मोदी से ममता की अपील, मत भेजिए श्रमिक स्पेशल, सरकार जूझ रही है तूफान से

08:06 pm May 27, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि वह श्रमिक स्पेशल ट्रेन पश्चिम बंगाल न भेजें। उन्होंने इसका कारण बताते हुए कहा है कि चक्रवाती तूफ़ान से जूझ रहे राज्य में कोरोना संक्रमितों को क्वरेन्टाइन करना मुश्किल होगा।

ममता बनर्जी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी उनके लिए राजनीतिक समस्याएं पैदा कर सकती है, वे इसका बुरा नहीं मानेंगी। पर वह राज्य की जनता को क्यों परेशान कर रही है, उन्होंने पूछा।

मुख्यमंत्री ने कहा, 

'राज्य सरकार कोरोना महामारी और चक्रवाती तूफान अंपन के महाविनाश की दुहरी मार झेल रही है। हमारी सीमित क्षमताओं पर पहले से ही अधिक बोझ है। हम इन प्रवासी मज़दूरों को क्वरेन्टाइन में कहाँ रखेंगे'


ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल

'तूफ़ान से जूझ रहा है राज्य'

उन्होंने यह भी कहा कि 'यह राजनीतिक फ़ायदा उठाने का समय नहीं है। हम बहुत ही कठिन परिस्थिति में हैं, हमें अधिक जगह और समय चाहिए।' 

ममता बनर्जी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चक्रवाती तूफान से 6 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि 10 लाख घरों के छत उड़ गए, ऐसे हर घर वाले को तुरन्त 20 हज़ार रुपए की सहायता राशि दी जा रही है। 

तूफान से तबाही

मुख्यमंत्री ने कहा कि 8.14 लाख लोगों को उनके घरों से बचा कर निकाला गया, अभी भी दो लाख लोग शेल्टर होम में हैं। बिजली के तक़रीबन 4.5 लाख खंभे उखड़ गए, 10.5 लाख खेत बर्बाद हो गए, शहरों की 317 किलोमीटर और गाँवों की 4,410 किलोमीटर सड़क ख़राब हो गई।

ममता बनर्जी का पूरा ज़ोर इस पर है कि राज्य की स्थिति पहले से ही खराब है, वह इस हाल में कोरोना संक्रमितों को रखने और उनका इलाज करने में सक्षम नहीं है।

ट्रेन पर टकराव

इसके पहले भी श्रमिक स्पेशल ट्रेनों पर राज्य और केंद्र में विवाद हुआ है। गृह मंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया था कि ममता बनर्जी श्रमिक स्पेशल ट्रेन को अपने राज्य में नहीं घुसने दे रही हैं और ऐसा कर वह प्रवासी मज़दूरों के साथ अन्याय कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने इसे झूठ क़रार देते हुए गृह मंत्री को चुनौती दी थी कि वह अपने आरोप साबित करें या माफ़ी माँगें।

एक दिन पहले मंगलवार को ही श्रमिक स्पेशल पर महाराष्ट्र सरकार और रेल मंत्री के बीच ठनी थी। महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि रेलवे ने उसे पर्याप्त संख्या में ट्रेनें नहीं दी। इस पर पलटवार करते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह मजदूरों को ट्रेन तक नहीं ला सकी, लिहाज़ा, 65 ट्रेनें खाली लौटी हैं।