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पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में व्यापक हिंसा, अब तक 15 मरे

पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में व्यापक हिंसा, अब तक 15 मरे

बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए आज वोट डाले जा रहे हैं लेकिन राज्य से व्यापक हिंसा की खबरें भी आ रही हैं। अभी तक नौ लोग हिंसा में मारे जा चुके हैं।

पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाकों में शनिवार को महत्वपूर्ण त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए मतदान के दौरान कम से कम 15 लोगों के मारे जाने की खबर है। इस चुनाव को टीएमसी और बाकी दलों के लिए 2024 के संसदीय चुनावों से पहले बहुत महत्वपूर्ण चुनाव बताया गया है। यह चुनाव राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को नया आकार दे सकता है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक पिछले 24 घंटों में हुई चुनावी हिंसा में  पश्चिम बंगाल के छह जिलों में 15 लोगों के मरने की खबर है। मरने वालों में आठ टीएमसी कार्यकर्ता, तीन सीपीआई(एम) कार्यकर्ता, कांग्रेस-भाजपा और आईएसएफ के एक-एक कार्यकर्ता और एक निर्दलीय उम्मीदवार का पोलिंग एजेंट शामिल है। 9 जून से अब तक हिंसक घटनाओं में मरने वालों की संख्या 30 हो चुकी है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने सुरक्षा का जिम्मा संभाले केंद्रीय बलों पर ''भारी विफलता'' का आरोप लगाया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक हिंसक झड़पों में कई लोगों के घायल होने के अलावा, कम से कम दो मतदान केंद्रों पर मतपेटियाँ लूट ली गईं।

राज्य में लगभग 5.67 करोड़ लोग 22 जिला परिषदों, 9,730 पंचायत समितियों और 63,229 ग्राम पंचायतों के लिए प्रतिनिधियों को चुनने के लिए मतदान हुआ। चुनाव के नतीजे 11 जुलाई को आएंगे।

पीटीआई ने बताया कि 8 जून को पंचायत चुनावों की घोषणा हुई थी। उसके बाद से ही पूरे बंगाल से व्यापक हिंसा की खबरें आ रही हैं। 

हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले के कपसडांगा इलाके में टीएमसी कार्यकर्ता बाबर अली की हत्या कर दी गई। जब उन्हें बहरामपुर के मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल लाया गया तो उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। शुक्रवार को मुर्शिदाबाद जिले के रेजीनगर में एक क्रूड बम विस्फोट में एक टीएमसी कार्यकर्ता की मौत हो गई। जिले के खारग्राम में एक और तृणमूल कार्यकर्ता की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। 

शनिवार को कूचबिहार जिले के फलीमारी में अज्ञात बदमाशों ने भाजपा के पोलिंग एजेंट माधव विश्वास की गोली मारकर हत्या कर दी। पूर्वी बर्दवान जिले के औसग्राम के एक सीपीआई (एम) कार्यकर्ता, रजिबुल हक ने कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दम तोड़ दिया। झड़प में घायल होने के बाद उन्हें अस्पताल लाया गया था।

रजिबुल हक को पहले बर्दवान जिला अस्पताल ले जाया गया और बाद में उनकी हालत बिगड़ने पर कोलकाता रेफर कर दिया गया। पूर्वी मिदनापुर के सोनाचुरा ग्राम पंचायत के तृणमूल बूथ अध्यक्ष देवकुमार राय पर कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ता सुबल मन्ना और उनके सहयोगियों ने हमला किया। जलपाईगुड़ी में एक तृणमूल उम्मीदवार पर कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने हमला किया। 

इस बीच, कूचबिहार में टीएमसी बूथ समिति के अध्यक्ष, जिनकी पहचान गणेश सरकार के रूप में हुई, की रामपुर में चाकू मारकर हत्या कर दी गई। घटना शुक्रवार देर रात की है। सरकार को अलीपुरद्वार के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। चुनावी हिंसा की एक अन्य घटना में, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के कार्यकर्ता हफीजुर रहमान गोली लगने से घायल हो गए। घटना कूचबिहार जिले के ओकराबारी गांव में घटी. रहमान कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार अंसार अली के चाचा थे। पुलिस ने कहा कि मालदा जिले में कांग्रेस समर्थकों के साथ झड़प में एक टीएमसी नेता के भाई की मौत हो गई। घटना मानिकचक थाना क्षेत्र के जिशारतटोला में हुई। मृतक की पहचान मालेक शेख के रूप में हुई।

हिंसा पर बीजेपी, टीएमसी की प्रतिक्रिया

भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने पंचायत चुनावों में हुई हिंसा पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि यह "चुनाव के नाम पर एक तमाशा" है। उन्होंने कहा, "जब चुनाव आयोग और सरकार मिलकर यह निर्णय लेते हैं कि सत्तारूढ़ टीएमसी चुनाव जीतेजी, तो अब जो हो रहा है वह होगा। केंद्रीय बल यहां आए लेकिन उन्हें बूथों पर नहीं भेजा गया... टीएमसी भाजपा और अन्य पर हमला कर रही है।" टीएमसी ने भी उन विपक्षी दलों पर निशाना साधा जो हिंसा के बीच राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग कर रहे थे। पार्टी ने सवाल उठाया कि चुनाव के लिए लाये गये केंद्रीय बल कहां थे।

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