क्या है जनीवा कन्वेंशन, कब-कब पाकिस्तान ने किया है इसका उल्लंघन?
भारतीय पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान के पाकिस्तान में पकड़े जाने के तुरन्त बाद विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी उप उच्यायुक्त को बुला कर एक कूटनीतिक नोट थमाया, जिसमें कहा गया है कि इस्लामाबाद जनीवा कन्वेंशन का ख्याल रखे और भारतीय सैनिक को कोई नुक़सान नहीं पहुँचे, यह सुनिश्चित करे।
क्या है जनीवा कन्वेंशन?
जनीवा कन्वेंशन वह अंतरराष्ट्रीय समझौता है, जिसके तहत यह तय किया गया है कि युद्ध होने पर दुश्मन देश के पकड़े गए सैनिक और असैनिक कर्मचारियों के साथ कैसा व्यवहार किया जाना चाहिए। दुश्मन देश के घायल और बीमार नागरिकों और युद्धबंदियों के साथ क्या किया जाए, युद्ध के दौरान कब्जे वाले इलाक़े में क्या-क्या हो सकता है और क्या नहीं, यह भी इस समझौते में तय किया गया। इसकी कुछ मुख्य बातें इस तरह हैं:- जो लोग युद्ध में भाग नहीं लेंगे या जब वे हथियार डाल देंगे या पकड़ लिए जाएँगे या जब वे घायल हो जाएँगे, उनके साथ बग़ैर किसी भेद-भाव के अच्छा व्यवहार किया जाएगा।
- ऐसे लोगों के साथ किसी तरह की हिंसा नहीं की जाएगी, उन्हें प्रताड़ित नहीं किया जाएगा, उनके साथ क्रूर व्यवहार नहीं किया जाएगा, उन्हें किसी हालत में मारा-पीटा नहीं जाएगा।
- बंदी बना लिए जाने के बाद किसी के साथ ऐसा कोई व्यवहार नहीं किया जाएगा, जिससे उसके सम्मान को ठेस पहुँचती हो, वह अपमानित होता हो या उसकी प्रतिष्ठा को आँच आती हो।
- ऐसे लोगों को बग़ैर मुक़दमा चलाए और उस मुक़दमा में उन्हें अपनी बात कहने का पूरा मौका दिए बग़ैर उन्हें किसी तरह का कोई दंड नहीं दिया जाएगा।
- ऐसे लोगों के बीमार होने पर उनका पूरा इलाज कराया जाएगा और उनका ख्याल रखा जाएगा।
अभिनंदन का मामला
पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अपनी फ़जीहत से बचने के लिए एकदम शुरू में ही यह एलान कर दिया कि भारत का पायलट उनकी कस्टडी में है और इस्लामाबाद उनसे अच्छा सलूक करेगा। पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभााग के प्रमुख मेजर जनरल आसिफ़ गफ़ूर ने प्रेस कन्फ्रेंस कर कहा कि उनकी सेना पकड़े गए भारतीय पायलट के साथ अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से व्यवहार कर रही है। उनका आशय यही था कि पाकिस्तान जनीवा कन्वेंशन का पालन कर रहा है।क्या सचमुच?
विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान के मामले में एकदम शुरू से पाकिस्तान जनीवा कन्वेंशन का उल्लंघन कर रहा है, यह साफ़ है। इसे ऐसे समझ सकते हैं।- पाकिस्तान वायु सेना ने पकड़े गए भारतीय सैनिक का वीडियो बनाया और उसे मीडिया में जारी कर दिया। यह बंदी की प्रतिष्ठा के ख़िलाफ़ है और इससे उनका अपमान होता है।
- इस वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि भारतीय पायलट के हाथ पीछे बाँध दिए गए हैं, उनकी आँख पर काली पट्टी लगा दी गई है। यह भी जनीवा कॉन्वेंशन का उल्लंघन है क्योंकि हाथ पीछे बाँधना हिंसा और प्रताड़ना की श्रेणी में आता है।
- इसके बावजूद अभिनंदन वर्तमान पाक वायु सेना के व्यवहार की तारीफ़ करते हैं और कहते हैं कि वह चाहेंगे कि उनकी सेना भी दूसरों के साथ ऐसा ही व्यवहार करे। इससे ऐसा लगता है कि वह किसी तरह के दबाव में यह कह रहे हैं।
