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ममता को एक और झटका, मंत्री राजीव बनर्जी का इस्तीफ़ा

ममता को एक और झटका, मंत्री राजीव बनर्जी का इस्तीफ़ा

बनर्जी कुछ वक्त से नाराज़ चल रहे थे और उन्होंने आरोप लगाया था कि टीएमसी में कुछ नेता उनके ख़िलाफ़ प्रोपेगेंडा चला रहे हैं। 

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ममता बनर्जी को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। कुछ दिन पहले ही कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला ने इस्तीफ़ा दिया था तो शुक्रवार को एक और कैबिनेट मंत्री राजीव बनर्जी ने इस्तीफ़ा दे दिया। इससे पहले शुभेंदु अधिकारी, उनके सांसद भाई और पिता के जाने से पहले ही ममता को जोरदार झटका लग चुका है। महीने भर के अंदर ममता सरकार के तीन मंत्री इस्तीफ़ा दे चुके हैं। 

राजीव बनर्जी ने हालांकि इस्तीफ़े का कोई कारण नहीं बताया है लेकिन कहा जा रहा है कि वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। इस बात की चर्चा है कि 31 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली के दौरान बनर्जी बीजेपी की सदस्यता ले लेंगे। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बनर्जी का इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया है। 

बनर्जी कुछ वक्त से नाराज़ चल रहे थे और उन्होंने आरोप लगाया था कि टीएमसी में कुछ नेता उनके ख़िलाफ़ प्रोपेगेंडा चला रहे हैं। 

राज्य में अप्रैल-मई में विधानसभा के चुनाव होने हैं और उससे पहले तृणमूल कांग्रेस में पार्टी छोड़ने वालों की लाइन लगी हुई है। बीजेपी नेताओं के ताबड़तोड़ दौरों के कारण भी राज्य का चुनावी माहौल बेहद गर्माया हुआ है।

ममता बनर्जी के नंदीग्राम से चुनाव लड़ने के एलान ने भी राज्य की सियासत का तापमान बढ़ा दिया है। माना जा रहा है कि शुभेंदु भी यहीं से चुनाव लड़ेंगे और ऐसे में दिलचस्प मुक़ाबला देखने को मिलेगा। 

‘200 से ज़्यादा सीटें जीतेंगे’

अमित शाह ने हाल ही में हुई एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि ममता बनर्जी ने मां, माटी, मानुष के नारे को तुष्टिकरण और भतीजावाद में बदल दिया है। उन्होंने कहा था कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 18 सीटें मिलीं और विधानसभा चुनाव में हम 200 से ज़्यादा सीटें जीतेंगे और सरकार बनाएंगे। 

बंगाल चुनाव पर देखिए चर्चा- 

‘नफ़रत की राजनीति कर रही बीजेपी’

ममता बनर्जी बीजेपी लोगों को बांटने की राजनीति करने का आरोप लगा रही हैं। ममता लगातार बीजेपी को बाहरी लोगों की पार्टी कह रही हैं। टीएमसी प्रमुख ने आरोप लगाया था कि बीजेपी नफ़रत की और फर्जी राजनीति को राज्य में ला रही है। उन्होंने कहा था कि इस तरह की चीजें रबिंद्रनाथ टैगोर के सोनार बांग्ला की धरती पर जीत नहीं दिला सकती हैं। 

पश्चिम बंगाल में अपनी सरकार बनाने के मक़सद से राज्य में ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे बीजेपी के नेताओं के जवाब में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी जनसभाओं, रैलियों से चुनावी माहौल बनाना शुरू कर दिया है। हाल ही में बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद बीजेपी ने ममता सरकार पर हमले तेज़ किए हैं। बीजेपी का कहना है कि ममता सरकार में बीजेपी के कार्यकर्ताओं की लगातार हत्या हो रही है। 

 - Satya Hindi

राज्यपाल का वार

बीजेपी-टीएमसी की इस लड़ाई के बीच कुछ दिन पहले राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी सामने आए थे और उन्होंने कहा था कि ममता बनर्जी संवैधानिक बाध्यता के अधीन हैं और उन्हें संविधान के रास्ते पर चलना ही होगा। धनखड़ ने कहा था कि राज्य में क़ानून व्यवस्था की स्थिति बेहद ख़राब हो चुकी है और वे कई बार मुख्यमंत्री, प्रशासन और पुलिस के सामने इसे लेकर चिंता व्यक्त कर चुके हैं। नड्डा के काफ़िले पर हमले को लेकर उन्होंने कहा था कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी और इसने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को शर्मसार किया है। 

जोरदार होगा मुक़ाबला 

बंगाल बीजेपी के निशाने पर है और पार्टी वहां किसी भी तरह अपना परचम लहराना चाहती है। बंगाल में सरकार बनाने के लिए आरएसएस भी लगातार सक्रिय है। हाल ही में बीजेपी ने कई नेताओं को वहां प्रभारी बनाकर भेजा है। राज्य में बीजेपी और टीएमसी के कार्यकर्ताओं के बीच खूनी झड़पें होना आम बात है, जिसमें दोनों ओर के कार्यकर्ताओं को अपनी जान गंवानी पड़ी है। विधानसभा से लेकर पंचायत और लोकसभा चुनाव तक दोनों दलों के कार्यकर्ता बुरी तरह भिड़ते रहे हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव में दोनों दलों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी, यह तय है। 

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