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बंगाल के राज्यपाल ने ममता को लिखी चिट्ठी सार्वजनिक की, सरकार का पलटवार

बंगाल के राज्यपाल ने ममता को लिखी चिट्ठी सार्वजनिक की, सरकार का पलटवार

 राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को लिखी एक चिट्ठी ट्वीट कर उसे सार्वजनिक कर दिया। उन्होंने इसमें मुख्यमंत्री पर गंभीर सवाल उठाए हैं। 

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच का टकराव तो कई बार खुल कर सामने आ चुका है, लेकिन ताज़ा घटनाक्रम ज़्यादा चौंकाने वाला और चिंताजनक है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को लिखी एक चिट्ठी ट्वीट कर उसे सार्वजनिक कर दिया। उन्होंने इसमें मुख्यमंत्री पर गंभीर सवाल उठाए हैं। 

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने 15 जून को लिखी चिट्ठी स्वयं सार्वजनिक की और उसे राज्यपाल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है, इस पर सवाल उठ रहे हैं। राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच की चिट्ठी का आदान- प्रदान या दिशा निर्देश या आदेश गोपनीय होता है। 

लेकिन राज्यपाल ने उसे गोपनीय नहीं रहने दिया और सार्वजनिक कर दिया। उन्होंने ब्लू टिक लगे आधिकारिक ट्विटर हैंडल Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar @jdhankhar1 से ट्वीट किया है। 

राज्यपाल ने इस चिट्ठी में विधानसभा चुनाव के बाद हुई राजनीतिक हिंसा की चर्चा की है और सीधे तौर पर इसके लिए सत्तारूढ़ दल को ज़िम्मेदार ठहराया है। उन्होंने खुले आम कह दिया है कि सत्तारूढ़ दल को वोट नहीं देने की सज़ा लोगों को दी गई है। उन्होंने कहा कि

चुनाव बाद की हिंसा, मानवाधिकारों और महिलाओं की इज्ज़त का उल्लंघन, संपत्ति का नुक़सान और आज़ादी के बाद से अब तक के इतिहास में राजनीतिक विरोधियों पर होने वाला सबसे ज़्यादा अत्याचार और उस पर मुख्यमंत्री की चुप्पी लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। आपकी चुप्पी से यह साफ है कि यह राज्य ने कराया है।


जगदीप धनखड़, राज्यपाल, पश्चिम बंगाल

उन्होंने लिखा है कि 'हिंसा का शिकार हुए लोगों के मुँह से उन्होंने आगजनी, हिंसा, हत्या और बलात्कार की शिकायतें सुनी हैं।' उन्होंने कहा है, 'इस नरसंहार की चिंताजनक बात यह है कि सत्तरूढ़ दल के ख़िलाफ़ वोट देने वालों को दंडित किया गया है, उन्हें मजा चखाया गया है और उन्हें ऐसा डर दिया गया है उनके साथ जिंदगी भर रहेगा।' 

 - Satya Hindi

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पलटवार

पश्चिम बंगाल सरकार ने इस पर पलटवार किया है। राज्य सरकार के गृह मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा है कि 'इस चिट्ठी को सार्वजनिक करने से इस संवाद की पवित्रता नष्ट हो गई है। उसने यह भी कहा है कि यह चिट्ठी तथ्यों पर आधारित नहीं है।'

गृह मंत्रालय ने कहा है, 'पश्चिम बंगाल सरकार ने दुख और क्षोभ के साथ यह पाया है कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी सार्वजनिक कर दी है। इस चिट्ठी में लिखी गई बातें तथ्यों पर आधारित नहीं है।' 

पर्यवेक्षकों का कहना है कि करीब दो साल पहले शपथ ग्रहण के बाद से ही उन्होंने ममता बनर्जी सरकार के ख़िलाफ़ जिस तरह आक्रामक रवैया अपना रखा है उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी पीछे छोड़ दिया है। 

इसके पहले तृणमूल कांग्रेस के नेता एडवोकेट कल्याण बनर्जी ने राज्यपाल पर जिस तरह हमला किया है उसकी भी कोई मिसाल नहीं मिलती।

कल्याण बनर्जी ने हुगली में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने नारद मामले में सीबीआई को सीधे अनुमति दे दी जो कि संविधान के ख़िलाफ़ है। हम जानते हैं कि हम उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मुकदमा दायर नहीं कर सकते। 

राज्यपाल को संविधान का कसाई बताते हुए तृणमूल नेता ने पार्टी के समर्थकों से राज्य के तमाम थानों में उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराने को कहा। इससे पहले वे धनखड़ को खून चूसने वाला भी बता चुके हैं। बनर्जी ने कहा कि वे जानते हैं कि राज्यपाल एक संवैधानिक पद है और उन्हें भी संविधान और उसके प्रावधानों की जानकारी है। 

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