- पाकिस्तान वायु सेना का दावा है कि उसने भारतीय पायलट को उग्र भीड़ से बचाया और यह सच है। पर पाकिस्तान के सोशल मीडिया पर वायरल एक दूसरे वीडियो में यह साफ़ दिखता है कि शुरू में पाक सैनिकों ने उग्र भीड़ को रोकने की कोशिश नहीं की। अभिनंदन पिटते रहे और पाक सैनिक चुपचाप देखते रहे। ऐसा तब तक हुआ जब तक भारतीय पायलट बुरी तरह लहूलुहान नहीं हो गया। एक तरह से हम कह सकते हैं कि पाक सेना ने भारतीय सैनिक को पिटवाया, भले ही ख़ुद न पीटा हो।
- अभिनंदन से शुरू में ही पूछताछ की गई। हालाँकि इस पूछताछ के दौरान मारपीट या प्रताड़ना वीडियो में नहीं दिखती है, पर जिस तरह सवाल पूछे जा रहे हैं, उससे बंदी की प्रतिष्ठा ख़राब होने की बात कही जा सकती है। मारपीट की बात का खुलासा शायद बाद में हो।
पाकिस्तान का ख़राब रिकार्ड
जनीवा कन्वेंशन के उल्लंघन के मामले में पाकिस्तान का रिकार्ड बेहद ख़राब रहा है। वह 1965 का युद्ध हो या 1971 का या पाकिस्तान में पकड़े गए कथित भारतीय जासूसों की बात हो, प्रताड़ना बिल्कुल सामान्य बात मानी जाती है। हाल के कुछ मामलों की पड़ताल करने पर भी पाकिस्तान बेनक़ाब हो जाता है। कुलभूषण जाधव: पाकिस्तान ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में गिरफ़्तार किया, उसे भारत सरकार के किसी प्रतिनिधि से नहीं मिलने दिया गया। यह जनीवा कॉन्वेंशन का उल्लंघन माना जा सकता है। कुलभूषण की प्रताड़ना किए जाने की बात साफ़ है, हालाँकि पाकिस्तान ने इससे इनकार किया है।कैप्टन सौरभ कालिया: करगिल झड़प होने के पहले ही कैप्टन सौरभ कालिया को लेह के काकसार क्षेत्र में पकड़ लिया गया। उन्हें बुरी तरह पीटा गया, उन्हें प्रताड़ित करने का हाल यह था कि उनके शव पर जलती हुई सिगरेट से दागे जाने के निशान थे, उनकी आँखे निकाल ली गई थीं और उनका लिंग काट लिया गया था। फोरेंसिक जाँच से पता चला था कि यह सब कुछ उनके जीवित रहते हुआ था।
सरबजीत सिंह
भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह को पाकिस्तान में जासूसी के आरोप में गिरफ़्तार किया गया, बुरी तरह प्रताड़ित किया गया, अदालत में पूरा मौका नहीं दिया गया। वे अंत-अंत तक जासूसी के आरोप को खारिज करते रहे। जेल के अंदर प्रशासन के सामने और अफ़सरों की मौजूदगी में उन्हें पीट-पीट कर मार डाला गया।- कश्मीर सिंह: कश्मीर सिंह को 1973 में जासूसी के आरोप में पाकिस्तान में गिरफ़्तार कर लिया गया। उन्हें भी प्रताड़ित किया गया।
- रवींद्र कौशिक: रवींद्र कौशिक भारत से पाकिस्तान गए, सेना में भर्ती हुए, पाकिस्तानी युवती से विवाह किया, पिता बने और भारत को गुप्त सूचनाएँ मुहैया करात रहे। अंत में वह पकड़े गए। उन्हें इतनी बुरी तरह प्रताड़ित किया गया और कि वह अंत में विक्षिप्त हो गए, बीमार पड़ गए और पाकिस्तानी जेल में ही मर गए।
- शेख शमीम: भारतीय नागरिक शेख शमीम 1989 में पाकिस्तान में जासूसी के आरोप में पकड़े गए, जेल में बुरी तरह प्रताड़ित किए गए, उनकी सुनवाई ठीक से नहीं हुई। जल्द ही उन्हें फाँसी पर चढ़ा दिया गया।
करगिल युद्द के दौरान पायलट नचिकेता पाकिस्तान में पकड़े गए थे और उन्हें भीषण यंत्रणाएँ दी गई थीं। ये तो सिर्फ़ कुछ उदाहरण हैं। पाकिस्तान में इस तरह की वारदात होती रहती है। वह जनीवा कन्वेंशन का उल्लंघन करता रहा है। इस बार क्या करेगा, यह जल्द ही मालूम हो जाएगा। इस्लामाबाद पर अंतरराष्ट्रीय दबाव पड़ रहा है और यह मुमकिन है कि वह जल्द ही अभिनंदन को रिहा कर दे।