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कौन है हिजबुल्लाह जो इजरायल को दे रहा है खुली चुनौती?

कौन है हिजबुल्लाह जो इजरायल को दे रहा है खुली चुनौती?

हिजबुल्लाह लेबनान का एक मिलिशिया संगठन है जो मजबूत सैन्य क्षमता रखता है। यह लगातार इजरायल को चुनौती दे रहा है। माना जा रहा है कि गाजा में इजरायल अगर प्रवेश करता है तो उसे लेबनान सीमा से हिजबुल्लाह के हमलो को झेलना पड़ सकता है। 

इजरायल और हमास के बीच जैसे-जैसे युद्ध आगे बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे इस लड़ाई के पूरे मध्य पूर्व में फैलने की आशंका बढ़ती जा रही है। इस जंग में जहां अभी मुख्य मुकाबला इजरायल और गाजा का प्रतिनिधित्व कर रहे हमास के बीच है वहीं संभावना जताई जा रही है जल्द ही इसमें हिजबुल्लाह भी इंट्री ले सकता है। 

हिजबुल्लाह लेबनान का एक मिलिशिया संगठन है जो मजबूत सैन्य क्षमता रखता है। यह लगातार इजरायल को चुनौती दे रहा है। माना जा रहा है कि गाजा में इजरायल अगर प्रवेश करता है तो उसे लेबनान सीमा से हिजबुल्लाह के हमलो को झेलना पड़ सकता है। 

ऐसे में सवाल उठता है कि  उग्रवादी समूह हिजबुल्लाह क्या इजरायल के खिलाफ लड़ाई के मैदान में कूदेगा। कौन है यह हिजबुल्लाह जो इजरायल को चुनौती दे रहा है। 

द वाशिंगटन पोस्ट की 12 अक्टूबर को छपी एक रिपोर्ट में हिजबुल्लाह के बारे में जानकारी दी गई है जिसके मुताबिक लंबे समय से दुश्मन रहे हिजबुल्लाह और इजरायल फिर आमने-सामने हैं।

इजराइल पर हमास के पिछले सप्ताह हुए हमले के बाद से दोनों के बीच झड़प हुई है। इससे दोनो के बीच फिर से व्यापक युद्ध की आशंका पैदा हो गई है। हिज़्बुल्लाह और इज़रायल के बीच झड़पों का दशकों पुराना इतिहास रहा है। 

इजरायल और हमास के बीच बढ़े तनाव के बीच माना जा रहा है कि हिजबुल्लाह हमास के समर्थन में इजरायल पर हमला बोल सकता है। इसको लेकर इजरायल सतर्क है। हिजबुल्लाह हमास से कही ज्यादा ताकरवर उग्रवादी संगठन माना जाता है। जिसे इजरायल भी खुद के लिए एक बड़ा खतरा मानता है। 

हालांकि कई सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि हिज़्बुल्लाह नवीनतम लड़ाई में पूरी तरह से शामिल होने के लिए अनिच्छुक होगा, क्योंकि उसे डर है कि उसने लेबनान में जो हासिल किया है उसे खो देगा। इसके बावजूद कभी भी इस जंग में हिजबुल्लाह इजरायल के खिलाफ .युद्द का नया मोर्चा खोल सकता है इस आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। 

आखिर हिजबुल्लाह क्या है?

द वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट कहती है कि हिजबुल्लाह, जिसका अर्थ है "ईश्वर की पार्टी", एक शिया मुस्लिम राजनीतिक दल और उग्रवादी समूह है । यह लेबनान में राजनीतिक शक्ति रखता है और ईरान द्वारा समर्थित है।

 यह 1980 के दशक में 15 साल के लेबनानी गृहयुद्ध के दौरान देश के दक्षिणी क्षेत्र पर इज़राइल के कब्जे की प्रतिक्रिया में उभरा था। 1985 के अपने घोषणापत्र में, हिज़्बुल्लाह ने इज़राइल के विनाश को अपने एक प्रमुख लक्ष्य के रूप में रखा है।  

वर्षों पहले ही हिजबुल्लाह को संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा एक आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है। इसकी सैन्य शाखा यूरोपीय संघ की आतंकवादी सूची में है। अमेरिकी सरकार इस समूह को 1983 में बेरूत में अमेरिकी दूतावास और अमेरिकी मरीन बैरकों पर बमबारी की साजिश रचने के लिए जिम्मेदार मानती है।

लेबनान में यह समूह देश के ऐतिहासिक रूप से हाशिये पर रहे अधिकांश शिया समुदायों पर प्रभाव रखता है। हिजबुल्लाह लेबनान के अंदर एक ईरानी प्रतिनिधि से एक क्षेत्रीय शक्ति केंद्र के रूप में विकसित हो गया है।

सीरिया में जब गृहयुद्ध चल रहा था तब हिजबुल्लाह सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के लिए लड़ रहा था। यमन में हूती विद्रोहियों और इराक में मिलिशिया को यह प्रशिक्षित कर चुका है। इस संगठन का लेबनान में व्यापक राजनीतिक प्रभाव है।

हिजबुल्लाह और हमास के बीच कैसे संबंध हैं?

