषज्ञ समूह बुलाने के बाद शुक्रवार को अपने उच्चतम स्तर के अलर्ट को कम करने का फैसला किया। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी महामारी की घोषणा नहीं करती है, लेकिन पहली बार इस शब्द का इस्तेमाल मार्च 2020 में प्रकोप को बताने के लिए किया गया था।
डब्ल्यूएचओ एकमात्र ऐसी एजेंसी है जो गंभीर स्वास्थ्य खतरों के प्रति दुनिया की प्रतिक्रिया को समन्वित करने के लिए अधिकृत है, लेकिन कोरोना वायरस के सामने आने के बाद संगठन बार-बार लड़खड़ाता दिखा।