साक्षी मलिक ही नहीं, विनेश फोगाट भी रोई, कहा- इंसाफ की उम्मीद कम
यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले शीर्ष पहलवानों में से एक विनेश फोगाट की आंखों में भी आंसू हैं। गुरुवार को जब भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह के आदमी को अध्यक्ष घोषित कर दिया गया तो विनेश फोगाट भी रो पड़ीं।
"Have little hope for justice": Vinesh Phogat, one of India's ace wrestlers, broke down as Brij Bhushan Sharan Singh's close aide Sanjay Singh won the WFI polls yesterday.#VineshPhogat #WFI #BrijBhushan #Wrestlers pic.twitter.com/xsft1kUt4J
— NDTV (@ndtv) December 22, 2023
सांसद ब्रजभूषण कथित यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी हैं। 12 वर्षों तक भारतीय कुश्ती महासंघ का नेतृत्व करने वाले बृज भूषण को इस साल की शुरुआत में पद छोड़ना पड़ा था, जिससे नए चुनावों का मार्ग प्रशस्त हुआ। उनके करीबी सहयोगी संजय सिंह ने गुरुवार को चुनाव जीतकर शीर्ष पद पर उनकी जगह ली। महिला पहलवानों का एक मुद्दा भारतीय कुश्ती महासंघ के निष्पक्ष चुनाव को लेकर भी था।
विरोध प्रदर्शन में सबसे आगे रहने वाले पहलवान - साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगट ने चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद मीडिया से बात की है। विनेश फोगट ने कहा, "अब जब संजय सिंह को महासंघ का प्रमुख चुना गया है, तो महिला पहलवानों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ता रहेगा।" बता दें कि साक्षी मलिक ने घोषणा की कि वह कुश्ती से संन्यास ले रही हैं।
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मुझे नहीं पता है कि देश में न्याय कैसे पाया जाए। बहुत कम उम्मीद लगती है। फिर भी हमें उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा। यह दुखद है कि कुश्ती का भविष्य अंधकार में है। हम अपना दुख किसे बताएं... हम अभी भी लड़ रहे हैं।"
-विनेश फोगाट, गोल्ड मेडलिस्ट, राष्ट्रमंडल और एशियाई खेल 21 दिसंबर 2023 सोर्सः प्रेस क्लब प्रेस कॉन्फ्रेंस
ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने गुरुवार को कहा था कि वो लोग चाहते थे कि कुश्ती संस्था को एक महिला प्रमुख मिले। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हम लड़े, लेकिन नए अध्यक्ष ब्रजभूषण के सहयोगी और बिजनेस पार्टनर हैं। इसलिए मैं कुश्ती छोड़ रही हूं। साक्षी मलिक ने यह कहने के बाद अपने बूट पैरों से निकालकर मेज पर रख दिए।
संजय सिंह ने राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योराण पर भारी जीत हासिल करते हुए 47 में से 40 वोट हासिल किए, जिन्हें शीर्ष पहलवानों का समर्थन प्राप्त था, जिन्होंने उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से छह बार के सांसद सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों का विरोध किया था।
भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह तब विवादों में आए जब उन पर कुछ महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए। महिला पहलवानों ने सबसे पहले केंद्रीय खेल मंत्री से मिलकर जांच की मांग की। लेकिन जांच के नाम पर लीपापोती हुई। महिला पहलवानों ने लंबा आंदोलन छेड़ा। उन्होंने जंतर मंतर पर धरना दिया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की, जबकि पुलिस पहले मना कर रही थी। अब यह मामला दिल्ली की कोर्ट में चल रहा है।