जानिए, नयी प्राइवेसी पॉलिसी के लिए कब तक दबाव नहीं डालेगा वाट्सऐप
वाट्सऐप ने अपनी नयी प्राइवेसी पॉलिसी पर फ़िलहाल रोक लगा दी है। यूज़रों को मौजूदा समय में इस पॉलिसी को मानने की अनिवार्यता से छूट मिलेगी। वाट्सऐप ने ख़ुद शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट से कहा है कि यह अपने यूज़रों को इस विवादित नयी प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकार करने के लिए तब तक दबाव नहीं डालेगा जब तक सरकार व्यक्तिगत डाटा सुरक्षा विधेयक को पास नहीं करा देती है।
हालाँकि, वाट्सऐप के इस फ़ैसले से लगता है कि वह इसके लिए फ़िलहाल यूज़रों पर दबाव नहीं डालेगा, लेकिन इसमें भी इसने चालाकी दिखाई है। यानी वह आगे ऐसा दबाव डाल सकेगा। ऐसा इसलिए कि जिस व्यक्तिगत डाटा सुरक्षा विधेयक ऐप की बात कही गई है उसके जल्द क़ानून बनने की संभावना नहीं दिखती है। और दूसरे, यह क़ानून बन भी गया तो क्या सरकार के इतने सख़्त दिशा-निर्देश होंगे कि वाट्सऐप जैसी कंपनियों की पॉलिसी को रोक दे, यह साफ़ नहीं है। हालाँकि, व्यक्तिगत डाटा सुरक्षा विधेयक में फ़िलहाल ऐप और प्लेटफॉर्म को यूज़रों के व्यक्तिगत और संवेदनशील डाटा को इकट्ठा करने और साझा करने से प्रतिबंधित करने का प्रावधान है।
वाट्सऐप ने एक चालाकी यह भी दिखाई है कि इसने साफ़ किया है कि वह उन यूज़रों को अपडेट दिखाना जारी रखेगा जिन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया है, और यह उन लोगों के लिए लागू रहेगा जिन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है। जबकि इसको लेकर भी केंद्र सरकार ने पहले आपत्ति जताई थी।
जून महीने में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा था कि वाट्सऐप अपने यूजरों पर नयी प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करने के लिए दबाव डाल रहा है। इसने कहा था कि व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक के क़ानून बनने से पहले वाट्सऐप अपनी नयी प्राइवेसी पॉलिसी की यूजरों से सहमति पाने के लिए हर रोज़ नोटिफ़िकेशन पर नोटिफ़िकेशन भेजे जा रहा है। सरकार ने कहा था कि यह यूजरों से सहमति प्राप्त करने का सही तरीक़ा नहीं है और यह एक ट्रिक यानी चाल है। इसीलिए सरकार ने कोर्ट से अपील की थी कि वह निर्देश दे कि वाट्सऐप अपने यूज़रों को ऐसा नोटिफ़िकेशन न भेजे।
केंद्र सरकार ने कोर्ट के सामने अपनी बात हलफनामा देकर रखी थी। यह उसके प्रतिक्रिया में है जिसमें वाट्सऐप की नयी प्राइवेसी पॉलिसी के ख़िलाफ़ कई अपील दायर की गई हैं। इनमें से एक अपीलकर्ता चैतन्या रोहिल्ला की ओर से दावा किया गया था कि वाट्सऐप की नयी प्राइवेसी पॉलिसी यूज़र के निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है।
सरकार ने मई महीने में दोहराया था कि वाट्सऐप अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी और शर्तों को हटा ले।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा था कि 15 मई 2021 के बाद प्राइवेसी पॉलिसी को स्थगित करने से वाट्सऐप को यह छूट नहीं मिल गई कि वह भारतीय यूज़रों के लिए यूज़रों की पसंद, डेटा सुरक्षा और सूचना की गोपनीयता के मूल्यों का सम्मान न करे। सरकार की यह राय यूज़रों और याचिकाकर्ताओं के पक्ष में थी।
इस बीच अब वाट्सऐप की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा, 'हम स्वेच्छा से इसे (नई नीति) पर रोक लगाने के लिए सहमत हुए हैं... हम लोगों को इसे स्वीकार करने के लिए मजबूर नहीं करेंगे।' अदालत वाट्सऐप और उसके मालिक, फ़ेसबुक की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग यानी सीसीआई द्वारा वाट्सऐप की नई नीति की जाँच को चुनौती दी गई। सीसीआई ने पिछले महीने वाट्सऐप और फ़ेसबुक को नोटिस जारी कर पॉलिसी के बारे में और जानकारी मांगी थी। 23 जून को पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने वाट्सऐप को दिए गए सीसीआई के नोटिस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
हरीश साल्वे ने अदालत से कहा, 'सीसीआई उस नीति की जांच कर रहा है जिसे वाट्सऐप ने रोक दिया है। अगर संसद मुझे डेटा संरक्षण विधेयक के तहत डाटा साझा करने की अनुमति देती है तो सीसीआई कुछ भी नहीं कह सकता या जाँच नहीं कर सकता है। हमने पहले ही अपनी अपडेटेड प्राइवेसी पॉलिसी को बिल पास होने तक रोक दिया है।' साल्वे द्वारा सीसीआई नोटिस का जवाब देने के लिए समय मांगने के बाद मामले को स्थगित कर दिया गया।
बता दें कि वाट्सऐप ने शुरुआत में अपने यूज़रों को नयी प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकार करने के लिए 8 फ़रवरी का समय दिया था। लेकिन बाद में इसके समय को बढ़ा दिया गया था। इसके लिए नयी तारीख़ जो 15 मई तय थी उसे भी स्थगित कर दिया गया है।