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जहां था भगवा अब लहराया तिरंगा, शिमोगा की घटना पर लीपापोती की कोशिश

जहां था भगवा अब लहराया तिरंगा, शिमोगा की घटना पर लीपापोती की कोशिश

शिमोगा के जिस कॉलेज में कल आरएसएश-बीजेपी से जुड़े छात्र संगठन एबीवीपी ने भगवा लहराया था, वहां आज कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने तिरंगा लहरा दिया। जानिए पूरा घटनाक्रम।

शिमोगा के कॉलेज में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने आज उस जगह राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया, जहां कल एबीवीपी समर्थकों ने भगवा झंडा फहराया था। दूसरी तरफ अब पुलिस और बीजेपी नेताओं ने यह कहना शुरू कर दिया है कि उस जगह पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा नहीं था तो एबीवीपी वालों ने भगवा ध्वज फहरा दिया था। 

कर्नाटक में हिजाब को लेकर चल रहे विवाद के बीच आरएसएस से जुड़े छात्र संगठन एबीवीपी के लोगों ने कल शिमोगा के कॉलेज में भगवा झंडा फहराकर तनाव को बढ़ा दिया था। इस विवाद की बीजेपी या किसी अन्य दल ने राष्ट्रीय स्तर पर विरोध नहीं किया। लेकिन आज डैमेज कंट्रोल की कोशिश की गई।

 पुलिस अधीक्षक शिमोगा ने आज कहा कि शिमोगा में कॉलेज के उस पोल पर तिरंगा झंडा था ही नहीं। वो पोल खाली खड़ा था। इस वजह से एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने वहां जाकर भगवा फहरा दिया। 

दूसरी तरफ एनएसयूआई से जुड़े छात्र आज उस कॉलेज में पहुंचे और वहां राष्ट्रीय अध्यक्ष तिरंगा लहरा दिया। वहां आए सभी छात्रों ने तिरंगे को सैल्यूट किया औऱ वहां राष्ट्रगान भी गाया। इस दौरान पुलिस दूर से सब देखती रही। उसने तिरंगा लहराने पर आपत्ति नहीं जताई।

बता दें कि इस घटना के संबंध में जो वीडियो सामने आया था, उसमें साफ दिख रहा है कि एबीवीपी का कार्यकर्ता उस पोल पर चढ़कर भगवा ध्वज फहरा रहा है। नीचे उसके साथ खड़े होकर खुशी से शोर मचा रहे हैं, उछल रहे हैं। 

इस घटनाक्रम पर सोशल मीडिया पर लोग तीखी प्रतिक्रिया जता रहे हैं। लोगों का कहना है कि एबीवीपी ने साफ तौर पर कानून का उल्लंघन किया है लेकिन पुलिस अब लीपापोती कर रही है।  लोगों ने लिखा है कि अब अगर एसपी शिमोगा की बात सच मान भी ली जाए तो कॉलेज का वो पोल राष्ट्रीय ध्वज लहराने के लिए लगाया गया है, वहां अगर किसी अन्य तरह का झंडा लगाया जाता है तो वह कानूनी रूप से गलत है। कुछ लोगों ने लिखा है कि अगर वो पोल खाली भी पड़ा था, तो भी वहां एबीवीपी या किसी भी राजनीतिक दल को तिरंगे के अलावा और किसी भी प्रकार का झंडा फहराने का अधिकार नहीं है। इसलिए एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर कॉलेज में घुसकर उसके पोल पर एक विचारधारा विशेष का झंडा लगाने का अपराध तो बनता ही है।

 

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