बीजेपी : चुनाव जीतने पर बंगाल में मुफ़्त कोरोना टीका
महामारी का राजनीतिक इस्तेमाल भी हो सकता है और कोरोना टीका के नाम पर वोट भी माँगा जा सकता है, यह बात एक बार फिर साबित हो रही है। पहले बिहार और अब पश्चिम बंगाल, भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में वह जीत गई तो सबको मु़फ़्त कोरोना टीका देगी। तृणमूल कांग्रेस ने इस पर पलटवार करते हुए सवाल उठाया है कि बिहार में कितने लोगों को मुफ़्त टीका दिया गया है।
पश्चिम बंगाल बीजेपी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव जीतते ही पार्टी सबको मुफ़्त कोरोना टीका देगी।
As soon as BJP government comes to power in West Bengal, COVID-19 vaccine will be provided free of cost to everyone. pic.twitter.com/gzxCOUMjpr
— BJP Bengal (@BJP4Bengal) April 23, 2021
पलटवार
तृणमूल कांग्रेस ने इसे 'फ़्री वैक्सीन जुमला' क़रार दिया है। पार्टी ने ट्वीट कर कहा कि पश्चिम बंगाल बीजेपी की ओर से फ्री वैक्सीन जुमले की घोषणा की गई है। ट्वीट में इसके आगे कहा गया है कि इसी तरह बिहार के लोगों को बेवकूफ़ बनाया गया और चुनाव खत्म होने के बाद आसानी से इसे भुला दिया गया।
Here comes the free vaccine JUMLA announcement from Bharatiya Jumlebaaz Party @BJP4Bengal!
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) April 23, 2021
Similar promise was made by them to fool people in Bihar before elections, which they have conveniently forgotten.
Bengal won’t be fooled.
DO NOT TRUST BJP! https://t.co/3tOYEVQ66l
क्या कहा डेरेक ओ ब्रायन ने?
राज्यसभा सदस्य और टीएमसी के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट कर एक ऑडियो बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि लोग बीजेपी पर यकीन न करें। उन्होंने कहा कि बिहार में भी बीजेपी ने ऐसा ही कहा था, पर उसके बाद क्या हुआ? चुनाव ख़त्म होते ही बीजेपी उसे भूल गई। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल चुनाव के दो चरण बीत चुके हैं और बीजेपी लोगों को भटकाने के लिए यह बात कह रही है, लेकिन उस पर किसी सूरत में विश्वास नहीं किया जा सकता है।
Trinamool made the commitment yesterday.
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) April 23, 2021
BJP announces today.
There is one BIG difference between the two. #COVID19
Watch pic.twitter.com/CfEcKSKFGU
क्या हुआ था बिहार में?
बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार चुनाव के पहले पार्टी का घोषणा पत्र जारी करते हुए यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था, 'ज्यों ही कोविड-19 वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू हो जाएगा, बिहार में हर शख्स को मुफ़्त वैक्सीन मिलेगा। चुनावी घोषणा पत्र में यह हमारा पहला वादा है।'
इस पर बीजेपी की तीखी आलोचना हुई थी। कांग्रेस के सांसद व लेखक शशि थरूर ने तंज किया, ‘तुम मुझे वोट दो, मैं तुम्हें वैक्सीन दूंगा।’
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने सवाल किया, ‘ग़ैर-बीजेपी शासित राज्यों का क्या होगा? क्या जिन्होंने बीजेपी को वोट नहीं दिए हैं, उन्हें मुफ़्त कोरोना टीका नहीं मिलेगा?’
दूसरे राज्यों में भी उठा था यह मुद्दा
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा था, 'कोरोना वायरस के टीके की तैयारियाँ पूरे जोरों से चल रही है। जैसे ही यह बन कर तैयार होगा, मध्य प्रदेश के हर नागरिक को यह मुफ़्त में दिया जाएगा।'
मध्य प्रदेश में राज्य विधानसभा की कुछ सीटों पर उपचुनाव हुए थे।
इसी तरह तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई. पलनीस्वामी ने भी कहा था, 'कोविड-19 का वैक्सीन एक बार बन कर तैयार हो जाए, राज्य के हर नागरिक को यह मुफ़्त में मिलेगा।'
तमिलनाडु विधानसभा का चुनाव पूरा हो चुका है।
लेकिन सवाल तो यह उठता है कि क्या महामारी के इस भीषण दारुण काल में कोरोना के इलाज पर भी राजनीति होगी? क्या कोई सरकार या पार्टी इतनी संवेदनहीन हो सकती है कि वह कोरोना के वैक्सीन का राजनीतिकरण करे?