हमास, इजराइल पर हुए हालिया हमले के लिए जिम्मेदार उग्रवादी संगठन है। यह गाजा पट्टी को नियंत्रित करता है और इज़राइल के स्थान पर फ़िलिस्तीनी राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमास एक सुन्नी फिलिस्तीनी संगठन है, जबकि ईरान समर्थित हिजबुल्लाह एक शिया लेबनानी पार्टी है।

हाल के वर्षों में, हमास और हिजबुल्लाह के बीच सीरियाई गृहयुद्ध को लेकर मतभेद रहा है, हिजबुल्लाह सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद का समर्थन कर रहा है और हमास उन्हें सत्ता से बेदखल करने का समर्थन कर रहा है। 

भले ही सीरिया को लेकर दोनों संगठनों के विचार अलग-अलग हैं लेकिन इजरायल को दोनों ही अपना दुश्मन नंबर एक मानते हैं। इज़राइल के अस्तित्व के प्रति उनके साझा विरोध ने ही उन्हें सामरिक सहयोगी बना दिया है।

2020 और 2023 के बीच, दोनों समूहों के नेताओं ने इज़राइल के साथ संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन जैसे अरब देशों के बीच हुए समझौतों का विरोध किया था।

दोनों ही संगठनों के नेताओं ने इन समझोतों के बाद उठे बवंडर पर चर्चा करने के लिए कम से कम दो बैठकें कीं थी। हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह ने हाल ही में अप्रैल में लेबनान में हमास प्रमुख इस्माइल हानियेह से मुलाकात की थी। 

2020 में अपनी यात्रा के दौरान, जब हनियेह ने देश के सबसे बड़े फ़िलिस्तीनी शरणार्थी शिविर, ऐन अल-हेलवे का दौरा किया, तो उन्हें एक नायक के स्वागत से सम्मानित किया गय था। 

हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच क्या हो रहा है?

लेबनान की दक्षिणी सीमा उत्तरी इज़राइल के साथ लगती है। इज़रायल और हिजबुल्लाह ने यहां पर गोलीबारी की है। रविवार को हिजबुल्लाह ने सीमा पर विवादित क्षेत्र शेबा फार्म्स में इजरायली ठिकानों पर हमले की जिम्मेदारी ली। अगले दिनों में, इज़राइल और हिजबुल्लाह के बीच गोलीबारी हुई, जिसके परिणामस्वरूप दोनों ही तरफ कई लोग हताहत हुए। 

इन सब के बीच लेबनान में माहौल तनावपूर्ण हो चुका है। वहां के लोग आश्चर्यचकित हैं कि क्या देश एक बार फिर युद्ध में फंस जाएगा।

हिज़्बुल्लाह-नियंत्रित दक्षिण में स्थित टायर शहर में दहशत और निराशा है। हर कोई यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि क्या पूर्ण युद्ध होने वाला है। वहीं कुछ लोग देश के दूसरे हिस्सों की ओर जा रहे हैं, और उनके जैसे अन्य लोग विचार कर रहे हैं कि भागना है या नहीं।

कई लोग यह भी कह रहे हैं कि  इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अन्य तरीकों की तुलना में हिजबुल्लाह को संघर्ष में शामिल करना चाह सकते हैं। 

इसके पीछे नेतन्याहू, के उस बयान को देखा जा रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि हमास के हमले पर इज़राइल की प्रतिक्रिया पूरे मध्य पूर्व को बदल देगी। ऐसे में वह अगर हमास से परे इज़राइल के दुश्मनों को खत्म करने का प्रयास करने का निर्णय लेते हैं, तो हिजबुल्लाह उनका टारगेट होगा। 

इसका कारण यह है कि हिजबुल्लाह इजराइल के लिए कहीं अधिक गंभीर रणनीतिक खतरा है। इन्हीं वजहों से लोग चिंतित हैं कि नेतन्याहू जानबूझकर लेबनान को इस टकराव में खींच सकते हैं। 

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